अंसार बर्नी ने कहा- वीजा मुक्त व्यवस्था लागू हो पाती तो अटल बिहारी वाजपेयी की रुखसती में दिल्ली आता
By भाषा | Published: August 17, 2018 12:07 AM2018-08-17T00:07:56+5:302018-08-17T07:08:28+5:30
पाकिस्तान के अग्रणी मानवाधिकार कार्यकर्ता बर्नी ने पाकिस्तान से फोन पर ‘‘भाषा’’ को बताया कि बतौर प्रधानमंत्री वाजपेयी ने दोनों देशों के बीच अवाम के स्तर पर बेहतर आपसी रिश्ते बहाल करने के लिये वीजा मुक्त व्यवस्था बहाल करने की पुरजोर पैरवी की थी।
नई दिल्ली, 17 अगस्त:पाकिस्तान के पूर्व मानवाधिकार मंत्री अंसार बर्नी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन को भारत पाकिस्तान के बीच स्थायी शांति समाधान की प्रक्रिया के लिये करारा झटका बताते हुये कहा ‘‘वाजपेयी ने दोनों मुल्कों के बीच वीजा मुक्त आवाजाही की पहल की थी, काश उनका सपना पूरा हो पाता तो मैं आज फौरी तौर पर उनकी रुखसती में शरीक होने दिल्ली पहुंचने वालों में सबसे आगे होता।’’
पाकिस्तान के अग्रणी मानवाधिकार कार्यकर्ता बर्नी ने पाकिस्तान से फोन पर ‘‘भाषा’’ को बताया कि बतौर प्रधानमंत्री वाजपेयी ने दोनों देशों के बीच अवाम के स्तर पर बेहतर आपसी रिश्ते बहाल करने के लिये वीजा मुक्त व्यवस्था बहाल करने की पुरजोर पैरवी की थी।
उन्होंने कहा ‘‘काश, यूरोप की तर्ज पर अगर भारतीय उपमहाद्वीप में वाजपेयी की यह पहल कारगर हो पाती तो उनके अंतिम दर्शन के लिये अब तक मैं दिल्ली का रुख कर चुका होता।’’
वाजपेयी को महान शख्सियत बताते हुये उन्होंने कहा ‘‘उनके दिल में मानवाधिकारों के लिये खास जगह थी। इंसानियत और अमन चैन की खातिर किये गये उनके काम हमेशा याद किये जायेंगे।’’ बर्नी ने भारत पाकिस्तान के बीच अमन चैन की बहाली के प्रयासों की दिशा में वाजपेयी के निधन को बड़ा झटका बताते हुये कहा ‘‘मैं निजी तौर पर बेहद दुखी हूं।’’
वाजपेयी के साथ अपनी एक मुलाकात को याद करते हुये उन्होंने कहा ‘‘उनकी ख्वाहिश थी कि जैसे यूरोप में सरहदें जुड़ी वैसे ही हिंदुस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, श्रीलंका और ईरान सहित तमाम पड़ोसी मुल्क एक घर की तरह हों, हम सब एक दूसरे के सुख दुख में शरीक हो सकें और दुनिया कहे कि ये एक खानदान है।बर्नी ने उम्मीद जतायी कि वाजपेयी की यह ख्वाहिश आने वाली पीड़ियां एक दिन जरूर पूरी करेंगी।