CM योगी के कार्यक्रम में डेढ़ साल की बच्चे को गोद लिए ड्यूटी पर पहुंची महिला कांस्टेबल, तस्वीर हुई वायरल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 4, 2020 12:11 PM2020-03-04T12:11:17+5:302020-03-04T12:39:58+5:30
भारत में कामकाजी महिलाओं को सिर्फ नौकरी ही नहीं बल्कि परिवार, पति और बच्चे की जिम्मेदारी भी उठानी पड़ती है. नोएडा में VVIP ड्यूटी के दौरान गोद में बच्चे लिया एक महिला कांस्टेबल की तस्वीर चर्चा में हैं.
नोएडा: हाथ में डेढ़ साल के बच्चे को लिए ड्यूटी करते हुए उत्तर प्रदेश की एक महिला कांस्टेबल की तस्वीर वायरल हो गई है। 2 मार्च (सोमवार) को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक कार्यक्रम नोएडा में था जहां कांस्टेबल प्रीति रानी की भी ड्यूटी लगी हुई थी। प्रीति रानी इस दौरान मां और सरकारी नौकरी दोनों का कर्तव्य एक साथ निभाते दिखीं।
प्रीति रानी ने बताया, उसके पति का एग्जाम था, इसलिए वह बच्चे को संभालने के लिए उपलब्ध नहीं थे और इस कारण उन्हें डेढ़ साल के बच्चे के साथ ड्यूटी पर आना पड़ा। प्रीति रानी ने बताया, वह ग्रेटर नोएडा के दादरी पुलिस स्टेशन से संबंद्ध हैं और सुबह छह बजे उसकी VVIP ड्यूटी लगी हुई थी। सीएम योगी आदित्यनाथ का दो दिन का कार्यक्रम गौतमबुद्ध नगर में रविवार और सोमवार को था। इस दौरान नोएडा के बोटनिकल गार्डन के पास तैनात प्रीति रानी ने पत्रकारों से कहा, ड्यूटी भी जरूरी है, इसलिए वह अपने बच्चे को साथ लेकर आ गई।
सोमवार को मुख्यमंत्री नोएडा सिटी आए और 1452 करोड़ रुपयों के विकास कार्य का शुभारंभ किया। उन्होंने 1369 करोड़ की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया।
कामकाजी महिलाओं को उठानी पड़ती है बच्चे की भी जिम्मेदारी
2016 में कारोबारी संगठन एसोचैम द्वारा किए गए एक सर्वे से पता चलता है कि मां बनने के बाद कई महिलाएं नौकरी छोड़ देती हैं। सर्वे के मुताबिक 40 प्रतिशत महिलाएं अपने बच्चों को पालने के लिए यह फैसला लेती हैं।
ग्लोबल मैकेंजी इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में महिलाओं की आबादी 60 करोड़ से ज्यादा है. लेकिन देश के श्रम शक्ति में उनकी हिस्सेदारी केवल 27 फीसदी है जबकि वैश्विक स्तर पर ये औसत 40 फीसदी से ज्यादा है।
2005-14 के बीच घटा कामकाजी महिलाओं का अनुपात
विश्व बैंक की 2015 की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले सालों में भारत में कामकाजी महिलाओं की संख्या घटी है। एसोचैम की एक रिपोर्ट के अनुसार ने 2005 से 2014 के बीच महिलाओं के अनुपात में दस फीसदी की गिरावट आई है।