अफगानिस्तान: महिलाओं ने फिर तालिबान विरोधी नारों को किया बुलंद, बोलीं- "शिक्षा हमारा अधिकार है, स्कूलों को फिर से खोलो"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 29, 2022 08:17 PM2022-05-29T20:17:40+5:302022-05-29T20:25:22+5:30

अफगानिस्तान में तालिबानी शासन की महिला विरोधी नीतियों के खिलाफ राजधानी काबुल में कई महिलाओं ने जोरदार प्रदर्शन किया और तालिबानी शासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए महिलाओं ने "शिक्षा मेरा अधिकार है! स्कूलों को फिर से खोलें!" का नारा लगाया।

Afghanistan: Women again raised anti-Taliban slogans, said - "Education is our right, reopen schools" | अफगानिस्तान: महिलाओं ने फिर तालिबान विरोधी नारों को किया बुलंद, बोलीं- "शिक्षा हमारा अधिकार है, स्कूलों को फिर से खोलो"

अफगानिस्तान: महिलाओं ने फिर तालिबान विरोधी नारों को किया बुलंद, बोलीं- "शिक्षा हमारा अधिकार है, स्कूलों को फिर से खोलो"

Highlightsकाबुल में तालिबानी शासन का विरोध करते हुए महिलाओं ने "रोटी, काम, आजादी" का नारा लगाया तालिबानी लड़ाकों के सामने महिलाओं ने कहा कि शिक्षा हमारा अधिकार है और इसे वापस करोअफगानिस्तान पर कब्जा के बाद तालिबान ने महिलाओं को सभी सामाजिक स्वतंत्रताओं से वंचित कर दिया है

काबुल:तालिबानी शासन द्वारा अफगान महिलाओं के प्रति लागू किये गये कठोर प्रतिबंधों के खिलाफ करीब दो दर्जन अफगान महिलाओं ने रविवार को देश की राजधानी में "रोटी, काम, आजादी" का नारा लगाते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया।

अमेरिकी सेना के जाने के बाद बीते अगस्त में अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने के बाद तालिबानी शासन ने कट्टर इस्लामिक विचारधारा को लागू करते हुए अफगानी महिलाओं को सभी सामाजिक स्वतंत्रताओं से वंचित कर दिया है।

तालिबानी की इसी कठोर नीति के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने काबुल में "शिक्षा मेरा अधिकार है! स्कूलों को फिर से खोलें!" का नारा लगाया और प्रदर्शनकारी महिलाएं सार्वजनिक स्थानों पर पूरे शरीर को ढकने वाले तालिबानी फरमान का भी विरोध कर रही थीं।

समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने काबुल में अपनी विरोध रैली को खत्म करने से पहले लगभग कुछ सौ मीटर तक तालिबानी लड़ाकों के समाने मार्च किया और जोरदार नारेबाजी की।

इस विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाली एक महिला जोलिया पारसी ने कहा, "हम महिलाओं पर हो रहे जुल्म के खिलाफ एक घोषणापत्र पढ़ना चाहते थे, लेकिन तालिबान हुक्मरानों ने हमें इसकी इजाजत नहीं दी।"

इसके अलावा उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि तालिबानी लड़ाकों ने कुछ लड़कियों के मोबाइल फोन भी छिनने का प्रयास किया जो हमारे विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें और वीडियो ले रही थीं।

मालूम हो कि तालिबान ने सत्ता पर कब्जा करने के बाद विश्व समुदाय को आश्वासन दिया ता कि वो अपने पहले कार्यकाल की तरह देश में कठोर इस्लामी शासन की बजाय एक नरम राजनैतिक और सामाजिक व्यवस्था को लागू करेंगे लेकिन अपने वादे से मुकरते हुए मौजूदा तालिबानी शासन ने पहले की तरह महिलाओं के खिलाफ कई कठोर प्रतिबंधों को जबरजस्ती लागू कर दिया है।

नये तालिबानी फरमान के तहत अब तक दसियों हज़ार लड़कियों को प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों से बाहर कर दिया गया है, जबकि कामकाजी महिलाओं को कई सरकारी नौकरियों में लौटने से रोक दिया गया है।

इसके अलावा तालिबानी शासन ने महिलाओं को देश में कहीं भी अकेले यात्रा करने पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया गया है। नये फरमान के मुताबिक महिलाएं केवल केवल पुरुषों से साथ दिनों में पार्कों और बाजारों में जरूरी खरीदारी करने के लिए जा सकती हैं।

इसी महीने अफगानिस्तान में तालिबानी के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा ने कहा कि महिलाओं को घरेलू काम करने चाहिए और घर की दहलीज के पार उन्हें नहीं निकलना चाहिए।

इसके साथ ही हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा ने कहा कि यदि महिलाओं को बहुत जरूरी काम से सार्वजनिक स्थानों पर जाना पड़े तो वे अपने पैरों से चेहरे तक खुद को पूरी तरह से ढंककर निकलें। 

Web Title: Afghanistan: Women again raised anti-Taliban slogans, said - "Education is our right, reopen schools"

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