आज ही बेनजीर भुट्टो बनी थीं दूसरी बार पाकिस्तान की पीएम, जानिए इतिहास में 19 अक्टूबर क्यों है खास
By लोकमत न्यूज़ ब्यूरो | Published: October 19, 2018 08:23 PM2018-10-19T20:23:42+5:302018-10-19T20:23:42+5:30
19 अक्टूबर 2003 को पोप जॉन पॉल द्वितीय ने मदर टेरेसा को 'धन्य' घोषित किया, जो उनके 'संत' बनने के सफर का पहला पड़ाव था।
नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर: बेनज़ीर भुट्टो को पाकिस्तान ही नहीं किसी भी मुस्लिम देश की पहली प्रधानमंत्री होने का दर्जा हासिल है। पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की संतान बेनजीर ने दो बार पाकिस्तान की बागडोर संभाली और दूसरी बार 19 अक्टूबर 1993 को देश की जनता के भारी समर्थन से इस पद पर पहुंची, लेकिन दोनो ही बार उनकी सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई और उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।
पूरब की बेटी कही जाने वाली बेनजीर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की नेता के तौर पर देश में जम्हूरियत का चेहरा बनीं। उनकी लोकप्रियता बहुत से लोगों की आंख में खटकने लगी थी। 27 दिसम्बर 2007 को एक चुनाव रैली के बाद उनकी हत्या कर दी गई। उनकी मौत से पाकिस्तान में जैसे लोकतंत्र की बहाली पर सवालिया निशान लग गया।
19 अक्टूबर की तारीख में इतिहास में दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1781 : ब्रिटेन के लार्ड कॉर्नवालिस ने वर्जीनिया के यॉर्कटाउन में अमेरिकी जनरल जॉर्ज वाशिंगटन के सामने समर्पण कर दिया, जिससे अमेरिकी क्रांति का अंत हुआ और देश की आजादी का रास्ता बना।
1812 : नेपोलियन बोनापार्ट की फ्रांसिसी सेना ने रूस से वापसी शुरू की। नेपोलियन की सेना एक महीने से रूस की लौटती सेना का पीछा कर रही थी।
1933 : बर्लिन ओलंपिक खेलों की आयोजन समिति ने 1936 में होने वाले ओलंपिक खेलों में पहली बार बास्केटबॉल को शामिल करने का ऐलान किया।
1987 : न्यूयॉर्क के वॉल स्ट्रीट में भारी बिकवाली के चलते जबर्दस्त गिरावट दर्ज की गई। इसका असर दुनिया भर के शेयर बाजारों पर हुआ।
1993 : बेनजीर भुट्टो ने दूसरी बार प्रधानमंत्री के तौर पर पाकिस्तान की बागडोर संभाली।
2003 : पोप जॉन पॉल द्वितीय ने मदर टेरेसा को धन्य घोषित किया, जो उनके संत बनने के सफर का पहला पड़ाव था। मां टेरेसा को उनके परमार्थ कार्यों के लिए 1979 में नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 2016 में संत घोषित किया गया।
2004: केयर इंटरनेशनल के लिए काम करने वाली ब्रिटेन की एक प्रमुख कार्यकर्ता मार्गेरेट हासन का इराक में अपहरण कर लिया गया। उस वक्त वह अपने काम पर जा रही थीं।