जर्मनी में अश्वेत युवक की पुलिस गोलाबारी में हुई मौत, विरोध में सैकड़ों प्रदर्शनकारी उतरे सड़क पर
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 10, 2022 09:40 PM2022-08-10T21:40:23+5:302022-08-10T21:49:32+5:30
जर्मनी के डॉर्टमुंड शहर में 16 साल के एक अश्वेत की पुलिस गोलाबारी में मौत हो गई है। जिसके बाद करीब 200 अश्वेतों ने पुलिस पर हत्या का मामला दर्ज करने के लिए विरोध-प्रदर्शन कियाय़
बर्लिन: जर्मन पुलिस के एक अधिकारी की गोली से मारे गये 16 साल के अश्वेत युवक के मामले में मंगलवार को जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ। युवक की मौत से नाराज करीब 200 अश्वेत प्रदर्शनकारियों ने पश्चिमी जर्मनी के डॉर्टमुंड शहर में पुलिस पर हत्या का मामला दर्ज कराने के लिए काफी उग्र स्वरूप में नारेबाजी की।
इस मामले में डॉर्टमुंड पुलिस ने कहा कि अश्वेत नागरिकों के विरोध के बाद उनकी शिकायत को दर्ज कर लिया गया है और उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। हालाकि पुलिस ने अपने दावे के उलट शहर के एक पुलिस स्टेशन में प्रदर्शन करने वाले अश्वेत नागरिकों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया।
घटना के संबंध में राज्य के अभियोजक पक्ष ने बताया कि सेनेगल के एक नाबालिग शरणार्थी कैंप में रह रहे एक अश्वेत युवक को पुलिस द्वारा गोली मार दी गई। इस मामले में कैंप के स्टाफ सदस्य का कहना है कि उसने पुलिस को आपातकालीन कॉल इसलिए किया था क्योंकि मारा गया अश्वेत युवक उसे चाकू दिखा रहा था। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे काबू करने का प्रायास किया और इसी दौरान गोली लगने के कारण उसकी मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक आक्रामक को रहे अश्वेत युवक को काबू करने में कुल ग्यारह पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे थे। पुलिस की प्रारंभिक जांच में कहा गया है कि पुलिस उसे सरेंडर के लिए लगातार कह रही थी लेकिन वो अधिकारियों की बात नहीं सुन रहा था और इस बात का लगातार डर बना हुआ था कि वो चाकू से किसी पर भी हमला कर सकता था।
पुलिस अधिकारियों ने उस पहले निहत्था करने का प्रयास किया लेकिन उस दौरान चली गोली से वो घायल हो गया। उसके बाद उसे आपातकालीन ऑपरेशन के लिए अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
घटना के जांच के प्रभारी अभियोजक कार्स्टन डोम्बर्ट ने कहा, "गोली चलाने वाले पुलिस अधिकारी की फिलहाल जांच की जा रही है, जैसा कि ऐसे मामलों में अक्सर होता है और उस जांच के नतीजे आने में अभी कई हफ्ते लगेंगे।"
उन्होंने कहा कि मामला चूंकि खुद पुलिस से जुड़ा है, इसलिए जांच की निष्पक्षता को बनाये रखने के लिए रेक्लिंगहौसेन शहर की पुलिस इसे देखेगी और डॉर्टमुंड की पुलिस जांच में सहयोग करेगी।
मालूम हो कि जर्मनी में पुलिस गोलीबारी में मारे जाने की घटनाएं बेहद कम होती हैं। एक अध्ययन के मुताबिक साल 2020 में जर्मन पुलिस ने आक्रामक लोगों पर काबू पाने के लिए 159 बार हथियारों का प्रयोग किया। जिनमें 49 चेतावनी शॉट थे। वहीं पुलिस द्वारा चलाई गई गोली में कुल 15 लोगों की मौत हुई है और 41 लोग घायल हुए हैं।