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चीन ने हुआवै से जुड़े मामले में कनाडाई नागरिक को 11 साल जेल की सजा

By भाषा | Updated: August 11, 2021 17:38 IST

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दांडोंग, 11 अगस्त (एपी) चीन की एक अदालत ने हुआवै से जुड़े एक मामले में जासूसी के आरोपों पर कनाडाई नागरिक माइकल स्पैवर को 11 साल की जेल की सजा सुनाई। इस कदम को बीजिंग की ओर से कंपनी के कार्यकारी को रिहा कराने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है जिन्हें कनाडा ने गिरफ्तार किया है और अमेरिका और अन्य 24 देशों की सरकार ने असमान्य तौर पर उसका समर्थन किया है।

बुधवार को आया यह फैसला इस बात का ताजा संकेत है कि चीन कनाडा पर कैसे दबाव बढ़ा रहा है जहां एक अदालत में कार्यकारी अधिकारी मेंग वानझोउ को अमेरिका में ईरान के खिलाफ व्यापर प्रतिबंधों के उल्लंघन के आरोपों का सामना करने के लिए भेजने के मामले पर अंतिम सुनवाई चल रही है। चीन की अदालत ने मादक पदार्थ मामले में मिली सजा को लेकर की गई कनाडा की एक और अपील खारिज कर दी है। इस मामले में कार्यकारी की गिरफ्तारी के बाद सजा को अचानक बढ़ाकर मृत्युदंड कर दिया गया था।

स्पैवर और एक अन्य कनाडाई नागरिक को चीन में हिरासत में लिया गया था जिसे आलोचकों ने ‘‘बंधक बनाने की राजनीति’’ करार दिया। यह कार्रवाई ईरान पर व्यापार प्रतिबंधों के संभावित उल्लंघनों के संबंध में एक दिसंबर 2018 को चीन के कार्यकारी अधिकारी की वैंकूवर हवाई अड्डे पर गिरफ्तारी के बाद की गई।

बीजिंग से 340 किलोमीटर पूर्व में दांडोंग शहर में सुनवाई के दौरान स्पैवर को सजा का ऐलान किया गया। सरकार ने स्पैवर पर वर्ष 2017 से संवेदनशील जानकारी पूर्व राजनयिक माइकल कोवरिग को देने के आरोपों के अलावा कुछ और जानकारी साझा की। दोनों को अलग-थलग रखा गया था और कनाडाई राजनयिक से उनका बहुत कम संपर्क रहा।

कनाडा की सरकार ने स्पैवर को दी गई सजा की निंदा की और आरोप लगाया कि उन्हें और कोवरिग को ‘ मनमाने तरीके से हिरासत में लिया’ गया है। कनाडा ने दोनों की तुरंत रिहाई की भी मांग की।

कनाडा के राजदूत डोमिनिक बार्टन ने हिरासत केंद्र के बाहर कहा कि स्पैवर मामले की कानूनी प्रक्रिया में ‘‘निष्पक्षता और पारदर्शिता दोनों की कमी’’ थी। इसी केंद्र में स्पैवर को सजा सुनाई गई। बार्टन के मुताबिक स्पैवर के पास फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए दो सप्ताह का समय है।

स्पैवर के परिवार ने एक बयान में कहा, ‘‘हम आरोपों से असहमत हैं, हम महसूस करते हैं कि माइकल को घर लाने की प्रक्रिया का यह अगला चरण है और हम इस मुश्किल समय में उनका समर्थन करते रहेंगे।’’

परिवार ने कहा, ‘‘माइकल की जिंदगी का जज्बा दो संस्कृतियों को पर्यटन के जरिये साथ लाना रहा और कोरिया प्रायद्वीप और कनाडा व चीन सहित अन्य देशों में कार्यक्रम इसी विचार को साझा करते हैं। यह परिस्थिति उन्हें तोड़ेगी नहीं बल्कि मजबूत करेगी।’’

इस बीच, अमेरिका , जापान, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और अन्य यूरोपीय संघ देशों के राजनयिकों ने बीजिंग में कनाडा के दूतावास के सामने एकत्र होकर कनाडा के प्रति समर्थन का इजहार किया। उन्होंने अलग से स्पैवर और कोवरिग को न्यायोचित सुनवाई का मौका देने या रिहा करने की भी अपील की।

चीन में अमेरिका के शीर्ष राजनयिक डेविड मियेल ने कहा, ‘‘यह प्रक्रिया तोलमोल करने के लिए इनसान का इस्तेमाल करने की कोशिश है। इनसानों का इस्तेमाल कभी भी तोलमोल के लिए नहीं किया जाना चाहिए।’’

हुआवै टेक्नोलॉजीस लिमिटेड की मुख्य वित्तीय अधिकारी और कंपनी के संस्थापक की बेटी मेंग को एक दिसंबर 2018 को वैंकूवर में गिरफ्तार किया गया था। अमेरिका ने उन पर व्यापार प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए ईरान के साथ संभावित लेनदेन को लेकर ब्रिटिश बैंक एचएसबीसी की हांगकांग शाखा से झूठ बोलने का आरोप लगाया था।

मेंग के वकीलों ने दलील की कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है और उन पर जो आरोप लगाए गए हैं वे कनाडा में अपराध नहीं हैं। चीनी सरकार ने इस गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए इसे उसके प्रौद्योगिकी विकास को बाधित करने की अमेरिका की कोशिशें बताया। बीजिंग लगातार मेंग को फौरन रिहा करने की मांग करता रहा है। मेंग और स्पैवर तथा कोवरिग की गिरफ्तारियों के बीच सीधा कोई संबंध होने से इनकार करते हुए चीनी अधिकारी और सरकारी मीडिया बार-बार यह कहते रहे हैं कि इन दोनों लोगों का भविष्य इस पर निर्भर करेगा कि मेंग को चीन लौटने दिया जाता है या नहीं।

इससे पहले बार्टन ने कहा था कि वह नहीं मानते कि चीन में मामले की सुनवाई, वैंकूवर में मेंग मामले की सुनवाई अंतिम चरण में पहुंचने के दौरान होना महज संयोग है।

जब उनसे पूछा गया कि क्या मेंग को, कनाडाई नागरिकों को रिहा करने के एवज में स्वदेश भेजने पर वार्ता हो रही तो बार्टन ने कहा, ‘‘ गहन प्रयास और चर्चा हो रही है। इस बारे में किसी तरह की बातचीत नहीं करना चाहता लेकिन वह चलता रहेगा।’’

बार्टन के मुताबिक अमेरिका और जर्मनी के राजनयिक दांडोंग स्थित हिरासत केंद्र भी गए थे लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई।

राजदूत ने कहा, ‘‘हमारी सामूहिक उपस्थिति और आवाज चीन को कड़ा संदेश है कि चीनी सरकार पर दुनिया की नजर है।’’

इस बीच, ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा कोरोना वायरस महामारी की उत्पत्ति की जांच की मांग करने के बाद चीन ऑस्ट्रेलियाई गेंहू, शराब और अन्य उत्पादों के आयात पर रोक लगा रहा है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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