अमेरिका का 22 साल बाद घातक बदला! ईरान में घुसकर अल कायदा के नंबर 2 सरगना का काम तमाम

By विनीत कुमार | Published: November 14, 2020 10:53 AM2020-11-14T10:53:45+5:302020-11-14T11:19:07+5:30

आतंकी संगठन अल-कायदा के दूसरे सबसे बड़े सरगना को ईरान की राजधानी तेहरान में मार गिराया गया है। अमेरिका की ओर से इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के जवानों इस कार्रवाई को अंजाम दिया।

Al Qaida's Abu Muhammad al-Masri accused of 1998 US Embassy Attacks Killed in Iran | अमेरिका का 22 साल बाद घातक बदला! ईरान में घुसकर अल कायदा के नंबर 2 सरगना का काम तमाम

अल कायदा के नंबर 2 सरगना अबू मोहम्‍मद अल मस्री को मारा गया (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsअल-कायदा के दूसरे सबसे बड़े सरगना अबू मोहम्‍मद अल मस्री को मारा गयाअमेरिका की ओर से इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के जवानों ने किया अल कायदा सरगना का काम तमाम

अमेरिका ने अफ्रीका के केन्या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों पर 1998 में हुए घातक हमलों का बदला ले लिया है। खुफिया अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि इन दूतावासों पर हुए हमले के मास्टरमाइंड में से एक अल-कायदा के दूसरे सबसे बड़े सरगना को तीन महीने पहले ईरान में मार गिराया गया है। अमेरिका की ओर से 22 साल बाद उन हमलों का बदला लिया गया है।

दरअसल, अमेरिका की ओर से इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के जवानों ने ईरान की राजधानी तेहरान में छिपे अल-कायदा सरगना अबू मोहम्‍मद अल मस्री (58) को दूतावासों पर हुए हमले की वर्षगांठ पर 7 अगस्त को मार गिराया। इस दौरान अलकायदा सरगना ओसामा बिना लादेन की बहू मरियम भी मारी गई।

मरियम दरअसल अबू मोहम्मद की बेटी थी और उसकी शादी ओसामा के बेटे हमजा से हुई थी। हमजा पहले ही मारा जा चुका है। फिलहाल ये साफ नहीं हो सका है कि अमेरिका की ओर से इसमें क्या भूमिका निभाई गई। अमेरिका हालांकि, पिछले कई सालों से अबू मोहम्‍मद अल मस्‍त्री और अन्य अल कायदा के आतंकियों पर नजर रखे हुए थे। 

अबू मोहम्‍मद के मारे जाने की नहीं हुई है घोषणा

अबू मोहम्मद को मारे जाने को लेकर न ही अमेरिका, ईरान या फिर आतंकी संगठन अल-कायदा की ओर से ही कुछ भी आधाकारिक तौर पर कहा गया है। इजरायल ने भी अब तक इस संबंध में कुछ नहीं कहा है।

तेहरान में मारा गया अल-कायदा सरगना (प्रतीकात्मक तस्वीर)
तेहरान में मारा गया अल-कायदा सरगना (प्रतीकात्मक तस्वीर)

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार ईरान की सरकारी मीडिया ने इस घटना की खबर दी थी और मारे जाने वाले व्‍यक्ति का नाम हबीब दाउद और उसकी 27 साल की बेटी मरियम बताया था। अल कायदा के संस्थापकों में से एक अबू मोहम्‍मद पर अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित किया था। 

कैसे मारा गया अबू मोहम्‍मद

अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार अबू मोहम्‍मद ऊर्फ अब्‍दुल्‍ला अहमद अब्‍दुल्‍ला को उसकी बेटी को 7 अगस्त की रात को तेहरान की सड़कों पर गोली मार दिया गया। बताया जा रहा है कि अबू मोहम्मद तब अपनी कार से रात करीब 9 बजे जा रहा था। इस दौरान दो बंदूकधारी वहां आए और उसकी कार रुकवाई। इसके बाद उन्होंने दोनों को गोली मार दी। 

हमलावरों ने इस घटना को अंजाम देने के लिए साइलेंसर लगी बंदूक का इस्‍तेमाल किया। इस कारण तब किसी को हमले का अहसास नहीं हुआ। बता दें कि 1998 में  केन्‍या और तंजानिया के अमेरिकी दूतावासों में भीषण हमले में 224 लोग मारे गए थे। वहीं, हजारों लोग घायल हो गए थे। ये घटना 9 अगस्त को हुई थी। 

Web Title: Al Qaida's Abu Muhammad al-Masri accused of 1998 US Embassy Attacks Killed in Iran

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