चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दी यूक्रेन मसले पर 'बातचीत' की सलाह
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 25, 2022 06:06 PM2022-02-25T18:06:34+5:302022-02-25T18:14:05+5:30
चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक चीन के राय़्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से कहा कि चीन रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत को आपसी सहमति और बातचीत के जरिये विवाद को सुलझाने की सलाह देता है।
बीजिंग:यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद उपजे गंभीर हालात पर चीन और रूस के बीच बातचीत हुई है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन करके चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तनाव कम करने की सलाह दी है।
चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक चीन के राय़्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से कहा कि चीन रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत को आपसी सहमति और बातचीत के जरिये विवाद को सुलझाने की सलाह देता है।
भारत के लद्दाख क्षेत्र में भारतीय संप्रभुता का सम्मान न करने वाले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने फोन पर रूसी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन को संप्रभुता के सम्मान की सलाह दी और कहा कि सभी देशों की आपसी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने और यूएन चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों का पालन करना चाहिए।
President of China, Xi Jinping speaks to Russian President Vladimir Putin, calls for 'negotiation' with Ukraine- state media: AFP
— ANI (@ANI) February 25, 2022
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मालूम हो कि इससे पहले चीन ने स्पष्ट किया था कि वो युक्रेन-रूस युद्ध में किसी भी तरफ का सहयोगी या शत्रु नहीं बनेगा। चीन ने स्पष्ट किया था कि वह अमेरिका की तरह न तो युक्रेन के पक्ष में खड़ा और न ही युक्रेन के खिलाफ युद्धरत रूस की किसी भी तरह से सहायता नहीं करेगा।
इससे पहले भी चीन रूस से यूक्रेन संबंधी मुद्दे पर दोनों पक्षों से संयम बरतने और तनाव न बढ़ाने वाले कदम उठाने से बचने का सलाह दी थी। लेकिन वहीं दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि इसी महीने चार फरवरी को ओलपिक खेलों का उद्घाटन समारोह में अमेरिका समेत कई यूरोपीय देशों ने जाने से इनकार कर दिया था, तो उस समय जिनपिंग के बुलावे पर राष्ट्रपति पुतिन चीन के दौरे पर गये थे।
उस दौरे के समय चीनी राष्ट्रपति ने घोषणा की थी कि वह रूस से ज्यादा से ज्यादा तेल और गैस खरीदेंगे। अब कयास लग रहे हैं कि चीन ने उस वक्त यह कदम रूस के खिलाफ युक्रेन युद्ध में अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों की ओर से लगने वाले प्रतिबंधों की संभावना को देखते हुए उठाया हो।
इस मामले में कूटनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि चीन परोक्ष रूप से रूस की मदद कर सकता है। वहीं इसके साथ यह भी कहा जा रहा है कि चीन के सहयोगात्मक रूप से रूस विश्व के अन्य देशों से लगने वाले आर्थिक प्रतिबंधों को आसानी से सहन कर सकता है।
हालांकि चीन, रूस-युक्रेन संकट के बीच पश्चिमी जगत के साथ अपने संबंधों को बिना नुकसान पहुंचाने ही रूस की परोक्ष सहायता का प्रयास कर रहा है और यही कारण है कि चीन मौन रहकर रूस को अपना समर्थन दे रहा है।