ब्रेक्जिट को ब्रिटेन सांसदों ने किया खारिज, PM थेरेसा मे को देना पड़ सकता है इस्तीफा
By स्वाति सिंह | Published: January 16, 2019 08:36 AM2019-01-16T08:36:44+5:302019-01-16T08:36:44+5:30
वोटिंग के दौरान विभिन्न पार्टियों के सांसदों ने अलग-अलग कारणों से इस समझौते का विरोध किया है। हालांकि, टेरेसा मे ने सासंदों से इस पर एक बार फिर से विचार करने का आग्रह किया है।
ब्रिटिश सांसद ने ब्रेक्जिट समझौते पर मंगलवार को मतदान किया, जिसके बाद प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री थेरेसा मे को करारी हार का सामना करना पड़ा। 432 ब्रिटिश सांसदों ने इस बिल को सिरे से खारिज कर दिया। जबकि 202 सांसदों ने बिल का समर्थन किया है। इस वोट के बाद यूरोपीय संघ के साथ ब्रेक्जिट को लेकर किया गया समझौता भी रद्द हो गया।
इस हार के कुछ ही मिनटों बाद विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन ने घोषणा की कि उनकी पार्टी मे की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगी।
ब्रिटेन 1973 में 28 सदस्यीय यूरोपीय संघ का सदस्य बना था। उसे 29 मार्च को ईयू से अलग होना है। ईयू से अलग होने की तारीख आने में केवल दो महीने बचे हैं, लेकिन ब्रिटेन अभी तक यह निर्णय नहीं ले पाया है कि उसे क्या करना है।
बेक्जिट के समर्थक और ब्रिटेन के ईयू में बने रहने के समर्थक दोनों विभिन्न कारणों से इस समझौते का विरोध कर रहे है। कई लोगों को आशंका है कि बेक्जिट के कारण ब्रिटेन के यूरोपीय संघ के साथ व्यापार संबंध बिगड़ सकते हैं।
British Prime Minister Theresa May's Brexit deal defeated in UK Parliament, 432 No votes to 202 Yes votes pic.twitter.com/F1HXc3zFlg
— ANI (@ANI) January 15, 2019
मे की कंजर्वेटिव पार्टी के 100 से अधिक सांसदों ने समझौते के विरोध में मतदान किया। ब्रिटेन के हालिया इतिहास में यह किसी सरकार की सबसे करारी संसदीय हार है।
इस हार के साथ ही ब्रेक्जिट के बाद ईयू के साथ निकट संबंध बनाने की टेरेसा मे की दो वर्षीय रणनीति का भी कोई औचित्य नहीं रहा।
मे ने ‘हाउस ऑफ कामन्स’ में हार के बाद कहा कि सांसदों ने यह बता दिया है कि वे खिलाफ हैं, लेकिन यह नहीं बताया है कि वे किसका समर्थन करते हैं।
संसद में परिणाम के बाद कोर्बिन ने कहा
कि उनकी सरकार बुधवार को मे की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करेगी।
ब्रिटेन की संसदीय प्रक्रिया के अनुसार जब सांसद कोई विधेयक खारिज कर देते हैं, तो प्रधानमंत्री के पास ‘दूसरी योजना’ (प्लान बी) के साथ संसद में आने के लिए तीन कामकाजी दिन होते हैं।
ऐसी संभावना है कि मे बुधवार को ब्रसेल्स जाकर ईयू से और रियायतें लेने की कोशिश करेंगी और नए प्रस्ताव के साथ ब्रिटेन की संसद में आएंगी।
सांसद इस पर भी मतदान करेंगे। यदि यह प्रस्ताव भी असफल रहता है तो सरकार के पास एक अन्य विकल्प के साथ लौटने के लिए तीन सप्ताह का समय होगा।
यदि यह समझौता भी संसद में पारित नहीं होता है तो ब्रिटेन बिना किसी समझौते के ही ईयू से 29 मार्च को बाहर हो जाएगा।
(भाषा इनपुट के साथ)