Google Doodle: श्तेफानिया मॉरेचिनानू का आज है 140वां जन्मदिन, जानें कौन है यह महिला जिनका गूगल ने बनाया है ये खास डूडल
By आजाद खान | Published: June 18, 2022 11:57 AM2022-06-18T11:57:53+5:302022-06-18T12:02:48+5:30
Google Doodle: आपको बता दें कि मॉरेचिनानू ने रेडियोएक्टिविटी का कोर्स कर मैरी क्यूरी के साथ रेडियम संस्थान में शोध किया था।
Google Doodle: आज श्तेफानिया मॉरेचिनानू (Ștefania Mărăcineanu) का 140वां जन्मदिन (140th Birthday) है। इस मौके पर गूगल ने गूगल डूडल(Google Doodle) के जरिए उन्हें याद किया है और उनका डूडल तैयार किया है। श्तेफानिया मॉरेचिनानू अपनी खोज के लिए जानी जाती है। वह रेडियोधर्मिता (Radioactivity) की खोज और रिसर्च करने वाली महिलाओं में से एक थी। आइए जानते है कौन है श्तेफानिया मॉरेचिनानू और इन्होंने अपने जीवन क्या ऐसे खोज किए है।
कौन है श्तेफानिया मॉरेचिनानू
18 जून, 1882 को श्तेफानिया मॉरेचिनानू ने बुखारेस्ट में जन्म लिया था। उनकी 10वीं की पढ़ाई सेंट्रल स्कूल फॉर गर्ल्स में हुई थी। 10वीं की पढ़ाई करते हुए उन्होंने रोमानियाई विज्ञान मंत्रालय से स्कॉलरशिप प्राप्त की और फिर पेरिस जाकर रेडियम संस्थान से ग्रेजुएट रिसर्च करने लगी थी। इन्होंने बुखारोस्ट यूनिवर्सिटी में भी दाखिला लिया था। इसके बाद मॉरेचिनानू ने सोरबोन में रेडियोएक्टिविटी का कोर्स किया और 1926 तक उन्होंने मैरी क्यूरी के साथ रेडियम संस्थान में शोध किया। आपको बता दें कि उन्होंने अपना आधा जीवन पोलोनियम के शोध पर खत्म कर दिया था।
कृत्रिम वर्षा पर इन्होंने अपना बिताया ज्यादा समय
अपने खोज के दौरान श्तेफानिया मॉरेचिनानू ने कृत्रिम वर्षा (Artificial Rain) के रिसर्च पर ज्यादा समय बिताया है। इसके लिए उन्होंने अल्जीरिया की यात्रा भी की थी। श्तेफानिया ने भूकंप और वर्षा के बीच की कड़ी को बहुत ही बारीकी से पढ़ा था। यही नहीं वह यह खोज करने वाली पहली महिला बनी जिन्होंने बताया था कि उपरिकेंद्र में भूकंप के कारण ही रेडियोएक्टिविटी में वृद्धि होती है।
Artificial Rain की रिसर्च पर बिताया काफी समय
Maracineanu ने अपना अधिकांश समय कृत्रिम वर्षा (Artificial Rain) पर रिसर्च करते हुए बिताया। इसमें उसके परिणामों की टेस्टिंग करने के लिए अल्जीरिया की यात्रा भी शामिल थी। उसने भूकंप और वर्षा के बीच की कड़ी का भी अध्ययन किया। वह यह रिपोर्ट करने वाली पहली महिला बनीं कि भूकंप के कारण उपरिकेंद्र में रेडियोएक्टिविटी में वृद्धि हुई है। आपको बता दें कि 1936 में श्तेफानिया को उनके काम के लिए रोमानिया की विज्ञान अकादमी ने उन्हें मान्यता दी थी।