जलियावाला बाग नरसंहार पर पीएम टेरेसा मे ने खेद व्यक्त किया, माफी नहीं मांगी
By भाषा | Published: May 9, 2019 07:26 PM2019-05-09T19:26:06+5:302019-05-09T19:26:06+5:30
भारतीय प्रवासियों की अच्छी खासी मौजूदगी के बीच उन्होंने कहा, “जो हुआ हमें उसपर गहरा खेद है और इतने सारे लोगों को दर्द से गुजरना पड़ा।” उन्होंने कहा, “उस दिन जो हुआ था उसका विवरण सुनने के बाद कोई भी ऐसा नहीं होगा जो अंदर तक हिल न जाए। कोई भी सच में ये नहीं सोच सकता कि 100 साल पहले उस दिन इस बाग में आने वालों पर क्या गुजरी होगी।”
प्रधानमंत्री टेरेसा मे ने जलियावाला बाग नरसंहार पर ब्रिटिश सरकार की तरफ से गहरा खेद व्यक्त किये जाने की बात दोहराई है। बैसाखी के मौके पर अमृतसर में हुए इस नरसंहार की 100वीं बरसी के मौके पर ब्रिटिश सरकार की तरफ से इस घटना पर खेद व्यक्त किया गया है।
जलियावाला बाग नरसंहार अमृतसर में बैसाखी के त्योहार के मौके पर 13 अप्रैल 1919 को हुआ था जब ब्रिटिश इंडियन आर्मी ने कर्नल रेगीनाल्ड डायर की कमान में आजादी समर्थकों की भीड़ पर गोलीबारी करवाई जिसमें औरतों, बच्चों समेत सैंकड़ों की जान गई।
लंदन में डाउनिंग स्ट्रीट पर बुधवार शाम को बैसाखी समारोह के दौरान प्रधानमंत्री मे ने पिछले महीने हाउस ऑफ कॉमन्स में दिये गए अपने बयान को दोहराया जिसमें उन्होंने इसे ब्रिटिश भारतीय इतिहास पर “शर्मनाक धब्बा” करार दिया था।
भारतीय प्रवासियों की अच्छी खासी मौजूदगी के बीच उन्होंने कहा, “जो हुआ हमें उसपर गहरा खेद है और इतने सारे लोगों को दर्द से गुजरना पड़ा।” उन्होंने कहा, “उस दिन जो हुआ था उसका विवरण सुनने के बाद कोई भी ऐसा नहीं होगा जो अंदर तक हिल न जाए। कोई भी सच में ये नहीं सोच सकता कि 100 साल पहले उस दिन इस बाग में आने वालों पर क्या गुजरी होगी।”