ब्रिटेनः लिव इन को वैधता मिलने के बाद जोड़ों के प्रपोज का नया तरीका, 'Will you not marry me?'
By आदित्य द्विवेदी | Published: October 4, 2018 04:04 AM2018-10-04T04:04:26+5:302018-10-04T04:04:26+5:30
ब्रिटेन में अब सभी जोड़ों के लिए सिविल पार्टनरशिप वैध कर दी गई है. समझें क्या हैं इसके मायने?
इंग्लैंड, 4 अक्टूबरःब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने घोषणा की है कि इंग्लैंड और वेल्स में सभी को छूट होगी कि वो शादी की बजाए सिविल पार्टशिप चुन सकते हैं। यह कदम सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद उठाया गया है जिसमें विपरीत लिंगी जोड़ों के लिए बड़ी सहूलियत की बात की गई थी।
अभी तक ब्रिटेन में एक ऐसा नियम था जिसमें समलैंगिकों को तो सिविल पार्टनरशिप की छूट थी लेकिन विपरीत लिंगी जोड़ों के लिए नहीं। एक जोड़ा पिछले चार साल से इसके खिलाफ अभियान चला रहा था।
थेरेसा मे की घोषणा के साथ ही सोशल मीडिया पर कपल्स ने प्रतिक्रिया व्यक्त करनी शुरू कर दी। लोगों ने नए अंदाज में अपने पार्टनर को प्रपोज करना शुरू कर दिया। कैथरीन ओकले ने अपने ब्वॉयफ्रेंड सैम को वाट्सएप पर एक मैसेज भेजा. उसमें सिविल पार्टनरशिप की वैधता के फैसला का स्वागत करते हुए लिखा था, 'विल यू नॉट टू मैरी मी!'
The government is making civil partnerships for heterosexual couples legal and I just proposed to my partner on whatsapp and he said yes (I’m not crying at work you’re crying at work) @EqualCPspic.twitter.com/OM7iNsET6Q
— Catherine Oakley (@cat_oakley) October 2, 2018
ब्रिटिश सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह कानून में बदलाव कर सभी जोड़ों के लिए कानूनी तौर पर लिव-इन संबंधों में रहने की अनुमति देगा। मौजूदा कानून के तहत ब्रिटेन में सिर्फ समलैंगिक जोड़ों को लिव-इन संबंधों में रहने की अनुमति है।
पीएम थेरेसा मे ने बर्मिंघम में चल रहे कंजरवेटिव पार्टी के सम्मेलन के दौरान एक बयान में कहा कि वह महिला और पुरूष जोड़ियों के साथ होने वाले भेदभाव को समाप्त करेंगी। उन्होंने कहा कि कानून में बदलाव होने से ऐसे पुरूष-महिला जोड़ों को लाभ मिलेगा जो एक दूसरे के प्रति समर्पण तो करना चाहते हैं लेकिन विवाह के बंधन में नहीं बंधना चाहते।
उन्होंने कहा कि इस कदम के जरिए ऐसे जोड़ों को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी जबकि उनके परिवारों को कर तथा उत्तराधिकार के मामले में आसानी होगी। गौरतलब है कि ब्रिटेन की अदालत ने भी ऐसे जोड़ों के लिव-इन संबंध को कानूनी दर्जा देने के पक्ष में फैसला दिया है।
समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट्स लेकर