मिसाइलों के विकास के लिए चीन ने पाकिस्तान को बेचा शक्तिशाली मिसाइल ट्रैकिंग सिस्टम
By भाषा | Published: March 22, 2018 07:57 PM2018-03-22T19:57:01+5:302018-03-22T19:57:01+5:30
शिचुआन प्रांत के चेंगदु स्थित सीएएस इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्टिक्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स में शोधार्थी झेंग मेंगवई ने हांगकांग स्थित साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट को इस बात की पुष्टि की है
बीजिंग, 22 मार्च: चीन ने एक अभूतपूर्व सौदे के तहत पाकितान को एक शक्तिशाली मिसाइल ट्रैकिंग प्रणाली बेची है, जो नयी मिसाइलों के विकास में तेजी लाएगी। सरकार संचालित चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज( सीएएस) ने यह जानकारी दी। शिचुआन प्रांत के चेंगदु स्थित सीएएस इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्टिक्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स में शोधार्थी झेंग मेंगवई ने हांगकांग स्थित साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट को इस बात की पुष्टि की है कि पाकिस्तान ने चीन से एक अत्याधुनिक, आप्टिकल ट्रैकिंग( बड़े पैमाने परनिगरानी करने में सक्षम) और माप प्रणाली खरीदी है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने उन्हें दो आंखें( निगाह रखने वाला उपकरण) दी हैं। वे इसका उपयोग उस चीज को देखने में कर सकते हैं, जो वे देखना चाहते हैं।
झेंग ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने हाल ही में चीन निर्मित प्रणाली को एक फायरिंग रेंज में तैनात किया है ताकि परीक्षण और नयी मिसाइलों के विकास में इसका उपयोग हो। सीएएस ने कहा कि पाकिस्तान को इस तरह का संवेदनशील उपकरण निर्यात करने वाला चीन पहला देश है।
चीनी अधिाकरियों ने ट्रैकिंग प्रणाली बेचे जाने की सूचना कल सार्वजनिक की। पोस्ट की रिपोर्ट में पाकिस्तान को इस प्रणाली की बिक्री को भारत द्वारा अत्याधुनिक अन्तरा महाद्वीपीय बालिस्टिक प्रक्षेपास्त्र अग्नि पांच के परीक्षण से जोड़कर देखा जा रहा है। भारत का यह प्रक्षेपास्त्र बीजिंग अथवा शांघाई को निशाना बनाने में सक्षम है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का एक आयुध ले जाने में सक्षम यह मिसाइल बड़ा है और लंबी दूरी तक मार कर सकता है जबकि पाकिस्तान कई परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम मिसाइलों के विकास पर जोर दे रहा है जो एक साथ विभिन्न लक्ष्यों को ओर निर्देशित किए जा सकेंगे।
अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी ने मार्च में आधिकारिक रूप से इस बात की पुष्टि की थी कि पाकिस्तान ने परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम अपनी अबाबील मिसाइल का जनवरी2017 में प्रथम परीक्षण किया।
हालांकि, पाकिस्तान से बाहर सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि अबाबील मिसाइल को लड़ाई में इस्तेमाल करने के लिए तैयार करने में कहीं अधिक वक्त लगेगा। समझा जाता हे कि यह अभी विकास के प्रथम चरण में है। चीन पाकिस्तान को जहाज, पनडुब्बी और लड़ाकू विमानों सहित विभिन्न हथियारों की आपूर्ति करता है। रिपोर्ट में इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि पाकिस्तान ने इस प्रणाली को हासिल करने के लिए कितनी रकम दी।