रोहिंग्या शरणार्थियों को सता रहा है कोरोना वायरस संक्रमण का डर, प्रति वर्ग किलोमीटर में रहते हैं 4000 लोग

By भाषा | Published: April 3, 2020 01:41 PM2020-04-03T13:41:55+5:302020-04-03T13:41:55+5:30

बांग्लादेश में इस खतरनाक वायरस से अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है और यहां संक्रमण के 54 मामले सामने आए हैं।

Coronavirus fear grips Rohingya camps in Bangladesh | रोहिंग्या शरणार्थियों को सता रहा है कोरोना वायरस संक्रमण का डर, प्रति वर्ग किलोमीटर में रहते हैं 4000 लोग

बांग्लादेश में रोहिंग्या मुस्लिम कोरोना वायरस के खतरे के साये में जी रहे हैं। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsबांग्लादेश में प्रति वर्ग किलोमीटर में करीब 4,000 लोग एकदम सटी झोपड़ियों में रहते हैं।जनसंख्या का यह घनत्व बांग्लादेश के औसत घनत्व से 40 गुणा ज्यादा है।

ढाका। दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी शिविरों में से एक बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में रह रहे रोहिंग्या मुस्लिम कोरोना वायरस के खतरे के साये में जी रहे हैं, क्योंकि यहां छोटे से क्षेत्र में बनीं छोटी-छोटी झोंपड़ियों में कई लोग साथ रहते हैं, यानी अगर यहां संक्रमण फैलता है तो उसे रोक पाना काफी मुश्किल होगा।

यहां प्रति वर्ग किलोमीटर में करीब 4,000 लोग एकदम सटी झोपड़ियों में रहते हैं और जनसंख्या का यह घनत्व बांग्लादेश के औसत घनत्व से 40 गुणा ज्यादा है। प्रत्येक झोपड़ी 10 वर्ग मीटर में बनी है और किसी-किसी झोपड़ी में तो 12 लोग साथ रहते हैं। हालांकि अभी तक इस शिविर में संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है।

बांग्लादेश के अतिरिक्त आयुक्त (शरणार्थी, राहत एवं प्रत्यर्पण) मोहम्मद शमसुदोजा ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को फोन पर बताया, ‘‘हम उन्हें सुरक्षित रखने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं लेकिन अगर वायरस का प्रकोप यहां पहुंचता है तो उसे रोकना हमारे लिए मुश्किल काम होगा।’’

उन्होंने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने की तैयारियों के बाद भी 34 शिविर बड़ी चुनौती हैं। उन्होंने कहा कि यहां सामाजिक दूरी परिवारों के लिए लगभग असंभव है। बांग्लादेश में इस खतरनाक वायरस से अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है और यहां संक्रमण के 54 मामले सामने आए हैं।

इस दक्षिण एशियाई देश में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है, क्योंकि इटली और कोरोना वायरस प्रभावित अन्य देशों से यहां के नागरिक लौटे हैं और जो लौटे हैं उनमें से ज्यादातार सामाजिक दूरी या खुद ही पृथक रहने के नियम का पालन नहीं कर रहे हैं।

कॉक्स बाजार में शीर्ष सरकारी अधिकारी मोहम्मद कमाल हुसैन ने कहा कि शिविरों में विदेशियों के जाने पर रोक लगा दी गई है और बहुत आवश्यक होने पर ही उन्हें वहां जाने की अनुमति है।

उन्होंने कहा कि शिविरों के भीतर 100 बिस्तर वाला पृथक केंद्र बनाया गया है और विश्व स्वास्थ्य संगठन की मदद से आधुनिक सेवाओं वाला 200 बिस्तरों का अस्पताल बनाया जा रहा है। म्यामां की सेना ने अगस्त 2017 में उग्रवादरोधी अभियान चलाया था और उसके बाद वहां से आए रोहिंग्या ने बांग्लादेश में शरण ले रखी है। म्यामां की सेना पर नरसंहार, हत्या और हजारों घरों को जलाने का आरोप है।

Web Title: Coronavirus fear grips Rohingya camps in Bangladesh

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