उइगर मुस्लिम महिला ने हवालात की भयावह कहानी बताई, शिनजियांग सरकार ने अप्रमाणित दवाएं खाने को मजबूर किया

By भाषा | Published: August 31, 2020 03:23 PM2020-08-31T15:23:18+5:302020-08-31T15:23:18+5:30

महिला ने बताया कि उसे और अन्य महिलाओं को हफ्ते में एक बार मुंह ढककर नग्न होना पड़ता था और फिर उनके ऊपर रोगाणुनाशक रसायन का छिड़काव किया जाता था।

china Uygar Muslim woman tells horrific tale of lockup Xinjiang government forced eat unproven medicines | उइगर मुस्लिम महिला ने हवालात की भयावह कहानी बताई, शिनजियांग सरकार ने अप्रमाणित दवाएं खाने को मजबूर किया

सोशल मीडिया पोस्ट और शिनजियांग में पृथक-वास में रह रहे तीन लोगों के मुताबिक कुछ लोगों को पारंपरिक चीनी दवा खाने पर मजबूर किया गया। (file photo)

Highlightsदर्जनों अन्य महिलाओं को भी वहां बंद किया गया था। उसने बताया कि वहां उसे एक दवा पीने के लिए मजबूर किया गया जिससे कमजोरी एवं मितली महसूस होने लगी। सजा के डर से नाम उजागर न करने की शर्त पर शिनजियांग की इस महिला ने अपने जीवन के इन भयावह दिनों को याद करते हुए कहा, “यह बेहद पीड़ाजनक था।” लोगों को घरों में बंद करना, 40 दिन से अधिक का पृथक-वास और इसका पालन न करने वालों को गिरफ्तार किया जाना शामिल है।

बीजिंगः चीन में कोरोना वायरस प्रकोप के चरम पर रहने के दौरान पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई मध्यम आयु वर्ग की एक उइगर मुस्लिम महिला ने हवालात की भयावह कहानी बताई है।

उसके साथ दर्जनों अन्य महिलाओं को भी वहां बंद किया गया था। उसने बताया कि वहां उसे एक दवा पीने के लिए मजबूर किया गया जिससे कमजोरी एवं मितली महसूस होने लगी। महिला ने बताया कि उसे और अन्य महिलाओं को हफ्ते में एक बार मुंह ढककर नग्न होना पड़ता था और फिर उनके ऊपर रोगाणुनाशक रसायन का छिड़काव किया जाता था।

सजा के डर से नाम उजागर न करने की शर्त पर शिनजियांग की इस महिला ने अपने जीवन के इन भयावह दिनों को याद करते हुए कहा, “यह बेहद पीड़ाजनक था।” उसने कहा, “मेरे हाथ खराब हो गए, मेरी त्वचा उतरने लगी।” उत्तर-पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र में सरकार कोरोना वायरस से निपटने के लिए कठोरतम कदम उठा रही है जिसमें लोगों को घरों में बंद करना, 40 दिन से अधिक का पृथक-वास और इसका पालन न करने वालों को गिरफ्तार किया जाना शामिल है।

सरकारी नोटिसों, सोशल मीडिया पोस्ट और शिनजियांग में पृथक-वास में रह रहे तीन लोगों के मुताबिक कुछ लोगों को पारंपरिक चीनी दवा खाने पर मजबूर किया गया। विशेषज्ञ इसे चिकित्सा नैतिकता का उल्लंघन बता रहे हैं। चीनी दवा के वायरस के खिलाफ काम करने को लेकर चिकित्सकीय डेटा का अभाव है और शिनजियांग में इस्तेमाल होने वाली हर्बल दवा ‘किंगफेई पाइडु’ में ऐसी सामग्रियां हैं जिन्हें विषाक्त एवं कैंसरकारी पदार्थों का अधिक स्तर होने की वजह से जर्मनी, स्विट्जरलैंड, अमेरिका और अन्य देशों में प्रतिबंधित किया गया है।

हालिया सख्त लॉकडाउन मध्य जुलाई में शिनजियांग में सामने आए 826 मामलों के चलते आया है। इस लॉकडाउन को अब 45 दिन हो गए हैं जो अपनी गंभीरता की वजह से खास तौर पर चर्चा में है और इसलिए भी कि पिछले एक हफ्ते में स्थानीय संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है।

सख्त लॉकडाउन पूरे चीन और खासकुर हुबेई प्रांत के वुहान में लगाया गया था जहां वायरस का सबसे पहले पता चला था। वुहान में 50,000 से ज्यादा और हुबेई में कुल 68,000 से ज्यादा यानी शिनजियांग से कहीं ज्यादा मामले सामने आए थे, पर वहां लोगों को पारंपरिक दवा लेने पर मजबूर नहीं किया गया था। उन्हें कसरत या साग-सब्जी लेने के लिए अपने परिसर से बाहर आने की अनुमति भी दी गई थी।

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