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WEST यूरोप में भीषण गर्मी, पेरिस में पारा रिकार्ड 41 डिग्री सेल्सियस, बेल्जियम में 40.2 

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 25, 2019 19:52 IST

पेरिस में बृहस्पतिवार का दिन सबसे गर्म रहा और सात दशकों का रिकार्ड टूट गया। यूरोप इस वक्त लू की चपेट में है। मौसम सेवा ने यह जानकारी दी। फ्रांस की मौसम सेवा ने बताया कि शहर के मोन्टसोरिस क्षेत्र में 41 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। इसने जुलाई 1947 में 40.4 डिग्री सेल्सियस का रिकार्ड तोड़ दिया। 

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ठळक मुद्देबेल्जियम में 39.9C, जर्मनी में 40.5C और नीदरलैंड में 39.3C तापमान दर्ज किया गया।बेल्जियम, जर्मनी और नीदरलैंड में अबतक का सबसे ज़्यादा तापमान पहले ही रिकॉर्ड किया जा चुका है।पेरिस समेत 19 दूसरे राज्यों में रेड एलर्ट जारी कर दिया है। देश में कई जगह तापमान 42-43C तक पहुंचने का अंदेशा है।

पश्चिमी यूरोप में गर्मी ने जीना मुहाल कर दिया है। लोग नदी और समुद्र के किनारे रह भी रहे हैं। पश्चिमी यूरोप के ज़्यादातर हिस्सों में तापमान रिकॉर्ड तोड़ रहा है। पिछले महीने भी वहां के लोगों ने भीषण गर्मी का सामना किया था। 

उफ! ये गर्मी। पेरिस, लंदन और यूरोप के तमाम इलाकों में भीषण गर्मी और लू की मार झेल रहे लोगों के मुंह से आजकल इसी से मिलते हुए यही शब्द निकल रहे हैं। हालत यह है कि तापमान यहां नए रिकॉर्ड बना रहा है और लू के थपेड़े लोगों को बुरी तरह परेशान कर रहे हैं। फ्रांस में तो गर्मी ने सात दशक का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

एक महीने में दूसरी बार हीटवेव लोगों का जीना मुहाल कर रही है। बेल्जियम के मौसम वैज्ञानिकों ने बुधवार को देश का सबसे अधिक तापमान दर्ज किया क्योंकि इस वक्त पश्चिम यूरोप लू की चपेट में है। इसके चलते यातायात बाधित हुआ है और सुरक्षा चेतावनी जारी कर दी गयी।

रॉयल मिटियोरोलॉजिकल इंस्टीट्यूट में मुख्य पूर्वानुमानकर्ता डेविड डेहेनावु ने बृहस्पतिवार को बताया कि पूर्वी शहर लेगे में एक दिन पहले अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह अब तक का सबसे अधिक तापमान है। 

फ्रांस की राजधानी पेरिस में बृहस्पतिवार का दिन सबसे गर्म रहा और सात दशकों का रिकार्ड टूट गया। यूरोप इस वक्त लू की चपेट में है। मौसम सेवा ने यह जानकारी दी। फ्रांस की मौसम सेवा ने बताया कि शहर के मोन्टसोरिस क्षेत्र में 41 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। इसने जुलाई 1947 में 40.4 डिग्री सेल्सियस का रिकार्ड तोड़ दिया। 

ब्रिटेन में पारा 39C तक पहुंचने का अनुमान है। यहां ट्रेनों को कम गति में चलाने का आदेश दे दिया गया है, ताकि रेल पटरियों को बहुत ज़्यादा गर्म होने से बचाया जा सके। बेल्जियम, जर्मनी और डच में दो दिनों में दूसरी बार गर्मी का रिकॉर्ड टूटने जा रहा है। ब्रिटेन की नेशनल वेदर सर्विस के मुताबिक़ जलवायु परिवर्तन की वजह से यूरोप में हीटवेव की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है।

