चीन में क्या बहुत पहले ही शुरू हो गया था कोरोना का प्रकोप, वुहान के अस्पतालों के सैटेलाइट इमेज से कई खुलासे
By पल्लवी कुमारी | Published: June 9, 2020 09:00 AM2020-06-09T09:00:46+5:302020-06-09T09:16:03+5:30
चीन के सरकार का दावा है कि उनके देश में कोरोना मरीजों की संख्या 82 हजार है और चीन में कोविड-19 से अबतक 3,341 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन में लॉकडाउन खुल गया है।
नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना वायरस (Covid-19) के संक्रमण की शरुआत चीन के वुहान शहर से हुई। चीन के वुहान शहर को लेकर अभी-तक कई वैज्ञानिकों ने रिसर्च किए हैं। चीन के वुहान शहर में कोरोना महामारी कब से फैला...इसको लेकर एक और रिसर्च सामने आया है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने हाल ही में किए अपने रिसर्च में दावा किया है कि चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस का प्रकोप काफी पहले से ही शुरू हो गया था। कमर्शियल सैटेलाइट इमेजरी की मदद से यह रिसर्च किया गया है।
जानिए कमर्शियल सैटेलाइट इमेजरी द्वारा किए गए रिसर्च में क्या आया सामने
अंग्रेजी वेबसाइट टेलीग्राफ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक हार्वर्ड मेडिकल स्कूल द्वारा कमर्शियल सैटेलाइट इमेजरी की मदद से चीन के वुहान शहर की कुछ तस्वीरों और वीडियो पर रिसर्च किया गया है। जिसमें अस्पतालों और मेडिकल सुविधा देने वाले इलाके की तस्वीरों पर ज्यादा फोकस किया गया है। अगस्त 2019 की तस्वीरों में पाया गया है कि वुहान शहर के अस्पतालों के बाहर बड़ी संख्या में वाहन पार्क दिखाई दे रहे हैं। जो 2018 के मुकाबले में काफी ज्यादा थे।
रिसर्च के मुताबिक ऐसा संभव है कि रिपोर्ट किए जाने से बहुत पहले ही चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप शुरू हो गया हो। चीन ने 2019 के दिसंबर महीने में बताया था कि वुहान शहर में कुछ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं।
रिसर्च में वुहान के 5 बड़े अस्पतालों की तस्वीरों पर किया गया फोकस
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल द्वारा किए गए इस रिसर्च को डॉ. जॉन ब्राउनस्टेन लीड कर रहे हैं। रिसर्च के दौरान वुहान के पांच बड़े अस्पतालों के बाहर भारी संख्या में वाहनों की भीड़ और पार्किंग देखी गई है।
डॉ. जॉन ब्राउनस्टेन ने कहा है, कमर्शियल सैटेलाइट इमेजरी की रिसर्च से हमें और अधीक रिसर्च करने में मदद मिलेगी। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा है कि रिसर्च में जो भी फैक्ट सामने आए हैं, उससे कोविड-19 वायरस की उत्पत्ति को समझने में आसानी होगी।
उन्होंने कहा कि अक्टूबर-2019 में वुहान में कुछ हो रहा था। इतना हो साफ है कि कोविड-19 की शुरुआत माने जाने से पहले कुछ सामाजिक व्यवधान तो जरूर था। हालांकि ऐसा भी हो सकता है कि जो लोग भारी संख्या में अस्पताल पहुंच रहे हों उन्हें मौसम में बदलाव की वजह से खांसी-बुखार, सर्दी औ डायरिया की शिकायत हो जोकि कोरोना वायरस के सामान्य लक्षण हैं।
यह तकनीक सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) द्वारा उपयोग की जाने वाली तकनीक के समान है। रिसर्चरों ने प्राइवेट सैटेलाइट द्वारा ली गई 350 से अधीक तस्वीरों पर रिसर्च की है। जिसमें से लगभग एक तिहाई तस्वीरें प्रयोग करने योग्य थे क्योंकि उनके पास रास्ते में कोई स्मॉग, ऊंची इमारतें या बादल नहीं थे।
रिसर्च में दावा- 2018 के मुकाबले 2019 में कारों की संख्या अस्पताल के बाहर दोगुनी थी
रिसर्च में पाया गया है कि 2019 में वुहान अस्पतालों में खड़ी कारों की संख्या 2018 में एक ही समय में ली गई तस्वीरों से कहीं ज्यादा थी। वुहान विश्वविद्यालय के झोंगन अस्पताल में अक्टूबर 2018 में एक दिन में 506 कारें खड़ी थीं, लेकिन अक्टूबर 2019 में एक दिन में 640 कारें खड़ी थीं।
वुहान टोंगजी मेडिकल यूनिवर्सिटी में अक्टूबर 2018 में एक दिन में 112 कारों से, सितंबर 2019 में एक दिन में 214 कारों से लगभग दोगुनी हो गई।
चीन ने 31 दिसंबर 2019 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को वुहान में एक अजीब तरीके की वायरस की जानकारी दी थी।
दुनियाभर में कोरोना वायरस से 70 लाख से अधीक लोग प्रभावित
दुनियाभर में कोरोना वायरस से 70 लाख से अधीक लोग प्रभावित हैं। वहीं 4 लाख से अधीक लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका है। जहां 19 लाख 51 हजार से ज्यादा लोग कोविड-19 से संक्रमित हैं और एक लाख 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
अमेरिका के बाद ब्रिटेन और ब्राजील में कोरोना की वजह से सबसे ज्यादा मौते हुई हैं। भारत में अब-तक संक्रमण के मामलों की संख्या 2,56,611 हो गई है। 7,135 लोग की मौत हुई है और उपचार के बाद 1,24,095 लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हो गए हैं।