कनाडा के क्यूबेक प्रांत में धार्मिक पहनावे पर रोक लगाने वाला विवादित विधेयक पास हो गया। इसके लागू होने पर सरकारी स्कूलों के शिक्षक, सरकारी वकील, जज और पुलिसवाले ड्यूटी के दौरान किसी तरह का धार्मिक पहनावा नहीं पहन सकेंगे।
बिल के कानून बनने पर सरकारी ड्यूटी के दौरान सरदार पगड़ी, मुस्लिम औरतें बुर्का या हिजाब, ईसाई लोग क्रॉस और और यहूदी टोपी नहीं पहन सकेंगे।
बिल को क्यूबेक की गठबंधन सरकार ने पेश किया था, जिसे यहां की नेशनल असेंबली में हफ्ते भर चली मैराथन बहस के बाद पारित किया जा सका।
धार्मिक प्रतीकों पर प्रतिबंध लगाने वाले इस विधेयक को 'बिल 21' के नाम से भी जाना जाता है, जोकि 35 के मुकाबले 73 वोटों से पारित हुआ।
क्यूबेक सरकार के प्रमुख फ्रैंकाइस लीगॉल्ट ने बिल के समर्थन में कहा कि सरकार को धर्मनिरपेक्ष रखने के लिए इसे लागू करना जरूरी है।
विपक्षी नेताओं ने बिल का विरोध किया और उसे नागरिकों की धार्मिक आजादी पर प्रतिबंध लगाने वाला बताया।
मानवाधिकार संगठनों ने भी सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई है और से कनाडा अनेकता वाली सांस्कृतिक छवि के खिलाफ बताया। धार्मिक संगठनों ने भी बिल का विरोध किया है। कुछ जानकार यह भी आशंका जता रहे हैं कि इस बिल के लागू होने से कई लोग सरकारी नौकरियां भी छोड़ सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कई सरकारी संस्थानों ने इस बिल का विरोध किया है और कहा कि वे इसको लागू नहीं होने देंगी। बिल के कारण उपजे हालात से प्रांत में तनाव की आशंका बनी है।
बीते अप्रैल में इस बिल के विरोध में हजारों की तादाद में लोगों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया था। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने धर्मनिरपेक्षता के तहत सरकार की इस पहल का स्वागत भी किया है।