कोरोना वायरस महामारीः लॉकडाउन के कारण दो महीने से अधिक वक्त से भारत में फंसे 190 से अधिक पाकिस्तानी घर लौटे, वाघा सीमा से गए
By भाषा | Published: May 5, 2020 08:41 PM2020-05-05T20:41:38+5:302020-05-05T20:41:38+5:30
कोरोना का कहर भारत समेत दुनिया भर में है। लगभग 2 माह से भारत में फंसे 190 से अधिक पाकिस्तानी को वाघा सीमा के द्वारा पाकिस्तान भेज दिया गया। इस बीच पाक के पीएम इमरान खान ने कहा कि चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन को हटाएंगे।
लाहौर/इस्लामाबादः कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू लॉकडाउन में दो महीने से अधिक समय से भारत में फंसे 190 से अधिक पाकिस्तानी नागरिक मंगलवार को वाघा सीमा के रास्ते पाकिस्तान लौट आए। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने महिलाओं और बच्चों समेत 193 लोगों को वाघा सीमा पर पाकिस्तान रेंजर्स के सुपुर्द किया।
पाकिस्तानी रेंजर्स के एक अधिकारी ने बताया कि ये पाकिस्तानी नागरिक बंद की वजह से दो महीने से अधिक वक्त से भारत के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए थे। इनमें से अधिकतर अपने रिश्तेदारों से मिलने, इलाज कराने या धार्मिक समारोहों में शामिल होने गए थे।
पाकिस्तान लौटने पर उनकी जांच कराई गयी और लाहौर के पृथक-वास केंद्रों में भेज दिया गया जहां वे 72 घंटे रहेंगे। अधिकारी ने कहा, ‘‘अगर उनकी कोरोना वायरस जांच में संक्रमण की पुष्टि नहीं होती तो उन्हें 72 घंटे बाद घर जाने दिया जाएगा अन्यथा उन्हें 14 दिन के लिए पृथक-वास में रखा जाएगा।’’
जो लोग आज लौटे हैं, खबरों के मुताबिक, उन्हें भारत में भी विभिन्न शहरों में पृथक-वास में रखा गया था। पाकिस्तान में प्रवेश से पहले अटारी सीमा पर उनकी जांच की गयी। इन सभी को पाकिस्तानी अधिकारियों के सुपुर्द कर दिया गया और इनमें से किसी में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं दिखाई दिए।
भारत से लौटे इन लोगों के रिश्तेदारों को उनसे मिलने के लिए वाघा सीमा में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गयी। इनमें 49 लोग नागपुर से, 33 मध्य प्रदेश से, 12 अहमदाबाद से, नौ-नौ मुंबई, दिल्ली, रायपुर और जयपुर से, छह-छह बिजनौर तथा आणंद से, पांच लखनऊ, चार गुरुग्राम से, तीन-तीन आगरा, रायबरेली, रामपुर, कौशांबी, कोल्हापुर, कोटा और फिरोजपुर से, दो कोलकाता से तथा एक-एक जोधपुर और लुधियाना से लौटे हैं।
पाकिस्तान चरणबद्ध तरीके से हटाएगा देशव्यापी बंद: इमरान खान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशव्यापी बंद को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। खान ने ‘कोरोना राहत टाइगर फोर्स’ के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि पाकिस्तान अनिश्चितकाल तक बंद नहीं झेल सकता और आने वाले दिनों में चरणबद्ध तरीके से बंद समाप्त किया जाएगा। ‘कोरोना राहत टाइगर फोर्स’ एक विवादित युवा संगठन है जो गरीबों की पहचान करने में सरकार की मदद करेगा, ताकी उन तक मदद पहुंचाई जा सके।
देश में बंद की अवधि नौ मई को समाप्त हो रही है। प्रधानमंत्री हालात पर चर्चा के लिए मंगलवार को बैठक कर सकते हैं। खान ने कहा कि कोरोना राहत टाइगर फोर्स कोई राजनीतिक गुट नहीं है बल्कि स्वयंसेवियों का एक गुट है जो लोगों को वायरस से बचाने और भूख तथा बेरोजगारी से बचाने में संतुलन बैठाने में मदद करेगा। स्वास्थ्य मामलों के विशेष सहायक डॉ जफर मिर्जा ने कहा कि कोरोना राहत टाइगर फोर्स में 17,000 ऐसे लोग हैं जो चिकित्सा समुदाय से हैं।
पाकिस्तान में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,083 नए मामले सामने आने के बाद देश में कुल संक्रमितों की संख्या 20,000 से ज्यादा हो गई। पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 1,083 नए मामले सामने आए हैं जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या 20,186 तक पहुंच गई है। इस अवधि में कुल 22 मौतें हुई और मृतकों की कुल संख्या अब 462 है। देश में 5,590 मरीजों का इलाज अब तक हो चुका है। अधिकारियों ने बताया कि देश में अब तक 212,511 जांच की गई है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय ने बताया कि पंजाब में 7,524 मामले, सिंध में 7,465 मामले, खैबर पख्तुनख्वा में 3,129 मामले, बलोचिस्तान में 1,218, इस्लामाबाद में 415, गिलगित-बाल्तिस्तान में 364 और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 71 मामले हैं। डॉन समाचार पत्र के अनुसार सिंध के हैदराबाद शहर में कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से नाजुक स्थिति में पहुंचे मरीज पर प्रयोग के तौर पर संक्रमण से स्वस्थ हुए मरीज का प्लाज्मा चढ़ाया गया है।
प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को सलाहकारों के साथ एक बैठक में कहा कि सरकार की बेहतरीन रणनीति की वजह से देश कोरोना वायरस के खतरे से बाहर निकल रहा है। वहीं सोमवार को एक सरकारी रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में 500 से अधिक चिकित्साकर्मी और 40 पत्रकार कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। आधिकारिक आंकडों के अनुसार ,‘‘503चिकित्साकर्मी जिनमें 250 चिकित्सक और 110नर्स शामिल हैं सभी संक्रमित मरीजों के इलाज के दौरान संक्रमित हुए है। इनमें से अधिकतर पंजाब प्रांत से हैं।