महज 3 घंटे में अहमदाबाद से दिल्ली पहुंचा ब्रेन डेड व्यक्ति का फेफड़ा, एयरपोर्ट से साकेत स्थित मैक्स तक ग्रीन कॉरिडोर बना मरीज की बचाई गयी जान
By आजाद खान | Published: December 24, 2021 02:39 PM2021-12-24T14:39:36+5:302021-12-24T17:16:43+5:30
आईजीआई एयरपोर्ट से साकेत स्थित मैक्स अस्पताल तक की 20 किमी की दूरी को एंबुलेंस ने 16 मिनट में पूरी कर ली।
जरा हटके: पुलिस का काम बड़ी जिम्मेदारी वाला होता है। हालात और वक्त दोनों को साथ-साथ देखना होता है। ऐसे में जरा सी चूक बहुत भारी पड़ जाती है। इतने दबाव के बावजूद कई बार पुलिस कुछ ऐसा कर देती है, जिससे न केवल किसी की जिंदगी बच जाती है, बल्कि उनसे जुड़े सैकड़ों लोगों की मेहनत भी सफल हो जाती है। दक्षिण दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स हास्पिटल में एक मरीज के अंग प्रत्यारोपण के लिए अहमदाबाद से जीवित फेफड़े लाए गए। इसको हवाई अड्डे से हास्पिटल तक पहुंचाने के लिए दिल्ली पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया और बीस किमी की दूरी 16 मिनट में पूरी करके एंबुलेंस को समय पर पहुंचा दिया। इस कठिन काम को करने पर दिल्ली पुलिस की काफी तारीफ हो रही है।
पीक आवर्स के दौरान लगते हैं एक घंटे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साकेत में आईजीआई एयरपोर्ट से मैक्स अस्पताल तक की 20 किलोमीटर की दूरी सुबह 10:40 से 10:56 तक 16 मिनट में पूरी हो गई। पीक आवर्स के दौरान इस मार्ग को तय करने में आमतौर पर एक घंटे से अधिक समय लगता है।
South district Delhi Traffic Police @dtptraffic creates #GreenCorridor in rush hour to help transport live lungs from airport to a health facility in Saket.#DelhiPoliceCares#HeroesOfDelhiPolice@CPDelhi@DCPSouthDelhipic.twitter.com/R6E3CqWTuG
— #DelhiPolice (@DelhiPolice) December 22, 2021
भारी ट्रैफिक जाम में अक्सर फंस जाती थी एंबुलेंस
अंगों के प्रत्यारोपण की समय सीमा अक्सर सात से आठ घंटे तक सीमित होती है। भारी ट्रैफिक जाम के कारण, एम्बुलेंस को अक्सर समय से पहुंचने में देरी हो जाती है। बहरहाल पुलिस ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जीवित मानव अंग फेफड़े (Lungs) को ले जाने वाली एंबुलेंस को सुरक्षित रास्ता देने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया और बीस किमी दूर हास्पिटल तक उसे 16 मिनट में पहुंचाने में मदद की।
पूरे रास्ते सभी ट्रैफिक सिग्नल रोक दिए गए
इस दौरान ट्रैफिक पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर मार्ग पर सभी ट्रैफिक सिग्नल को रोक दिया। एम्बुलेंस को निर्धारित गति सीमा से ऊपर की स्पीड में ले जाने की अनुमति दी और पूरे रास्ते सुरक्षा उपलब्ध कराई। इस तरह किसी की जान बचाने में पुलिस ने मदद की।