गुतारेस ने पेरिस जलवायु समझौते में अमेरिका के पुन: प्रवेश को ‘‘उम्मीद का दिन’’ बताया

By भाषा | Published: February 20, 2021 01:36 PM2021-02-20T13:36:27+5:302021-02-20T13:36:27+5:30

Gutaras calls America's re-entry into the Paris Climate Agreement a "day of hope" | गुतारेस ने पेरिस जलवायु समझौते में अमेरिका के पुन: प्रवेश को ‘‘उम्मीद का दिन’’ बताया

गुतारेस ने पेरिस जलवायु समझौते में अमेरिका के पुन: प्रवेश को ‘‘उम्मीद का दिन’’ बताया

(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, 20 फरवरी संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने पेरिस जलवायु समझौते में अमेरिका के पुन: प्रवेश को दुनिया के लिए एक ‘‘उम्मीद का दिन’’ बताया और कहा कि पिछले चार वर्षों से ‘‘प्रमुख साझेदार’’ की अनुपस्थिति ने ऐतिहासिक समझौते को कमजोर किया।

शुक्रवार को अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर पेरिस जलवायु समझौते में वापसी की घोषणा की।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुतारेस ने कहा, ‘‘आज उम्मीद का दिन है, क्योंकि अमेरिका आधिकारिक रूप से पेरिस समझौते में शामिल हुआ है। यह अमेरिका और दुनिया के लिए एक अच्छी खबर है।’’

गुतारेस ने अमेरिका के पेरिस समझौते में फिर से शामिल होने के मौके पर शुक्रवार को आयोजित एक आनलाइन कार्यक्रम में कहा, ‘‘आप सभी के साथ और विशेष रूप से विशेष दूत जॉन केरी के साथ इस अवसर का जश्न मनाना खुशी की बात है, जिनका काम इस ऐतिहासिक समझौते में परिलक्षित होता है।’’

ट्रंप ने अमेरिका को ऐतिहासिक पेरिस समझौते से अलग कर लिया था और गुतारेस ने उस निर्णय को ‘‘ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और वैश्विक सुरक्षा को बढ़ावा देने के वैश्विक प्रयासों के लिए एक बड़ी निराशा’’ करार दिया था।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने पिछले महीने अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के कुछ ही घंटे बाद कई महत्वपूर्ण कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए थे और वाशिंगटन द्वारा पेरिस जलवायु समझौते को फिर से स्वीकार करना नये राष्ट्रपति पद के पहले कदमों में से एक था।

दिसंबर 2015 में पेरिस समझौते को स्वीकार किए जाने के समय केरी अमेरिकी विदेश मंत्री थे। प्रतीकात्मक भाव के तौर पर उन्होंने अप्रैल 2016 में संयुक्त राष्ट्र में संधि पर हस्ताक्षर किए थे। उसक समय उनके साथ उनकी पोती भी साथ थी।

गुतारेस ने कहा कि पिछले चार सालों से एक प्रमुख हिस्सेदार की अनुपस्थिति ने पेरिस समझौते को कमजोर किया।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए आज, हम अमेरिका के इस संधि में फिर से प्रवेश करने का जश्न मना रहे हैं, हम इसकी इसकी संपूर्णता में बहाली को स्वीकार करते हैं जैसा इसके रचनाकार चाहते थे।’’

गुतारेस ने कहा कि पेरिस समझौता एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने चेतावनी दी कि अभी तक की गई प्रतिबद्धताएं, जिसमें पेरिस में की गई प्रतिबद्धाएं भी शामिल हैं, उन्हें पूरा नहीं किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘चेतावनी के संकेत हर जगह हैं। 2015 के बाद के छह साल रिकॉर्ड में छह सबसे गर्म साल रहे हैं। कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। हर क्षेत्र में आग, बाढ़ और मौसम से संबंधित अन्य चरम घटनाएं हो रही हैं।’’

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में आगाह किया कि यदि देशों ने अपने को नहीं बदला तो ‘‘हम इस शताब्दी में तीन डिग्री से अधिक तापमान के विनाशकारी वृद्धि का सामना कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें बहुत देर नहीं हुई है, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हम सक्षम हों, न केवल अगले दशक के दौरान उत्सर्जन में भारी कमी के लिए स्थितियां बनाने के लिए बल्कि 1.5 डिग्री की सीमा को प्राप्त करना संभव बनाने के लिए।’’

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र के लिए एक केंद्रीय उद्देश्य 2050 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन के लिए वास्तव में वैश्विक गठबंधन बनाना है।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल में, विश्व अर्थव्यवस्था का 70 प्रतिशत और वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन का 65 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करने वाले देश शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लिए प्रतिबद्धता जतायी है।’’

उन्होंने उम्मीद जतायी कि अमेरिका औपचारिक रूप से इस गठबंधन में जल्द ही शामिल होगा, जैसा कि राष्ट्रपति बाइडन ने संकल्प जताया है और 2050 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन तक पहुंचने के लिए अपनी ठोस योजना पेश करेंगे।

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Web Title: Gutaras calls America's re-entry into the Paris Climate Agreement a "day of hope"

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