सैलरी बढ़ाकर रोकी जा सकती हैं कई आत्महत्याएं: अमेरिकी अध्ययन
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 10, 2020 05:49 PM2020-01-10T17:49:56+5:302020-01-10T17:49:56+5:30
अमेरिका में एक जर्नल में छपे अध्ययन में बताया गया कि लगभग 3.4 से 5.9 प्रतिशत आत्महत्याओं को सैलरी बढ़ाकर रोका जा सकता है। इस अध्ययन में 25 साल के आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया है।
अमेरिका में हुए एक अध्ययन से यह बात निकलकर आई कि बहुत सी आत्महत्याओं को सिर्फ लोगों की सैलरी बढ़ाकर रोका जा सकता है। इस अध्ययन के मुताबिक लोगों की सैलरी बढ़ाकर 3.4 से 5.9 प्रतिशत तक आत्महत्यों को रोका जा सकता है। इस अध्ययन में 25 साल के आकड़ों का इस्तेमाल किया गया है।
साल 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक 14 लाख अमेरिका के नागरिकों ने आत्महत्या की कोशिश की थी। जिसमें नौजवान और इसी उम्र के आस पास के लोग थे। रिपोर्ट के मुताबिक उनमें से लगभग 48,000 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई थी। 2017 में आत्महत्या करने वाले में से 1.7 प्रतिशत बेरोजगार थे। जबकि 0.4 प्रतिशत फुल टाइम वर्कर और 0.7 प्रतिशत पार्ट-टाइम काम करने वाले थे।
अध्ययन में पाया गया कि आर्थिक परेशानी, कर्ज और नौकरी छूटने के कारण लोगों ने आत्महत्या करने की कोशिश की। सैलरी में मुश्किल से दो डॉलर बढ़ाने से 25,900 आत्महत्याओं को टाला जा सकता है। 1990 से 2015 तक हाई स्कूल डिग्री प्राप्त 3,99,206 लोगों ने आत्महत्या की, जबकि 140 उच्च शिक्षा प्राप्त लोगो ने आत्महत्या की है।
अध्ययन में बताया गया कि एक प्रतिशत डॉलर के बढ़ोत्तरी करने से 27,550 लोगों को आत्महत्या करने से बचाया जा सकता था। अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि अगर दो डॉलर सैलरी में बढ़ा दिया जाता तो लगभग 57,350 लोगों को आत्महत्या करने से बचाया जा सकता था।
अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि अस्थिर अर्थव्यवस्था आत्महत्या का एक बड़ा कारण है क्योंकि यह दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि बेरोजगारी के समय न्यूनतम मजदूरी ज्यादा की जानी चाहिए। इस तरह अमेरिका में होने वाली आत्महत्याओं को कम किया जा सकता है।