श्रीलंका में आर्थिक संकट पहुंचा भयावह दौर में, सेना ने पेट्रोल पंप पर हमला कर रहे दंगाइयों पर की फायरिंग

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 19, 2022 03:12 PM2022-06-19T15:12:24+5:302022-06-19T15:19:48+5:30

श्रीलंका में बीते शनीवार रात विद्रोही जनता ने सरकार की चेतावनियों की अनदेखी करते हुए पेट्रोल लूटने की नीयत से एक पेट्रोल पंप पर हमला बोला, जिसके बाद सेना ने कड़ी कार्रवाई करते हुए फ्यूल स्टेशन पर दंगाईयों को रोकने के लिए गोली चला दी।

economic crisis reached Sri Lanka in a frightening period, the army opened fire on the rioters attacking the petrol pump | श्रीलंका में आर्थिक संकट पहुंचा भयावह दौर में, सेना ने पेट्रोल पंप पर हमला कर रहे दंगाइयों पर की फायरिंग

श्रीलंका में आर्थिक संकट पहुंचा भयावह दौर में, सेना ने पेट्रोल पंप पर हमला कर रहे दंगाइयों पर की फायरिंग

Highlightsश्रीलंकाई नागरिकों में आर्थिक असंतोष इतना बढ़ गया है कि वो अब लूटपाट पर आमादा हो गये हैंविद्रोही जनता ने सरकारी चेतावनियों की अनदेखी करते हुए एक पेट्रोल पंप पर हमला बोलाजिसके जवाब में सेना ने कड़ी कार्रवाई करते हुए फ्यूल स्टेशन पर गोलियां चलाईं

कोलंबो: आर्थिक बदहाली के कारण लगभग गृहयुद्ध जैसी स्थिति झेल रहे श्रीलंकाई नागरिकों में भारी असंतोष देखने को मिल रहा है। स्थिति इतनी भायवह हो गई है कि नागरिक अब लूटपाट पर आमादा हो गये हैं।

बीते शनीवार रात विद्रोही जनता ने सरकार की चेतावनियों की अनदेखी करते हुए पेट्रोल लूटने की नीयत से एक पेट्रोल पंप पर हमला बोला, जिसके बाद सेना ने कड़ी कार्रवाई करते हुए फ्यूल स्टेशन पर दंगा रोकने के लिए गोलियां चलाईं।

समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक श्रीलंकाई अधिकारियों ने रविवार को बताया कि दिवालिया हो चुके श्रीलंका में पेट्रोल और डीजल के लिए लोगों की लंबी कतारें देखी गईं। इस मामले में सेना के प्रवक्ता नीलांथा प्रेमरत्ने ने कहा कि कोलंबो से 365 किलोमीटर उत्तर में विसुवामाडु में शनिवार रात एक पेट्रोल पंप को बचाने के लिए सैनिकों ने गोलीबारी की।

प्रेमरत्ने ने बताया, "करीब 20 से 30 लोगों के हिंसक समूह ने पेट्रोल पंप पर भारी पथराव किया। इस हमले में सेना का एक ट्रक भी क्षतिग्रस्त हो गया।" वहीं पुलिस की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक विद्रोहियों पर काबू पाने के लिए सेना की ओर से गई गोलीबारी में चार नागरिकों सहित तीन सैनिक घायल हो गए।

पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा कि पेट्रोल पंप पर पेट्रोल खत्म होते ही वहां मौजूद मोटर चालक हिंसक हो गये, मामले में सेना ने दखल देते हुए शांति बहाली का प्रयास किया लेकिन भीड़ उग्र हो गई और सैनिकों को झड़प शांत करने के लिए गोली चलानी पड़ी।

मालूम हो कि साल 1948 में मिली स्वतंत्रता के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है। विदेशी मुद्रा भंडारण के शून्य होने के कारण देश में भोजन, ईंधन और दवाओं सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं की भारी किल्लत हो गई है।

देश की लगभग 22 मिलियन आबादी भारी अव्यवस्था के बीच जिंदगी गुजार रही है, जनता इस आर्थिक तबाही के लिए मौजूदा राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षेको जिम्मेदार मानते हुए पद से इस्तीफा देने की मांग कर रही है, लेकिन राजपक्षे पद पर डटे हुए हैं।

श्रीलंका सरकार ने जनता के बागी तेवर को देखते हुए ईंधन स्टेशनों की सुरक्षा के लिए भारी संख्या में सशस्त्र पुलिस और सैनिकों की तैनात की है। पुलिस ने कहा कि वो सरकार के खिलाफ विद्रोह करने वालों को फौरन हिरासत में ले लेंगे, लेकिन उसके बावजूद जनता सड़कों पर उतर कर सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रही है।

वहीं सरकार ने भी जनता के गुस्से भांपते हुए घटते हुए ईंधन भंडार को बचाने के लिए राज्य के संस्थानों और स्कूलों को दो सप्ताह के लिए बंद करने की घोषणा कर दी है।

संयुक्त राष्ट्र ने श्रीलंका की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि श्रीलंका में पांच में से चार लोगों ने भोजन छोड़ना शुरू कर दिया है क्योंकि वे भोजना का खर्च उठाने के काबिल नहीं रह गये हैं। यही कारण है कि संयुक्त राष्ट्र ने श्रीलंका के संबंध में "गंभीर मानवीय संकट" की चेतावनी जारी कर दी है।

Web Title: economic crisis reached Sri Lanka in a frightening period, the army opened fire on the rioters attacking the petrol pump

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