जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई मानव के अस्तित्व का विषय : संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त
By भाषा | Published: October 28, 2021 06:49 PM2021-10-28T18:49:19+5:302021-10-28T18:49:19+5:30
बर्लिन, 28 अक्टूबर (एपी) संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष मानवाधिकार अधिकारी ने जलवायु परिवर्तन पर निर्णायक कार्रवाई करने का आह्वान करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह मानव के अस्तित्व का विषय है।
अगले सप्तम ग्लासगो में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन से पहले वैश्विक संस्था की मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशलेट ने कहा, ‘‘ सिर्फ तत्काल, प्राथमिकता वाली कार्रवाई ही आपदाओं के पड़ने वाले बड़े या घातक प्रभाव घटा सकती है या उन्हें टाल सकती है। कुछ मामलों में ये प्रभाव हम सभी को, खासतौर पर हमारे बच्चे प्रभावित कर सकते हैं।’’
उन्होंने 31 अक्टूबर से 13 नवंबर तक (कॉप26) बैठक में हिस्सा लेने वाली सरकारों से उन गरीब देशों की वित्तीय मदद करने के वादों को पूरा करने का अनुरोध किया, जो ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों का सामना कर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त ने कहा, ‘‘यह मानवाधिकार दायित्व है और अस्तित्व का विषय है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘निवास के लिए एक स्वस्थ ग्रह नहीं होने पर कोई मानवाधिकार नहीं रहेगा और यदि हम मौजूदा राह पर बढ़ते रहें तो मानव का अस्तित्व नहीं बचेगा।’’
उनकी बातों का अमेरिकी जलवायु दूत जॉन केरी ने समर्थन किया और चेतावनी दी कि जलवायु परिवर्तन का प्रकृति और लोगों पर नाटकीय प्रभाव पड़ेंगे।
केरी ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में बृहस्पतिवार को अपने संबोधन में कहा, ‘‘मैं एक आशावादी के तौर पर ग्लासगो जा रहा हूं।
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