47 साल बाद Coffee के कप से खुला Rape-Murder का रहस्य, तिनका-तिनका तह तक पहुंची तहकीकात
By गुणातीत ओझा | Published: November 16, 2020 07:20 PM2020-11-16T19:20:08+5:302020-11-16T19:59:51+5:30
वाशिंगटन में हत्या और रेप के मामले में 47 साल बाद पुलिस को दोषी को पकड़ने में सफलता मिली है। दोष साबित होने के कुछ ही देर बाद दोषी ने आत्महत्या कर ली।
वाशिंगटन। हत्या के मामले मजबूत सबूतों और साक्ष्यों पर सॉल्व किए जाते हैं। साक्ष्य और सबूत के बिना किसी को दोषी करार नहीं किया जा सकता, भले ही उसके दामन खून के छींटों से दागदार क्यों न हों! आज भी कई खूंखार अपराधी सबूतों के अभाव में खुलेआम घूम रहे हैं। लेकिन कहते हैं ना गुनाह आपका पीछा नहीं छोड़ता। वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी.. जैसी करनी वैसी भरनी। यानी आपके पाप-पुण्य का लेखाजोखा होना तय हैं। आज एक ऐसा ही अपराधनामा हम आपको सुनाने जा रहे हैं जिसमें हत्यारा 47 साल तक कानून की निगाहों से बचता रहा और आखिर में एक कॉफी के कप से उसके गुनाहों का पर्दाफाश हुआ। मामला अमेरिका के वाशिंगटन का है।
आपको ले चलते हैं 47 साल पहले साल 1972 के अगस्त महीने में। जोडी लूमिस अर्ध-नग्न हालत में सुन-सान सड़क के एक किनारे पर पड़ी हुई थी। उसके माथे में गोली मारी गई थी। वहां से गुजर रहे एक कपल की नजर लहुलुहान लूमिस पर पड़ी। वक्त जाया किए बिना वो कपल लूमिस अस्पताल ले गया। लेकिन 20 वर्षीय लूमिस की अस्पताल आते ही मौत हो गई। अपने अंतिम समय में लूमिस कहना तो बहुत कुछ चाहती थी लेकिन उसके साथ हुई हैवानियत को बयां नहीं कर पाई और मौत की नींद सो गई।
47 साल तक यह मामला ठंडा पड़ा रहा। मामले की तफ्तीश में पुलिस लूमिस के साथ मारपीट करने और उसकी हत्या करने के थोड़े ही सबूत जुटा सकी थी। पुराने मामलों के तेजी से निस्तारण के अभियान में लूमिस के साथ हुई दरिंदगी की तस्वीर साफ होने लगी। उसके बूट से हत्यारे के स्पर्म के अंश मिले थे। स्पर्म को डीएनए टेस्ट के लिए भेजा गया। हत्यारे को सामने लाने के लिए पुलिस ने genetic genealogy यानी आनुवंशिक वंशावली तकनीक का इस्तेमाल किया। डीएनए खंगालते-खंगालते पुलिस टेरेंस मिलर के करीब पहुंची चली गई। मिलर के डीएनए और लूमिस के बूट से मिले स्पर्म के डीएनए के मैच होते ही साफ हो गया कि मिलर ने ही लूमिस के साथ दरिंदगी और उसे मौत के घाट उतार दिया। बीती अप्रैल में पुलिस ने लूमिस की हत्या आरोपी मिलर को बनाया था।
अब आप सोच रहे होंगे कि पुलिस मिलर तक पहुंची कैसे और उसका डीएनए टेस्ट कैसे कराया गया। शक होने पर पुलिस मिलर के पीछे लग गई थी। पुलिस मिलर का डीएनए टेस्ट कराने के लिए नमूना लेना चाहती थी। आखिरकार एक दिन पुलिस के हाथ सफलता लग ही गई। पुलिस ने मिलर का डीएन एक कॉफी के कप के माध्यम से लिया। मिलर एक कैफे में कॉफी पीने गया था और उसके जाने के बाद पुलिस ने कॉफी के कप को नमूने की तरह इस्तेमाल किया। लूमिस के बूट से मिले नमूने और मिलर के कॉफी कप से मिले नमूने मैच हो गए और मिलर का काला सच सामने आ गया। इन सब के बीच मिलर अपने घर पर मृत पाया गया। कयास यही लगाए जा रहे हैं कि अपराध के खुलासे के बाद उसने अपराधबोध में आत्महत्या की है।