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अनुच्छेद 370ः पाक परेशान, विदेश मंत्री बीजिंग पहुंचे, चीन ने कहा- बातचीत से विवाद सुलझाओ

By भाषा | Updated: August 9, 2019 13:23 IST

भारत ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को इस सप्ताह हटा दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया। पाकिस्तान ने भारत के कदम को ‘‘एकतरफा और गैरकानूनी’’ बताया और कहा कि वह इस मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पास लेकर जाएगा।

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ठळक मुद्देकुरैशी ने कहा, ‘‘चीन ना केवल पाकिस्तान का मित्र है बल्कि क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण देश भी है।मैं कश्मीर में भारत सरकार द्वारा उठाए असंवैधानिक कदमों से चीनी नेताओं को अवगत कराऊंगा।

भारत सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जे से संबंधित अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी चीन का समर्थन हासिल करने के लिए यहां पहुंचे और इसी दौरान चीन ने शुक्रवार को भारत और पाकिस्तान से संवाद तथा बातचीत के रास्ते विवादों को सुलझाने की सलाह दी।

यहां विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि कुरैशी कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रयासों के तहत चीन का समर्थन हासिल करने के लिए बीजिंग पहुंचे हैं। भारत ने इसी सप्ताह जम्मू कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को समाप्त कर दिया है और प्रदेश को जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख, दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटा है।

पाकिस्तान ने भारत की कार्रवाई को ‘एकतरफा और गैरकानूनी’ करार देते हुए कहा कि वह इस मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाएगा। पाकिस्तान के फैसले पर पूछे गये सवालों के जवाब में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘चीन ने पाकिस्तान के संबंधित बयान पर संज्ञान लिया है।’’

उसने यहां मीडिया को बांटे गये लिखित जवाब में कहा, ‘‘हम पाकिस्तान और भारत का आह्वान करते हैं कि संवाद और बातचीत के माध्यम से विवादों को सुलझाएं व संयुक्त रूप से क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता कायम करें।’’

चीन ने अनुच्छेद 370 से संबंधित भारत के फैसले का सीधा उल्लेख किये बिना कहा, ‘‘सबसे पहली प्राथमिकता है कि संबंधित पक्ष को एकतरफा तरीके से यथास्थिति में बदलाव करना रोकना चाहिए और तनाव बढ़ाने से बचना चाहिए।’’

चीन ने छह अगस्त को लद्दाख को भारत का केंद्रशासित प्रदेश बनाने के फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि उसकी क्षेत्रीय संप्रभुता की अनदेखी की गयी है। कुरैशी के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर 11 अगस्त से यहां तीन दिनी दौरा शुरू करने वाले हैं। इस दौरान वह अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ व्यापक बातचीत कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में यह किसी भारतीय मंत्री की पहली चीन यात्रा होगी। यह यात्रा पहले से निर्धारित है। 

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