श्रीलंका के विदेश मंत्री ने मिलने पहुंचे एस. जयशंकर, बोले- कोलंबो आने का मेरा उद्देश्य भारत के साथ...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 20, 2023 12:08 IST2023-01-20T12:08:37+5:302023-01-20T12:08:37+5:30
कोलंबो में श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी से द्विपक्षीय वार्ता के दौरान एस. जयशंकर ने कई विषयों पर बातचीत की।

(photo credit: ANI twitter)
कोलंबो:भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर अपने दो दिवसीय श्रीलंका दौरे पर कोलंबो पहुंचे हुए हैं। मालद्वीप का दौरा खत्म कर विदेश मंत्री श्रीलंका दौरे के लिए रवाना हो गए। कोलंबो में भारतीय विदेश मंत्री ने श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और विदेश मंत्री अली साबरी से मुलाकात की है। दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच इस मुलाकात में कई विषयों को लेकर बातचीत हुई।
गौरतलब है कि भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका समय के सबसे खराब दौर से गुजर रहा है क्योंकि श्रीलंका काफी समय से आर्थिक संकट से जूझ रहा है। कर्ज में डूबे श्रीलंका के हालात इतने खराब हो गए थे कि यहां लोग सरकार के विरोध में सड़कों पर उतर आए थे। श्रीलंका के मुश्किल हालातों में भारत ने उसकी आर्थिक मदद का हर संभव प्रयास किया। ऐसे में एस. जयशंकर का श्रीलंका में ये दौरा कई मायनों में बेहद अहम है।
भारत का श्रीलंका के साथ एकजुटता बढ़ाने का उद्देश्य मुख्य- एस. जयशंकर
कोलंबो में श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी से द्विपक्षीय वार्ता के दौरान एस. जयशंकर ने कई विषयों पर बातचीत की। उन्होंने अपने दौरे के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा, "कोलंबो आने का मेरा प्राथमिक उद्देश्य इस कठिन समय में श्रीलंका के साथ भारत की एकजुटता को बढ़ाना है।" श्रीलंका के साथ भारत विशेष रूप से ऊर्जा, पर्यटन और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में अधिक से अधिक निवेश करेगा, जिससे श्रीलंका अपने आर्थिक संकट से उभर पाए।
इस वार्ता के दौरान श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने भारत का आभार जताते हुए कहा कि इसमें कोई दोराय नहीं है कि हमारे देश की आवश्यक वस्तुओं के लिए भारत ने श्रीलंका की बहुत मदद की है। श्रीलंका की आवश्यक वस्तुओं को आयात करने के लिए भारत ने 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की क्रेडिट लाइन की सहायता के कारण, हम वित्तीय स्थिरता को हासिल करने में कुछ हद तक कामयाब हुए हैं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं।
कोलंबो आने का मेरा प्राथमिक उद्देश्य इन कठिन क्षणों में श्रीलंका के साथ भारत की एकजुटता व्यक्त करना है... भारत विशेष रूप से ऊर्जा, पर्यटन और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में अधिक से अधिक निवेश करेगा: श्रीलंका के कोलंबो में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर pic.twitter.com/8r8CG1mzzt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 20, 2023
ऋण पुनर्गठन वार्ता यात्रा का मुख्य विषय
विदेश मंत्री एस. जयशंकर के दो दिवसीय श्रीलंका के दौरे का मुख्य उद्देश्य है ऋण पुनर्गठन वार्ता पर बातचीत होना। दरअसल, आर्थिक संकट से जूझ रहा श्रीलंका अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 2.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर का 'ब्रिज लोन' पाने के लिए कोशिश कर रहा है। इसमें श्रीलंका के प्रमुख लेनदार चीन, भारत और जापान है जिनसे वह वित्तीय आश्वासन हासिल करना चाहता है।
यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि आवश्यक वस्तुओं के आयात के लिए भारत से 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की क्रेडिट लाइन की भारी सहायता के कारण, हम वित्तीय स्थिरता के कुछ उपाय हासिल करने में सक्षम रहे। मैं प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करता हूं: श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी pic.twitter.com/zlc6CVLTPE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 20, 2023
गौरतलब है कि आईएमएफ की तरफ से राहत पैकेज को रोक दिया गया है, ऐसे में श्रीलंका आईएमएफ की शर्त के अनुसार, अपने ऋणदाता देशों से बातचीत करने के प्रयासों में जुटा हुआ है। इस संबंध में मंगलवार को ही श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा था कि सरकार ने भारत के साथ अपनी ऋण पुनर्गठन वार्ता को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।