प्रशासन ने पेरिस समेत 19 दूसरे राज्यों में रेड एलर्ट जारी कर दिया है। देश में कई जगह तापमान 42-43C तक पहुंचने का अंदेशा है। बेल्जियम, जर्मनी और नीदरलैंड में अबतक का सबसे ज़्यादा तापमान पहले ही रिकॉर्ड किया जा चुका है। बुधवार को बेल्जियम में 39.9C, जर्मनी में 40.5C और नीदरलैंड में 39.3C तापमान दर्ज किया गया। फ्रांस में लोगों को घर से बाहर ना निकलने की सलाह दी गई है। कहा गया है कि मुमकिन हो तो वो घर से ही काम करें। बच्चों की नर्सरियां भी बंद कर दी गई हैं।

नॉट्रे-डाम चर्च का पुनः निर्माण कर रहे मुख्य आर्किटेक्ट ने चेतावनी दी है कि अधिक गर्मी की वजह से चर्च की छत गिर सकती है, क्योंकि गर्मी की वजह से छत के जॉइंट्स और चिनाई सूख जाएगी। फ्रांस के मीडिया के मुताबिक़ अबतक की पांच मौतों का संबंध गर्मी से हो सकता है। इस साल की भीषण गर्मी को देखकर साल 2003 की गर्मी को याद किया जा रहा है। उस वक़्त देश में क़रीब 15 हज़ार मौतें गर्मी की वजह से हुई थीं।

नीदरलैंड में इस हफ़्ते गर्मी की वजह से सैंकड़ों सूअर मर गए। इस बीच बुधवार को बेल्जियम से लंदन जाने वाली ट्रेन ख़राब हो गई, जिसमें कई यात्री फंस गए थे। 

जलवायु वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी कि दुनिया के कई हिस्सों में ये हालात अब सामान्य तौर पर हो सकते हैं। लेकिन यूरोप - जहां वातानुकूलन का प्रयोग बेहद कम देखने को मिलता है- इस बढ़े हुए तापमान से निपटने के लिये तैयार नहीं दिखता। ऐसे में पर्यटक सार्वजनिक फव्वारों के नीचे राहत पाने की कोशिश में जुट रहे हैं वहीं अधिकारी और स्वयंसेवी भीषण गर्मी के इस वक्त में बुजुर्गों, बीमारों और बेघरों की मदद करते देखे जा रहे हैं।

ब्रिटेन और फ्रांस में ट्रेन सेवा रद्द कर दी गई हैं औंर फ्रेंच अधिकारियों ने यात्रियों से घर में ही रहने का अनुरोध किया है। एक के बाद एक गर्मी यूरोप भर में रिकॉर्ड तोड़ रही है। गुरुवार अपराह्न पेरिस इलाके में तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो 1947 में दर्ज 40.4 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा है।

अधिकारियों ने कहा कि उत्तरी अफ्रीका से आ रही गर्म और सूखी हवा की वजह से तापमान अब भी बढ़ रहा है। लंदन में तापमान 39 डिग्री सेल्सियस पहुंचने की उम्मीद है। जर्मनी, नीदरलैंड्स, लक्जमबर्ग और स्विटजरलैंड में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार जा सकता है।

बेल्जियम में भी तापमान रिकॉर्ड तोड़ रहा है। यहां रॉयल मिटियोरोलॉजिकल इंस्टीट्यूट में मुख्य पूर्वानुमानकर्ता डेविड डेहेनावु ने बृहस्पतिवार को बताया कि पूर्वी शहर लेगे में एक दिन पहले अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

यह 1833 से रखे जा रहे तापमान के आंकड़ों में सबसे ज्यादा है। जर्मनी में बुधवार को तापमान 40.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और जर्मन मौसम सेवा को गुरुवार को तापमान के और बढ़ने की आशंका है। ऑस्ट्रिया के स्टीरिया क्षेत्र में परिवार की जानकारी के बिना दो साल का एक बच्चा खड़ी कार में चढ़ गया और वहीं सो गया।

जब तक परिवार को पता चलता पानी की कमी की वजह से बच्चे की वहीं मौत हो गई थी। नीदरलैंड्स में एक सरकारी स्वास्थ्य संस्थान ने कहा है कि देश के कई हिस्सों में हवा में ओजोन के कारण ‘स्मॉग’ का उच्च स्तर देखने को मिल सकता है। नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक हेल्थ एंड द एनवॉयरमेंट ने गुरुवार को घनी आबादी वाले एम्सटर्डम, रॉटरडम और द हेग जैसे शहरों समेत क्षेत्र के लिये गुरुवार को “स्मॉग अलार्म” जारी किया। 

 

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