हाथ मिलाकर नहीं बल्कि नमस्ते के साथ अभिवादन किया, पाकिस्तान के बिलावल भुट्टो-जरदारी और चीन के छिन कांग से मिले जयशंकर, देखें वीडियो
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 5, 2023 04:43 PM2023-05-05T16:43:47+5:302023-05-05T16:46:01+5:30
एससीओ के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक बृहस्पतिवार शाम यहां ताज एक्सोटिका रिसॉर्ट में जयशंकर द्वारा आयोजित स्वागत समारोह के साथ शुरू हुई, लेकिन मुख्य विचार-विमर्श शुक्रवार को हुआ।
बेनौलिमः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत द्वारा आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन स्थल पर शुक्रवार को पहुंचे अपने पाकिस्तानी समकक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी, चीन के छिन कांग और अन्य विदेश मंत्रियों का अभिवादन नमस्ते से किया।
एससीओ के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक बृहस्पतिवार शाम यहां ताज एक्सोटिका रिसॉर्ट में जयशंकर द्वारा आयोजित स्वागत समारोह के साथ शुरू हुई, लेकिन मुख्य विचार-विमर्श शुक्रवार को हुआ। विदेश मंत्री ने आने वाले प्रत्येक विदेश मंत्री का हाथ मिलाकर नहीं बल्कि नमस्ते के साथ अभिवादन किया।
No shake hand, only Namastey..., Jaishankar greets Pakistan minister Zardari at SCO meet in Goa
— ANI Digital (@ani_digital) May 5, 2023
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बिलावल के प्रतिनिधिमंडल में शामिल कुछ लोगों के अनुसार, बृहस्पतिवार शाम के स्वागत समारोह में जयशंकर ने अन्य विदेश मंत्रियों के समान अपने पाकिस्तानी समकक्ष से हाथ मिलाया। बिलावल बृहस्पतिवार को गोवा पहुंचे।
पिछले 12 वर्षों में भारत का दौरा करने वाले वह पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री हैं। वर्ष 2011 में पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने भारत का दौरा किया और अपने तत्कालीन समकक्ष एस एम कृष्णा के साथ बातचीत की। भारत ने समूह के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में एससीओ विदेश मंत्रियों के सम्मेलन की मेजबानी की।
#WATCH | I am pleased to note that the discussion on issues of reform and modernization of SCO has already commenced... I also seek the support of member states for the long-standing demand of India to make English as the 3rd official language of SCO, to enable a deeper… pic.twitter.com/vgSSKYzdhJ
— ANI (@ANI) May 5, 2023
एससीओ एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा समूह है तथा यह सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक बनकर उभरा है। एससीओ की स्थापना रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने 2001 में शंघाई में एक सम्मेलन में की थी। भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके स्थायी सदस्य बने थे।