वीडियो: यूपी भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने अखिलेश यादव पर कसा तंज, कहा- सपा के जितने सांसद नहीं उतने तो इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन गए
By सतीश कुमार सिंह | Published: November 26, 2021 07:26 PM2021-11-26T19:26:32+5:302021-11-26T19:32:23+5:30
नोएडा विमानतल उत्तर भारत के लिए एक प्रवेश-द्वार साबित होगा और इससे राज्य की सूरत बदल जाएगी।
लखनऊःउत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को नोएडा अंतरराष्ट्रीय विमानतल की आधारशिला रखी थी। एयरपोर्ट को लेकर सपा सांसद पर तंज कसा है।
स्वतंत्रदेव सिंह ने ट्वीट कर कहा कि जितने समाजवादी पार्टी के कुल सांसद नहीं हैं, उससे ज्यादा तो भाजपा शासन में उत्तर प्रदेश में नए इण्टरनेशनल एयरपोर्ट हो गए हैं। नाम समाजवादी - राजनीति परिवारवादी। सिंह ने कहा कि सपा के लिए परिवार ही सबकुछ है।
उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी और कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय विमानतल हैं जबकि अयोध्या में विमानतल का निर्माण कार्य जारी है। उत्तर प्रदेश में जेवर के अलावा सात अन्य विमानतलों का भी विकास किया जा रहा है, जिसमें अयोध्या भी शामिल है। अलीगढ़, चित्रकूट, आजमगढ़, मुरादाबाद और श्रावस्ती में भी विमानतल प्रस्तावित हैं।
जितने समाजवादी पार्टी के कुल सांसद नहीं हैं, उससे ज्यादा तो भाजपा शासन में उत्तर प्रदेश में नए इण्टरनेशनल एयरपोर्ट हो गए हैं।
— Swatantra Dev Singh (@swatantrabjp) November 25, 2021
नाम समाजवादी - राजनीति परिवारवादी।
इस विमानतल के तैयार हो जाने के बाद उत्तर प्रदेश पांच अंतरराष्ट्रीय विमानतलों वाला देश का एकमात्र राज्य बन जाएगा। जेवर विमानतल के बन जाने के बाद इस पूरे क्षेत्र का विकास होगा। यह विमानतल दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय विमानतल को भी पीछे छोड़ देगा। करीब 1,330 एकड़ क्षेत्र में बनने वाले इस विमानतल से सितंबर, 2024 तक उड़ानों का परिचालन शुरू होने की उम्मीद है। इसके पहले चरण को 10,050 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत से पूरा किया जाना है।
नागर विमानन मंत्रालय के मुताबिक परियोजना का पहला चरण पूरा होने के बाद यह विमानतल से सालाना 1.2 करोड़ यात्री हवाई यात्रा कर सकेंगे। विकास के सभी चारों चरण पूरा होने के बाद यह क्षमता बढ़कर सात करोड़ यात्रियों तक पहुंच जाएगी। यह देश का पहला निवल शून्य उत्सर्जन (नेट जीरो एमिशन) विमानतल भी होगा।
इस विमानतल की एक और खासियत यह होगी कि इसकी परिकल्पना भारत में पहले एकीकृत ‘‘मल्टी मॉडल कार्गो’’ केंद्र के रूप में की गई है। नोएडा में बन रहा यह विमानतल, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में दूसरा अंतरराष्ट्रीय विमानतल होगा और इससे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय विमानतल पर यात्रियों का दबाव कम होगा। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के अलावा अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद और आसपास के अन्य इलाकों के निवासियों को भी इससे फायदा होगा।