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जी-7 ने रूस को यूक्रेन पर हमले के विरूद्ध चेताया

By भाषा | Updated: December 12, 2021 22:23 IST

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लिवरपूल, 12 दिसंबर (एपी) सात आर्थिक महाशक्तियों के समूह (जी-7) ने रविवार को रूस से यूक्रेन सीमा के समीप अपना सैन्य जमावड़ा ‘घटाने’ का आह्वान किया और चेतावनी देते हुए कहा कि यूक्रेन पर हमले के ‘व्यापक’ परिणाम होंगे तथा उसे गंभीर आर्थिक पीड़ा होगी।

अमेरिका, ब्रिटेन और जी-7 के बाकी देशों के विदेश मंत्रियों तथा यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के प्रमुख ने संयुक्त बयान जारी किया तथा ‘‘ रूस के सैन्य जमावड़े तथा यूक्रेन की ओर उसके आक्रामक रवैये की एक साथ निंदा की।’’

जी-7 ने रूस से सैन्य जमावड़े को ‘घटाने’, कूटनीतिक मार्ग अपनाने तथा सैन्य गतिविधियों की पारदर्शिता के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का पालन करने का आह्वान किया एवं यूक्रेन के ‘संयम’ की तारीफ की।

बयान में कहा गया है, ‘‘ सीमा बदलने के लिए बल का कोई भी प्रयोग अंतरराष्ट्रीय कानून में निषिद्ध है। रूस के लिये यूक्रेन के विरूद्ध और किसी भी सैन्य आक्रमण के व्यापक परिणाम होंगे और जवाब में भारी कीमत चुकानी होगी।’’

ब्रिटिश शहर लिवरपूल में चल रहे सात धनी लोकतांत्रिक देशों के समूह (जी-7) के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन के दौरान यूक्रेन सीमा के समीप रूस द्वारा सैन्य उपकरणों एवं सैनिकों की तैनाती चर्चा के केंद्र में रही।

अमेरिका एवं उसके नाटो एवं जी-7 सहयोगियों की चिंता है कि सीमावर्ती क्षेत्र में रूसी सैनिकों की गतिविधि हमले की पूर्व सूचना है और यदि ऐसा (हमला) होता है तो उन्होंने रूस की अर्थव्यवस्था पर भारी प्रतिबंध लगाने की ठान ली है।

हालांकि, रूस ने यूक्रेन पर हमला करने की किसी योजना से इनकार किया है और उसने कीव पर कथित रूप से आक्रामक मंसूबा अपनाने का आरोप लगाया।

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और अन्य जी -7 राजनयिकों के साथ इस संकट पर चर्चा करने के बाद ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रूस ने कहा कि यह संगठन ‘अपने दुश्मनों एवं अपने सहयोगियों को जबर्दस्त संकेत भेज रहा है।’

बयान में ‘साझा एवं समग्र जवाब’ का वादा किया गया है, लेकिन उसका ब्योरा नहीं दिया गया है।

जब संवाददाता सम्मेलन में ट्रूस से आर्थिक पाबंदियों के बारे में पूछा गया कि तो उन्होंने कहा कि जी-7 ‘सभी विकल्पों’ पर गौर कर रहा है।

उधर ब्लिंकन ने एनबीसी के ‘‘मीट द प्रेस’’कार्यक्रम में कहा कि यदि रूस पीछे नहीं हटता है तो ‘‘ हम उस तरह के कदम उठाने के लिए तैयार हैं, जिनसे हमने अतीत में परहेज किया है। ’’

पिछले ही सप्ताह वीडियो कॉल पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बातचीत कर चुके अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शनिवार को कहा था कि उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि हमले की स्थिति में ‘‘आपकी अर्थव्यवस्था के लिए आर्थिक परिणम विनाशकारी होने जा रहे हैं।’’

जी-7 के देश -ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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