ब्रिटेन के रिटायर फाइटर पायलट्स से अपने सैनिकों को ट्रेनिंग दिला रहा चीन, ब्रिटेन ने जारी की चेतावनी

By शिवेंद्र राय | Published: October 19, 2022 10:57 AM2022-10-19T10:57:07+5:302022-10-19T15:35:30+5:30

चीन की संस्था 'एविएशन इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन ऑफ चाइना' ने दक्षिण अफ्रीका की विमानन उड़ान मामलों से संबंधित संस्था 'टेस्ट फ्लाइट एकेडमी ऑफ साउथ अफ्रीका' से एक गुपचुप करार किया है। टेस्ट फ्लाइट एकेडमी ऑफ साउथ अफ्रीका पश्चिमी देशों की वायुसेना के पायलट्स को भारी-भरकम तनख्वाह का लालच देकर दक्षिण अफ्रीका लाती है और फिर उनको गुपचुप तरीके से चीन भेजकर ट्रेनिंग कराई जाती है।

Ex British fighter pilots lured by China to train its army Britain issued a warning | ब्रिटेन के रिटायर फाइटर पायलट्स से अपने सैनिकों को ट्रेनिंग दिला रहा चीन, ब्रिटेन ने जारी की चेतावनी

चीन ब्रिटेन की वायुसेना के रिटायर हो चुके पॉयलट्स को मोटी रकम का लालच दे रहा है और उनका इस्तेमाल अपने देश के वायुसौनिकों की ट्रेनिंग के लिए कर रहा है

Highlightsचीन यूरोपियन देशों के पायलट्स का इस्तेमाल अपने सैनिकों की ट्रेनिंग के लिए कर रहा हैलगभग 30 रिटायर्ड ब्रिटिश पायलट चीन की सेना में ट्रेनिंग दे भी रहे हैंचीन ऐसे पूर्व पायलट्स को अपने देश बुला रहा है जिन्हें आधुनिक विमान उड़ाने में महारत हासिल है

नई दिल्ली: 16 अक्टूबर से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का 20वां अधिवेशन राजधानी बीजिंग में हो रहा है। साल 2012 से शी जिनपिंग चीन के सर्वोच्च नेता हैं और इस अधिवेशन में उन्हें तीसरी बार लगातार सत्ता की चाबी सौंपी जाएगी। लेकिन इन सबके बीच चीन और उसकी सैन्य तैयारियों से जुड़ी एक ऐसी खबर आई है जिससे ब्रिटेन में सनसनी मच गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन ब्रिटेन की वायुसेना के रिटायर हो चुके पॉयलट्स को मोटी रकम का लालच दे रहा है और उनका इस्तेमाल अपने देश के वायुसौनिकों की ट्रेनिंग के लिए कर रहा है। इतना ही नहीं खबरों के मुताबिक 30 रिटायर्ड ब्रिटिश पायलट चीन की सेना में ट्रेनिंग दे भी रहे हैं।

क्या है पूरा मामला

 ब्रिटेन की वायुसेना के रिटायर हो चुके पॉयलट्स का इस्तेमाल चीन द्वारा अपनी सेना को प्रशिक्षण देने में करने का मामला तब सामने आया जब इस संबंध में अंतराष्ट्रीय मीडिया में रिपोर्ट्स प्रकाशित हुईं। मामला सामने आने के बाद ब्रिटेन की सेना में खलबली है लेकिन सेना के उच्चाधिकारियों का कहना है कि इससे किसी कानून का उल्लंघन नहीं हुआ है। ब्रिटेन की सेना की तरफ से इस मामले में अलर्ट जारी किया गया है और पायलटों को रोकने के लिए कानून सख्त बनाने की मांग भी की जा रही है। 

चीन ऐसा क्यों कर रहा है

विशेषज्ञों की मानें तो चीन ये सारी कवायद अमेरिका के साथ जारी तनाव और ताइवान को लेकर होने वाले संभावित संघर्ष को ध्यान में रखते हुए कर रहा है। दरअसल चीन के पास जो लड़ाकू विमान हैं वह या तो उसके खुद के बनाए हुए हैं या रशियन हैं। ऐसे में चीन चाहता है कि उसके सैनिक सीखें कि पश्चिमी देशों में लड़ाकू विमान और पायलट किस तरह से काम करते हैं। बताया जाता है कि अगर चीन का ताइवान से किसी तरह का संघर्ष होता है तो यह जानकारी उसके लिए काफी काम की हो सकती है। यही कारण है कि चीन ऐसे पूर्व पायलट्स को अपने देश बुला रहा है जिन्हें टायफून, जगुआर, हैरियर और टोरनैडो जैसे विमान उड़ाने में महारत हासिल है। इतना ही नहीं चीन को कोशिश ऐसे पॉयलट्स को भी अपने साथ जोड़ने की है जिन्हें अमेरिका के सबसे आधुनिक विमान एफ-35 को उड़ाने का अनुभव हो।

चीन पहले भी कर चुका है ऐसा कोशिशें

ये पहली बार नहीं है जब चीन यूरोपियन देशों के पायलट्स का इस्तेमाल अपने सैनिकों की ट्रेनिंग के लिए कर रहा हो। इससे पहले भी चीन ने दक्षिण अफ्रीका में अपने वायुसैनिकों के प्रशिक्षण के लिए फ्रांस के पायलट्स की मदद ली थी। हालांकि तब अमेरिका के दबाव के बाद चीन की कोशिशों पर लगाम लगी थी। 

अब चीन ने फिर से पहले से ज्यादा शातिर तरीके से इस योजना पर काम शुरू किया है। दरअसल चीन की संस्था एविएशन इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन ऑफ चाइना ने दक्षिण अफ्रीका की विमानन उड़ान मामलों से संबंधित संस्था टेस्ट फ्लाइट एकेडमी ऑफ साउथ अफ्रीका से एक गुपचुप करार किया है। टेस्ट फ्लाइट एकेडमी ऑफ साउथ अफ्रीका पश्चिमी देशों की वायुसेना के पायलट्स को भारी-भरकम तनख्वाह का लालच देकर दक्षिण अफ्रीका लाती है फिर उनको गुपचुप तरीके से चीन भेजकर ट्रेनिंग कराई जाती है। 

चीन की ये करतूत सामने आने के बाद ये आशंका जताई जा रही है कि विदेशी पायलट्स पश्चिमी देशों की तकनीक चीन के साथ साझा कर सकते हैं। अभी तक इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि रिटायर्ड पायलट्स ने कोई खुफिया जानकारी चीन तक पहुंचाई हो लेकिन ब्रिटिश सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। संभव है कि अपने पायलटों को ऐसी सेवा देने से रोकने के लिए जल्द ही ब्रिटेन की सरकार कोई कानून भी बनाए।

Web Title: Ex British fighter pilots lured by China to train its army Britain issued a warning

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