England and Wales: इंग्लैंड और वेल्स में नया कानून, विवाह के लिए न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष, बाल विवाह कराने का दोषी पाए जाने पर सात साल कारावास तक की सजा...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 27, 2023 08:41 PM2023-02-27T20:41:15+5:302023-02-27T20:46:02+5:30
England and Wales: नए कानून ‘विवाह एवं नागरिक सहभागितता (न्यूनतम) आयु 2022’ का उन परमार्थ संगठनों ने स्वागत किया है, जो जबरन विवाह के खिलाफ मुहिम चला रहे थे।

बाल विवाह कराने का दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को सात साल कारावास तक की सजा का प्रावधान है।
लंदनः इंग्लैंड और वेल्स में विवाह के लिए न्यूनतम आयु सीमा को सोमवार से बढ़ाकर 18 वर्ष कर दिया गया है ताकि कम आयु के लोगों को उनकी इच्छा के विरुद्ध जबरन विवाह कराए जाने से बचाया जा सके। इससे पहले तक 16 या 17 वर्ष की आयु के लोग माता-पिता की सहमति से विवाह कर सकते थे।
नए कानून ‘विवाह एवं नागरिक सहभागितता (न्यूनतम) आयु 2022’ का उन परमार्थ संगठनों ने स्वागत किया है, जो जबरन विवाह के खिलाफ मुहिम चला रहे थे। जबरन विवाह की समस्या से ब्रिटेन में दक्षिण एशियाई और अफ्रीकी समुदाय के कुछ वर्ग व्यापक रूप से प्रभावित है।
ब्रिटेन के उप प्रधानमंत्री डोमिनिक राब ने कहा, ‘‘इस कानून की मदद से हमारे समाज में मौजूद जबरन विवाह की समस्या से कमजोर युवाओं का बेहतर तरीके से बचाव किया जा सकेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग बच्चों को बरगला कर कम आयु में उनका विवाह करा देते हैं, उन्हें अब कानून का सामना करना पड़ेगा।’’
बाल विवाह कराने का दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को सात साल कारावास तक की सजा का प्रावधान है। ब्रिटेन सरकार ने कहा कि 18 वर्ष को व्यापक रूप से उस आयु के रूप में मान्यता दी जाती है जब व्यक्ति वयस्क हो जाता है और पूर्ण नागरिकता अधिकार प्राप्त करता है।
पहले यदि यह साबित हो जाता था कि किसी व्यक्ति ने जबरन किसी का विवाह कराया है, तभी अपराध माना जाता था, लेकिन अब जबरन विवाह होने की बात साबित करने की आवश्यकता नहीं है। यदि किसी का विवाह 18 साल से कम की आयु में कराया जाता है, तो इसे अपराध माना जाएगा।
लड़कियों के साथ घरेलू हिंसा, समय से पहले पढ़ाई छोड़ देने की समस्या, करियर के सीमित अवसर और गंभीर शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं अकसर बाल विवाह से जुड़ी होती हैं। ब्रिटेन सरकार ने कहा कि यह कानूनी बदलाव 2030 तक बाल विवाह को समाप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में किए गए संकल्प को लेकर देश की प्रतिबद्धता दर्शाता है।