गजब! वार्ड बॉय ने पेश की मिसाल, बेटी की जन्म की खुशी में बिछाई 'रेड कार्पेट'
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 24, 2018 08:31 PM2018-11-24T20:31:49+5:302018-11-24T20:34:15+5:30
राकेश उर्फ़ गिरीश पटेल की खुशी उस समय आसमान पर पहुंच गई जब उन्हें पता चला कि उनकी पत्नी ने एक बच्ची को जन्म दिया है। उन्होंने इस खुशी में मिठाइयां बांटीं। अपनी नवजात बेटी हिया के स्वागत के लिए उन्होंने अपने घर के बाहर तकरीबन 200 फीट लंबी रंगोली बनाई।
देश में आज भी कई जगह बेटियों के पैदा होने पर मातम मनाया जाता है। कई मौकों पर तो पैदा होने से पहले माँ के गर्भ में ही बच्ची की हत्या कर दी जाती है। लेकिन एक सच ये भी है कि बदलते वक्त के साथ लोगों की मानसिकता भी बदल रही है। अब बेटियों के जन्म पर जश्न भी मनाए जाते हैं। कहीं पेड़ लगाये जाते हैं तो कहीं मिठाइयाँ बाटी जाती हैं। लेकिन गुजरात के सूरत में एक अलग ही मनमोहक नजारा देखने को मिला जब एक बाप ने अपनी नवजात बेटी के जन्म के स्वागत में ग्रैंड सेलिब्रेशन का आयोजन किया।
राकेश उर्फ़ गिरीश पटेल की खुशी उस समय आसमान पर पहुंच गई जब उन्हें पता चला कि उनकी पत्नी ने एक बच्ची को जन्म दिया है। उन्होंने इस खुशी में मिठाइयां बांटीं। लेकिन जश्न यहीं खत्म नहीं हुआ। बेटी के घर में आने से गिरीश इतने खुश हुए कि उन्होंने उसके लिए एक शानदार ट्रेडिशनल होम कमिंग का आयोजन करने का फैसला कर लिया।
स्वागत में महिलाओं ने गरबा किया
सूरत से 35 किलोमीटर दूर स्थित दिहेन गांव के रहने वाले राकेश सूरत म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन हॉस्पिटल में वार्ड बॉय हैं। अपनी नवजात बेटी हिया के स्वागत के लिए उन्होंने अपने घर के बाहर तकरीबन 200 फीट लंबी रंगोली बनाई। उन्होंने पूरे मोहल्ले में आम के पत्तों का तोरण लगाया और ढोल बजाने वालों को भी आमंत्रित किया। राकेश की पत्नी धर्मिष्ठा जब गांव में पहुंची तो उनका रेड कार्पेट वेलकम किया गया। मां और बेटी को फुल के गुच्छे देकर उनका स्वागत किया गया। साथ ही ढोल बजाए गए जिस पर महिलाओं ने गरबा किया।
राकेश ने अपनी पत्नी और बेटी के स्वागत के लिए अपने दोस्त से कार किराये पर ली थी। प्रफुल्लित राकेश ने अपनी बेटी को हांथ में लेकर घर के अन्दर प्रवेश किया।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए राकेश ने कहा कि हिया उनकी पहली संतान है और वह भी बेटी। बेटियां लक्ष्मी का स्वरूप होती हैं, इसलिए उनके आगमन पर शानदार जश्न मनाना चाहिए। बेटी होने की अपनी खुशी वह सारे समाज के सामने व्यक्त करना चाहते थे।
राकेश कहते हैं, 'मैं उन लोगों संदेश देना चाहता था जो लोग आज भी बेटी के जन्म लेने पर शोक मनाते हैं और उन्हें एक जिम्मेदारी मानते हैं। उन्होंने कहा कि वह लोगों को बताना चाहते हैं कि जब एक बेटी आपकी जिंदगी में आती है तब आप उसे स्वीकार करें और यह सुनिश्चित करें कि उसे जीवन की सारी खुशियां मिले'।