Belarus election: छठी बार बेलारूस के राष्ट्रपति निर्वाचित अलेक्सांद्र लुकाशेंको, विपक्ष ने कहा-धांधली, सड़क पर लोग
By भाषा | Published: August 10, 2020 07:43 PM2020-08-10T19:43:03+5:302020-08-10T21:11:26+5:30
रविवार की रात को हजारों लोग उन शुरुआती नतीजों का विरोध करते हुए बेलारूस के शहरों और कस्बों में सड़कों पर उतर आये जिससे लुकाशेंको की जबरदस्त जीत का संकेत मिला था। विपक्षी समर्थकों ने कहा कि उनका मानना है कि चुनाव के परिणामों में धांधली की गई है।
मिंस्कः बेलारूस में चुनाव अधिकारियों ने कहा है कि अलेक्सांद्र लुकाशेंको लगातार छठी बार राष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं। लुकाशेंको को इस बार 26 वर्षों में सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा लेकिन चुनाव में उन्हें 80 प्रतिशत से अधिक वोट प्राप्त हुए।
रविवार की रात को हजारों लोग उन शुरुआती नतीजों का विरोध करते हुए बेलारूस के शहरों और कस्बों में सड़कों पर उतर आये जिससे लुकाशेंको की जबरदस्त जीत का संकेत मिला था। विपक्षी समर्थकों ने कहा कि उनका मानना है कि चुनाव के परिणामों में धांधली की गई है।
प्रदर्शनकारियों ने सोमवार की शाम को विरोध प्रदर्शन के लिए मिंस्क में एकत्र होने की योजना बनाई है। विपक्षी उम्मीदवार 37 वर्षीय श्वेतलाना त्सिकानुसकाया ने सोमवार को कहा, ‘‘हम इन परिणामों को नहीं मानते।’’ पूर्व शिक्षक एवं राजनीतिक नौसिखिया को 9.9 फीसदी वोट और 65 वर्षीय लुकाशेंको को 80.23 फीसदी वोट मिले।
लुकाशेंको ने चुनाव को ‘‘एक उत्सव का मौका’’ बताया और विपक्ष पर इसे बर्बाद करने की कोशिश करने का आरोप लगाया
त्सिकानुसकाया ने कहा कि उनकी टीम अपनी गिनती कर रही है। लुकाशेंको ने चुनाव को ‘‘एक उत्सव का मौका’’ बताया और विपक्ष पर इसे बर्बाद करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। रविवार के चुनाव के परिणाम को लेकर आक्रोश उत्पन्न करने वाले प्रदर्शनकारियों ने दंगा पुलिस का सामना किया।
पुलिस उन्हें तितर-बितर करने के लिए तेजी से आगे बढ़ी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। मानवाधिकार समूहों ने कहा कि एक व्यक्ति की मौत हो गई। हालांकि अधिकारियों ने इससे इनकार किया। साथ ही सैकड़ों प्रदर्शनकारी घायल हो गए। विस्ना मानवाधिकार समूह के अनुसार, 200 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।
गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान किसी की मौत नहीं हुई। उसने प्रदर्शनों के दौरान मौत होने की खबर को ‘‘पूर्ण रूप से फर्जी’’ बताया। अधिकारियों के मुताबिक, विरोध प्रदर्शन के दौरान 89 लोग घायल हुए, जिनमें 39 कानून प्रवर्तन अधिकारी शामिल हैं।
साथ ही करीब 3,000 लोगों को हिरासत में लिया गया। बेलारूस की जांच समिति ने बड़े पैमाने पर दंगों और पुलिस अधिकारियों के प्रति हिंसा की सोमवार को आपराधिक जांच शुरू की। यूरोपीय अधिकारियों ने रविवार को बेलारूस के अधिकारियों से लोकतंत्र के मानकों का पालन करने और लोगों के नागरिक अधिकारों का सम्मान करने का आग्रह किया।
बेलारूस के राष्ट्रपति ने विपक्षी प्रदर्शनकारियों को दी चेतावनी
बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्सांद्र लुकाशेंको ने सोमवार को चेतावनी दी कि उनके 26 साल के शासन को बढ़ाने वाले आधिकारिक चुनाव परिणामों को चुनौती देने वाले विपक्षी प्रदर्शनकारियों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। लुकाशेंको ने साथ ही विपक्षी प्रदर्शनकारियों पर आरोप लगाया कि वे अपने विदेशी आकाओं के इशारे पर काम कर रहे हैं। रविवार के मतदान के कुछ ही घंटों बाद तब सैकड़ों लोग घायल हो गए और हजारों को हिरासत में ले लिया गया, जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और उनके खिलाफ बेरहमी से कार्रवाई की।
प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर युवा थे। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा कि एक व्यक्ति की पुलिस के ट्रक से कुचलकर मौत हो गई। हालांकि, अधिकारियों ने इससे इनकार किया। चुनाव अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि लुकाशेंको छठी बार निर्वाचित हुए और उन्हें 80 प्रतिशत से अधिक वोट मिले। वहीं, विपक्षी उम्मीदवार श्वेतलाना त्सिकानुसकाया को 9.9 प्रतिशत मत मिले। त्सिकानुसकाया ने आधिकारिक परिणामों को एक दिखावा करार देते हुए खारिज कर दिया और उसे चुनौती देने का संकल्प जताया।
विपक्ष दिन में बाद में राजधानी, मिंस्क और अन्य शहरों में नए विरोध प्रदर्शनों की योजना बना रहा है। हालांकि, लुकाशेंको ने चेतावनी दी कि वह विपक्षी प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए फिर से बल प्रयोग करने में संकोच नहीं करेंगे। उन्होंने तर्क दिया कि प्रदर्शनकारियों ने 25 पुलिस अधिकारियों को घायल कर दिया और देश के कई शहरों में सरकारी इमारतों को नियंत्रण में लेने का प्रयास किया जिसके बाद पुलिस ने उचित कार्रवाई की।
पैंसठ वर्षीय लुकाशेंको ने दावा किया कि विपक्ष पोलैंड और चेक गणराज्य से निर्देशित हो रहा है तथा यूक्रेन और रूस में कुछ समूह भी विरोध प्रदर्शन के पीछे हो सकते हैं। गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान किसी की मौत नहीं हुई।
उसने प्रदर्शनों के दौरान मौत होने की खबर को ‘‘पूर्ण रूप से फर्जी’’ बताया। अधिकारियों के मुताबिक, विरोध प्रदर्शन के दौरान 89 लोग घायल हुए, जिनमें 39 कानून लागू करने वाले अधिकारी शामिल हैं। साथ ही करीब 3,000 लोगों को हिरासत में लिया गया। इनमें से 1000 लोगों को मिंस्क में हिरासत में लिया गया।