पाकिस्तान के कोर्ट में जज के सामने ईशनिंदा के आरोपी अमेरिकी नागरिक की गोली मारकर हत्या, अमेरिका ने कही ये बात
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 30, 2020 09:13 AM2020-07-30T09:13:02+5:302020-07-30T09:13:02+5:30
अमेरिका ने पाकिस्तान की कोर्ट में जज के सामने एक आरोपी की हत्या पर कड़ा ऐतराज जताया है। मारा गया ईशनिंदा का आरोपी अमेरिकी नागरिक था।
अमेरिका ने पाकिस्तान के कोर्ट रूम में अपने एक नागरिका ताहिर नसीम की गोली मारकर हत्या कर दिए जाने की घटना की कड़ी निंदा की है। अमेरिका ने कहा कि उसकी संवेदना ताहिर नसीम के परिवार के साथ है जो एक अमेरिकी नागरिक था। अमेरिका ने साथ ही पाकिस्तान से कहा है कि वह तत्काल ऐसे कदम उठाए और बदलाव लेकर आए ताकि भविष्य में ऐसी शर्मनाक घटनाएं फिर नहीं हों।
गौरतलब है कि ईशनिंदा को लेकर मुकदमे का सामना कर रहे अहमदी समुदाय के एक व्यक्ति की बुधवार को पेशावर की एक अदालत में जज के सामने गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने बताया कि ताहिर अहमद नसीम को ईशनिंदा के आरोप में दो साल पहले गिरफ्तार किया गया था।
Condolences to family of Tahir Naseem, American citizen who was killed today inside a courtroom in Pakistan.We urge Pak to take immediate action & pursue reforms that will prevent such a shameful tragedy from happening again: Bureau of South & Central Asian Affairs, US State Dept pic.twitter.com/uQNoJuBdhA
— ANI (@ANI) July 30, 2020
नसीम को अदालत कक्ष में अतिरिक्त सत्र न्यााधीश शौकतुल्ला खान के सामने गोली मार दी गई। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह अदालत छावनी इलाके में अत्यधिक सुरक्षा वाले क्षेत्र में है। न्यायिक परिसर के मुख्य द्वारा और इसके अंदर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है। हालांकि, यह पता नहीं चल पाया है कि हथियारबंद हमलावर कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में कैसे घुस गया।
पुलिस ने हत्यारे को अदालत कक्ष से गिरफ्तार कर लिया। घटना के दौरान मौके पर मौजूद रहे एक वकील ने बताया कि मृतक के खिलाफ ईश निंदा कानून के तहत एक मामला दर्ज था।
बता दें कि पाकिस्तान में ईशनिंदा अत्यधिक संवेदनशील मुद्दा है, जहां महज आरोप लग जाने पर ही आरोपी अक्सर भीड़ की हिंसा का शिकार बन जाता है। अहमदी, पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक हैं। पाक संसद ने 1974 में इसे गैर मुस्लिम समुदाय घोषित किया था। एक दशक बाद, इस वर्ग के लोगों को मुस्लिम कहे जाने से प्रतिबंधित कर दिया गया।
(भाषा इनपुट)