ईस्टर रविवार हमला : भारतीय खुफिया जानकारी पर कार्रवाई में श्रीलंका की विफलता का मुद्दा संसद में उठा

By भाषा | Updated: July 19, 2021 16:25 IST2021-07-19T16:25:25+5:302021-07-19T16:25:25+5:30

Easter Sunday attack: The issue of Sri Lanka's failure to act on Indian intelligence raised in Parliament | ईस्टर रविवार हमला : भारतीय खुफिया जानकारी पर कार्रवाई में श्रीलंका की विफलता का मुद्दा संसद में उठा

ईस्टर रविवार हमला : भारतीय खुफिया जानकारी पर कार्रवाई में श्रीलंका की विफलता का मुद्दा संसद में उठा

कोलंबो, 19 जुलाई श्रीलंका में 2019 में ईस्टर रविवार को होने वाले आत्मघाती बम धमाकों के बारे में भारत द्वारा उपलब्ध कराई गई खुफिया सूचना पर कार्रवाई करने में पुलिस के नाकाम रहने का मुद्दा देश के पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने सोमवार को संसद में उठाया। इस हमले में 11 भारतीय समेत 270 लोग मारे गए थे।

आईएसआईएस से संबंद्ध स्थानीय इस्लामी चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात से जुड़े नौ आत्मघाती हमलावरों ने 21 अप्रैल 2019 को श्रीलंका में तीन कैथोलिक चर्चों और तीन लग्जरी होटलों में एक के बाद एक बम धमाके किए। इन धमाकों में 270 लोगों की मौत हुई थी जबकि 500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

संसद में विक्रमसिंघे ने कहा कि उस समय उनकी सरकार के एक मंत्री हरीन फर्नांडो ने उन्हें हमलों के बाद बताया था कि फर्नांडो के पिता ने उनकी बहन को ईस्टर रविवार की प्रार्थना में शामिल नहीं होने की चेतावनी दी थी क्योंकि उस दिन वहां समस्या हो सकती थी।

द्विपीय राष्ट्र में आसन्न आत्मघाती बम हमले को लेकर भारत की तरफ से उपलब्ध कराई गई खुफिया जानकारी पर कार्रवाई न करने के लिये पुलिस पर आरोप लगाते हुए विक्रमसिंघे ने कहा, “जब पुलिस ने भारतीय खुफिया जानकारी पर कार्रवाई नहीं की तो क्या वे हरीन फर्नांडो की सूचना पर कार्रवाई करते।”

पिछले हफ्ते कैथोलिक गिरिजाघर के प्रमुख मैल्कम कार्डिनल रंजीत ने सरकार से अनुरोध किया था कि वह तत्कालीन प्रधानमंत्री के तौर पर हमलों को रोकने में नाकाम रहने को लेकर विक्रमसिंघे के खिलाफ कार्रवाई करे।

कार्डिनल ने कहा था कि तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना की तरफ से हमले को लेकर शुरू की गई जांच में उन्हें हमलों को रोकने में नाकाम रहने का दोषी पाया गया था।

कार्डिनल ने कहा कि इसी तरह जांच के दौरान विक्रमसिंघे को देश में बढ़ते इस्लामी चरमपंथ के प्रति नरम रुख रखने का भी दोषी पाया गया।

राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को लिखे 10 पन्नों के पत्र में गिरिजाघर ने याद दिलाया कि जांच आयोग ने अपने दायित्वों के निर्वहन में विफल रहने को लेकर पूर्व राष्ट्रपति सिरिसेना के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की अनुशंसा की थी।

गिरिजाघर की तरफ से कहा गया कि जांच की रिपोर्ट आए पांज महीने हो चुके हैं लेकिन अब तक सिरिसेना के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। पत्र में खुफिया नाकामी को लेकर जवाबदेही की मांग करते हुए दोषियों को कानून के दायरे में लाने के प्रति जांच में गंभीरता की कमी को लेकर असंतोष व्यक्त किया गया है। सरकार ने जांच में किसी भी तरह की ढिलाई से इनकार करते हुए कहा कि करीब 700 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और समुचित कानूनी प्रक्रिया का पालन हो रहा है।

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Web Title: Easter Sunday attack: The issue of Sri Lanka's failure to act on Indian intelligence raised in Parliament

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