अनुच्छेद 370ः पाक विदेश मंत्री ने कहा- भारत के लिए हवाईक्षेत्र बंद करने पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है
By भाषा | Updated: August 29, 2019 13:41 IST2019-08-29T13:41:17+5:302019-08-29T13:41:17+5:30
नेशनल डेटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (नाद्रा) के दौरे पर आए कुरैशी ने कहा कि हाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई लेकिन प्रधानमंत्री इमरान खान ही इस पर कोई अंतिम निर्णय लेंगे।

पाकिस्तान ने इस फैसले के विरोध में भारत के साथ राजनयिक संबंध सीमित कर भारतीय उच्चायुक्त को वापस भेज दिया था।
पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि भारत के लिए हवाईक्षेत्र बंद करने पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि कोई भी फैसला सभी पहलुओं पर विचारविमर्श के बाद लिया जाएगा।
कुरैशी ने अंग्रेजी अखबार डॉन की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें भारत के लिए हवाईक्षेत्र बंद करने के कयास लगाए गए थे। नेशनल डेटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (नाद्रा) के दौरे पर आए कुरैशी ने कहा कि हाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई लेकिन प्रधानमंत्री इमरान खान ही इस पर कोई अंतिम निर्णय लेंगे।
Pakistan Foreign Minister, Shah Mehmood Qureshi: Pakistan has not yet decided to close its airspace to India. PM is the final authority to take a decision on this. (file pic) pic.twitter.com/8U6Ttp7lPK
— ANI (@ANI) August 29, 2019
कुरैशी का यह बयान विज्ञान एंव तकनीक मंत्री फवाद चौधरी की मंगलवार को ट्विटर पर की गई घोषणा के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान भारत के लिए अपना हवाईक्षेत्र और अफगानिस्तात के लिए पाकिस्तान के रास्ते भारतीय कारोबार मार्ग पूरी तरह से बंद करने पर विचार कर रहा है।
बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने पर भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने फरवरी में अपना हवाईक्षेत्र पूरी तरह से बंद कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तान ने 27 मार्च को नई दिल्ली, बैंकाक और कुआलालांपुर की उड़ानों को छोड़ कर बाकी के लिए अपना हवाईक्षेत्र खोल दिया था।
पाकिस्तान ने 15 मई को भारत जाने वाले विमानों के अपने हवाईक्षेत्र से गुजरने पर लगी रोक 30 मई तक बढ़ा दी थी। पाकिस्तान ने सभी असैन्य विमानों के लिए 16 जुलाई को हवाईक्षेत्र खोला था। जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के फैसले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है।
पाकिस्तान ने इस फैसले के विरोध में भारत के साथ राजनयिक संबंध सीमित कर भारतीय उच्चायुक्त को वापस भेज दिया था। पाकिस्तान ने भारत के साथ कारोबार, रेल एवं बस सेवा भी स्थगित कर दी थी।