विरोध पर राजदूत के त्रिपक्षीय वार्ता वाले बयान से चीन हटा पीछे, भारत ने कहा- पाक से रिश्तों में तीसरे की नहीं गुंजाइश
By पल्लवी कुमारी | Published: June 20, 2018 06:52 PM2018-06-20T18:52:05+5:302018-06-20T18:52:05+5:30
भारत ने पहले ही इस मामले पर अपना पक्ष पहले ही रखते हुए साफ कर दिया था कि पाकिस्तान के साथ किसी भी मसले में तीसरे पक्ष की भूमिका स्वीकार्य नहीं करेगा।
पेइचिंग, 20 जून: भारत में चीन के राजदूत ने हाल ही में पाकिस्तान-भारत और चीन के बीच त्रिपक्षीय सहयोग बढ़ाने और वार्ता करने की बात रखी थी। इस मुद्दे पर भारत ने चीन का कड़ा विरोध किया। जिसके बाद बुधवार को चीन ने अपने राजदूत के बयान का समर्थन नहीं किया। हालांकि चीन ने प्रतिक्रिया देते हुए इतना जरूर कहा कि भारत-पाक को अपने संवाद बेहतर करने की दिशा में काम करना चाहिए।
भारत ने पहले ही इस मामले पर अपना पक्ष पहले ही रखते हुए साफ कर दिया था कि पाकिस्तान के साथ किसी भी मसले में तीसरे पक्ष की भूमिका स्वीकार्य नहीं करेगा। सोमवार ( 19 जून) को नई दिल्ली में भारत-चीन के रिश्तों पर आयोजित एक सेमिनार में लु झाओहुई ने कहा था, 'कुछ भारतीय मित्रों ने सुझाव दिया है कि भारत, चीन और पाकिस्तान के बीच एससीओ से अलग भी एक त्रिपक्षीय सम्मेलन होना चाहिए, जो कि एक सकारात्मक विचार है।
जम्मू-कश्मीर के पुलिस चीफ बोलें-अब काम करना होगा आसान, आतंकी ऑपरेशन में भी आएगी तेजी
सेमिनार में लु झाओहुई ने यह भी कहा कि इसे भारत और पाकिस्तान को ही अपने रिश्ते सुधारने में मदद मिलेगी और ये दोनों की द्विपक्षीय संबंधों और शांति कायम रखने में जरूरी है।
इस बात पर जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग से पूछा गया तो उन्होंने कहा, भारत और पाकिस्तान दोनों चीन के मित्र और पड़ोसी हैं। हम क्षेत्र में विकास और स्थिरता के लिए भारत और पाकिस्तान समेत अपने सभी पड़ोसियों के साथ संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं।
जब लू से ये पूछा गया कि क्या क्षेत्र के दूसरे देशों के भी हित में होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या चीन लु की टिप्पणी से पीछे हट रहा है, गेंग ने कहा, 'मैंने जो कहा वह चीन का आधिकारिक रुख है।'
लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर के सब्सक्राइब करें।