Bangladesh Violence: हिंसा की आग में झुलसा बांग्लादेश, 133 लोगों की मौत, अब शूट एट साइट के ऑर्डर
By आकाश चौरसिया | Published: July 21, 2024 01:58 PM2024-07-21T13:58:34+5:302024-07-21T14:18:07+5:30
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर लोग सड़कों पर है, ऐसे में सरकार भी उन्हें रोकने के लिए कर्फ्यू लगा चुकी हैं। विरोध में बदले हिंसक प्रदर्शन की वजह से अब तक 133 लोगों की जान जा चुकी है।

फोटो क्रेडिट- एक्स
नई दिल्ली:बांग्लादेश में देश व्यापी सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर हिंसा का माहौल और सत्तारूढ़ दल के विरुद्द प्रदर्शन जारी है। हालांकि इस बीच वहां की केंद्र सरकार ने कड़े सुरक्षा प्रबंध कर रखे हैं, जिससे आंच सरकार तक ना पहुंच सके। फिलहाल इस हिंसा में अब तक 133 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इस बीच हिंसात्मक प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने राष्ट्रीय स्तर पर कर्फ्यू लगा रखा और इंटरनेट की सुविधा भी हिंसक क्षेत्रों में बाधित कर दी गई है।
गौरतलब है कि कई देशों ने बांग्लादेश में रह रहे नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी किया और तो और बांग्लादेश की यात्रा करने से भी मना कर दिया है। हालांकि, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी उग्र हिंसक झड़पों को देखते हुए अपनी अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर विराम लगा दिया है।
Restrictions on #internet and news channels in #Bangladesh.
— Sanjeev 🇮🇳 (@sun4shiva) July 20, 2024
Nationwide #curfew has been announced... 105 people have died so far in the violence against #reservation.#QuotaSystem#BangladeshProtests#বাংলাদেশ#BangladeshRiotspic.twitter.com/N7EquXRVFu
विरोध के पीछे की वजह
बांग्लादेश में हो रहे प्रदर्शन का मकसद है कि सिविल सेवा नौकरी में आरक्षण में वृहद रूप से बदलाव हो, क्योंकि अभी तक कुछ खास संगठन, साथ ही इनमें उन लोगों के वंशज भी शामिल हैं, जिन्हें पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था।
बांग्लादेश में एएफपी के मुताबिक, इस हफ्ते देश में हुई हिंसा में 133 लोगों की मौत हो चुकी है। विरोध प्रदर्शन में सबसे खराब दिन 18 जुलाई था और ऐसे में सरकार अब तक हिंसा को नियंत्रित करने में असमर्थ रही। जैसे ही गुरुवार से विरोध प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी, बांग्लादेश सरकार ने देशव्यापी कर्फ्यू लगा दिया और सेना तैनात कर दी। एपी की रिपोर्ट के अनुसार, देश में कर्फ्यू पूरे रविवार तक के लिए बढ़ा दिया।
देश व्यापी इंटरनेट की सेवाएं बाधित कर दी गई हैं, हिंसा के समाप्त होने तक ऐसा ही रहेगा। सरकारी वेबसाइट भी इस दौरान बंद रही, जबकि बड़ी ऑनलाइन न्यूज पोर्टल भी बंद कर दी गई।
बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट को आज निर्णय करना है कि सरकारी नौकरियों में कोटा मिलता रहने है या नहीं। आज स्थिति साफ हो सकती है, वहींपिछले महीने कई याचिकाओं के आधार पर कोटा बहाल कर दिया, जिससे पूरे बांग्लादेश में व्यापक आक्रोश फैल गया।
भारत की केंद्र सरकार ने शनिवार शाम को पुष्टि की कि लगभग 1000 भारतीय छात्र बांग्लादेश से देश लौट आए हैं। 740 से अधिक छात्र अनेकों माध्यम से भारत लौट आए हैं, जबकि 200 से अधिक छात्र हवाई यात्रा करके भारत लौट रहे हैं।