CIA चीफ विलियम बर्न्स ने कहा, "नरेंद्र मोदी के प्रभाव में रूस ने यूक्रेन के खिलाफ नहीं किया परमाणु शस्त्र का प्रयोग"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 18, 2022 10:28 PM2022-12-18T22:28:13+5:302022-12-18T22:31:48+5:30
सीआईए प्रमुख विलियम बर्न्स ने खुले तौर पर इस बात को स्वीकार किया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध अभी तक परमाणु हथियारों के मुहाने पर नहीं पहुंचा है तो इसका पूरा श्रेय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है, जिनके प्रयासों से रूस ने युद्ध में विनाशकारी हथियारों को नहीं उतारा।
न्यूयॉर्क: अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के चीफ विलियम बर्न्स ने खुले तौर पर इस बात को स्वीकार किया है कि रूस ने यूक्रेन पर हमले के लिए परमाणु हथियारों को युद्ध मैदान में इसलिए नहीं उतारा क्योंकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के प्रधानमंत्री मोदी के खासे प्रभाव में थे।
इसके साथ ही सीआईए प्रमुख ने यह भी कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध अभी तक परमाणु हथियारों के मुहाने पर नहीं पहुंचा है तो इसका पूरा श्रेय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है, जिनके प्रयासों से रूस ने युद्ध में विनाशकारी हथियारों को नहीं उतारा और न ही आगे इस तरह के किसी आशंका के संकेत मिल रहे हैं।
सीआईए प्रमुख विलियम बर्न्स ने एक इंटरव्यू में कहा है, “यूक्रेन के साथ रूस के आक्रमक युद्ध में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस के सामने बार-बार परमाणु हथियारों को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं। जिसका निश्चिततौर पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन पर गहरा प्रभाव पड़ा।”
अमेरिकी खुफिया प्रमुख का बयान उस संबंध में बेहद महत्वपूर्ण है, जिसमें बीते हफ्ते रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के संबंध में चेतावनी देते हुए कहा था कि वो रूस की रक्षा के लिए सभी साधनों का उपयोग करेंगे और इस संबंध में उन्हें कहीं भी हिचक नहीं है।
इसके साथ ही रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यह भी कहा था, “मौजदू युद्ध हालात में रूस ने अभी तक परमाणु हथियारों के पहले प्रयोग के बारे में नहीं सोचा है। रूस किसी भी स्थिति में परमाणु हथियारों के प्रयोग से बचना चाहता है लेकिन इसका यह अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए कि रूस परमाणु हथियारों के प्रयोग के खिलाफ है।”
उन्होंने यूक्रेन समेत पश्चिमी देशों को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि अगर रूस पर इस तरह का कोई हमला होता है तो निश्चित तौर पर रूस के पास भी परमाणु युद्ध का विकल्प खुला हमेशा रहेगा। राष्ट्रपति पुतिन के इस चेतावनी भरे बयान को वैश्विक जगत ने परमाणु हथियारों के हमले की आशंका के तौर पर लिया था।
लेकिन रूसी राष्ट्रपति के आक्रामक बयान के संबंध में सीआईए प्रमुख बर्न्स ने कहा है, “जहां तक मेरा मानना है कि वो (रूसी राष्ट्रपति पुतिन) यह चेतावनी सिर्फ डराने मात्र के लिए दे रहे हैं। अभी तक तो हमें उनकी सामरिक रणमीति को देखने से कहीं भी परमाणु हथियारों का उपयोग करने की बात नहीं समझ में आ रही है।”
मालूम हो कि रूस-यूक्रेन युद्ध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की ओर से नीति को स्पष्ट करते हुए दुनिया के सामने दोहराया है कि भारत कभी भी युद्ध का समर्थक नहीं है, भारत चाहता है कि दोनों देशों के मध्य पैदा हुए विवाद बातचीत के जरिये हल हों। अपने प्रयासों को बल देते हुए पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन वार्ता करते व्यक्तिगत तौर से अपील की है कि रूस बातचीत के जरिये यूक्रेन के साथ मसलों को हल करने की ओर बढ़े और रूस-यूक्रेन के बीच जल्द से जल्द ‘युद्ध विराम’ स्थिति बहाल हो।