BRICS SUMMIT 2020: गलवान हिंसा के बाद 17 नवंबर को आमने-सामने होंगे पीएम मोदी और शी जिनपिंग

By गुणातीत ओझा | Published: October 5, 2020 09:21 PM2020-10-05T21:21:00+5:302020-10-05T21:21:00+5:30

12वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 17 नवंबर को वर्चुअली आयोजित किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक इस दौरान एलएसी पर भारत-चीन के बीच पिछले लंबे समय से जारी सीमा विवाद के बीच दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों की मुलाकात होने वाली है।

BRICS SUMMIT 2020: pm modi and president of china will attend brics conference on november 17 | BRICS SUMMIT 2020: गलवान हिंसा के बाद 17 नवंबर को आमने-सामने होंगे पीएम मोदी और शी जिनपिंग

ब्रिक्स सम्मेलन में आमने-सामने होंगे शी जिनपिंग और पीएम मोदी।

Highlights12वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 17 नवंबर को वर्चुअली आयोजित किया जाएगा।इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आमने-सामने होंगे।

मॉस्को। कोरोना महामारी के बीच 17 नवंबर को बारहवां ब्रिक्स सम्मेलन इस साल 17 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये रूस में होगा। गौर करने वाली बात यह है कि इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आमने-सामने होंगे। रूस में हुई ब्रिक्स एनएसए की बैठक में भारत का प्रतिनिधि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल और चीन की तरफ से राजनयिक यांग चिएची ने किया था।

बारहवें ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन इस वर्ष 17 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये रूस में आयोजित होने जा रहा है। रूस ने बयान जारी कर कहा कि ब्रिक्स का 12वां सम्मेलन 17 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये आयोजित किया जाएगा और इस बार सम्मेलन की थीम वैश्विक स्थिरता, साझा सुरक्षा और अभिनव विकास के लिए ब्रिक्स भागीदारी होगी। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य हमारे लोगों के जीवन स्तर को बढ़ाने में योगदान करने के लिए ब्रिक्स देशों के बीच एक बहुपक्षीय सहयोग होगा।

एडवाइजर टू द प्रसिडेंट ऑफ द रशियन फेडरेशन एंटोन कोब्यकोव ने कहा- कोविड-19 महामारी के चलते मौजूदा वैश्विक परिस्थिति के बावजूद रूस की अध्यक्षता में ब्रिक्स की गतिविधियां सामान्य तरीके से चल रही हैं। जनवरी 2020 से लेकर अब तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग समेत करीब 60 कार्यक्रमों का आयोजन हुआ है।

बता दें कि मॉस्को में ब्रिक्स रक्षामंत्रियों के बैठक से इतर भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों के बीच भी द्विपक्षीय वार्ता हुई थी। इस बैठक में सीमा पर तनाव को लेकर काफी देर तक बातचीत होती रही थी। लेकिन, यह बैठक बेनतीजा निकली और सीमा पर तनाव कम करने में कुछ खास सफलता नहीं मिल पाई है।

याद हो कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में मई के महीने से ही तनाव का माहौल बना हुआ है। अब तक दोनों देशों के बीच कूटनीतिक से लेकर सैन्य स्तर तक कई दौर की बातचीत हुई है। लेकिन, सीमा पर दोनों तरफ से सैन्य जमावड़ा कम नहीं हुआ है। गलवान हिंसा के बाद से दोनों देशों के बीच विश्वास की बात तो दूर रिश्ते ना के बराबर रह गए हैं। 

ऐसी स्थिति में दोनों देशों के बीच सबकुछ ठीक करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे सीमा पर तनाव कम हो सके। लेकिन, तनाव का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि वायुसेना प्रमुख ने बयान देते हुए कहा कि सीमा पर युद्ध के हालात हैं और न ही शांति के। वायुसेना प्रमुख ने टू फ्रंट वॉर की स्थिति में करारा जवाब देने की बात कही है। वहीं, चीन भी भारत के खिलाफ जहर उगले से बाज नहीं आ रहा है। अटल टनल के उद्घाटन के बाद ग्लोबल टाइम्स में छपे आर्टिकल में चीन का असली चेहरा फिर सामने आया है। चीन के मुखपत्र में लिखा गया है कि अटल टनल को वो जब चाहें बेकार कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में अगर ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति आमने-सामने होंगे तो हो सकता है कि दोनों देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघल जाए और तनाव कम हो सके। 

Web Title: BRICS SUMMIT 2020: pm modi and president of china will attend brics conference on november 17

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