आकाशीय बिजली गिरने से हर साल दुनिया में करीब 32 करोड़ पेड़ नष्ट?, रिपोर्ट में खुलासा, जंगलों में आग लगने से 1.26 अरब टन कार्बन डाइऑक्साइड

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 23, 2025 21:25 IST2025-07-23T21:24:17+5:302025-07-23T21:25:37+5:30

जर्मनी की ‘टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख’ के शोधकर्ताओं ने बताया कि यह मात्रा जंगलों में आग लगने से हर साल निकलने वाले 1.26 अरब टन कार्बन डाइऑक्साइड के करीब है।

Every year around 32 crore trees destroyed world due lightning report reveals 1-26 billion tons carbon dioxide emitted due forest fires | आकाशीय बिजली गिरने से हर साल दुनिया में करीब 32 करोड़ पेड़ नष्ट?, रिपोर्ट में खुलासा, जंगलों में आग लगने से 1.26 अरब टन कार्बन डाइऑक्साइड

सांकेतिक फोटो

Highlightsवैज्ञानिकों का कहना है कि यह उत्सर्जन जलवायु परिवर्तन के लिए एक गंभीर चुनौती हो सकता है। पेड़ों के अनुमान में बिजली गिरने से लगी आग से पेड़ों को पहुंची क्षति शामिल नहीं की गई है।आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं अधिक आम होती जा रही हैं, इसलिए इसपर ध्यान देने की जरूरत है।

नई दिल्लीः आकाशीय बिजली गिरने से हर साल दुनिया में करीब 32 करोड़ पेड़ नष्ट हो जाते हैं, जो दुनिया में पौधों के कुल ‘बायोमास’ (जैविक द्रव्यमान) की दो से तीन प्रतिशत हानि के लिए जिम्मेदार हैं। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। पेड़ों के विनाश से प्रतिवर्ष 0.77 से 1.09 अरब टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित होने का अनुमान है। जर्मनी की ‘टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख’ के शोधकर्ताओं ने बताया कि यह मात्रा जंगलों में आग लगने से हर साल निकलने वाले 1.26 अरब टन कार्बन डाइऑक्साइड के करीब है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह उत्सर्जन जलवायु परिवर्तन के लिए एक गंभीर चुनौती हो सकता है। उन्होंने बताया कि ‘ग्लोबल चेंज बायोलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित किए गए आकाशीय बिजली गिरने से नष्ट हुए पेड़ों के अनुमान में बिजली गिरने से लगी आग से पेड़ों को पहुंची क्षति शामिल नहीं की गई है।

‘टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख’ में भूमि सतह-वायुमंडलीय अंतःक्रिया के अध्यक्ष एवं प्रमुख शोधकर्ता एंड्रियास क्राउज ने कहा कि जैसे-जैसे धरती का ताप बढ़ रहा है वैसे वैसे ही आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं अधिक आम होती जा रही हैं, इसलिए इसपर ध्यान देने की जरूरत है।

क्राउज ने कहा, ‘‘वर्तमान में आकाशीय बिजली गिरने से नष्ट होते पेड़ों की दर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में सबसे अधिक है। हालांकि, मॉडल बताते हैं कि आकाशीय बिजली गिरने की आवृत्ति मुख्य रूप से मध्य और उच्च अक्षांश क्षेत्रों में बढ़ेगी, जिसका अर्थ है कि शीतोष्ण और बोरियल वनों में भी बिजली से होने वाले पेड़ों के नुकसान की दर अधिक प्रासंगिक हो सकती है।’’

टीम ने कहा कि हर साल आकाशीय बिजली गिरने से सीधे तौर पर क्षतिग्रस्त होने वाले पेड़ों की संख्या स्पष्ट नहीं होती लेकिन उनके शोध ने अनुमान लगाने में मदद करने वाली पहली विधि विकसित कर ली है। क्राउज़ ने कहा, ‘‘अब हम न केवल यह अनुमान लगाने में सक्षम हैं कि प्रतिवर्ष बिजली गिरने से कितने पेड़ नष्ट होते हैं, बल्कि सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करने और वैश्विक कार्बन भंडारण तथा वन संरचना पर पड़ने वाले प्रभावों का आकलन करने की भी क्षमता रखते हैं।’’

Web Title: Every year around 32 crore trees destroyed world due lightning report reveals 1-26 billion tons carbon dioxide emitted due forest fires

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