सऊदी अरब में बिना बुर्के के घूम रहीं महिलाओं की तस्वीरें वायरल, जानें क्यों उठाया ऐसा कदम
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 18, 2019 04:06 PM2019-09-18T16:06:49+5:302019-09-18T16:06:49+5:30
33 वर्षीय जालुद पिछले सप्ताह एक मॉल में ट्राउजर और गहरे गुलाबी रंग के टॉप में दिखी। भीड़ में से कई लोग उन पर सवाल कर रहे थे कि आखिर उन्होंने बुर्का क्यों नहीं पहना है।
सऊदी अरब में कुछ महिलाएं पारंपरिक अबाया (बुर्का) पहनना बंद कर रही हैं। रियाद के एक मॉल में बिना अबाया पहने जब एक महिला गई तो उन्हें आते-जाते घूरती नजरों का सामना करना पड़ा और कुछ ने तो पुलिस बुलाने की धमकी भी दे दी। दरअसल इस इस्लामिक देश में काले रंग का पारंपरिक अबाया पहनना महिलाओं के कपड़े में शुमार है और इसे महिलाओं की पवित्रता के रूप में देखा जाता है। महिलाओं की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है।
पिछले साल शहजादा मोहम्मद बिन सलमान ने ‘सीबीएस’ के साथ साक्षात्कार में कहा था कि ड्रेस कोड में छूट दी जा सकती है। उनका कहना था कि यह पोशाक इस्लाम में अनिवार्य नहीं है। लेकिन इसके बाद भी कोई औपचारिक नियम नहीं बनने के कारण यह चलन बरकरार है। हालांकि कुछ महिलाओं ने सोशल मीडिया पर कपड़े पर इस तरह के प्रतिबंध के खिलाफ आवाज भी उठाई और अपने अबाया से इतर पोशाक में तस्वीरें भी डाली। यह घटना सऊदी अरब में दुर्लभ ही है। अब कुछ महिलाएं चमकीले रंगों का अबाया सार्वजनिक तौर पर पहन रही हैं।
Defiant #Saudi woman Mashael al-Jaloud stunned onlookers on the streets of Riyadh by walking around without wearing the abaya.
— Kumail Soomro (@kumailsoomro) September 13, 2019
“There are no clear laws, no protection. I might be at risk, might be subjected to assault from religious fanatics because I am without an abaya.” pic.twitter.com/6KzlG9g34U
मशाल-अल-जालुद ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अब बुर्का पहनना ही बंद कर दिया। 33 वर्षीय जालुद पिछले सप्ताह एक मॉल में ट्राउजर और गहरे गुलाबी रंग के टॉप में दिखी। भीड़ में से कई लोग उन पर सवाल कर रहे थे। जालुद के अलावा 25 वर्षीय मनाहेल-अल ओतैबी ने भी अबाया पहनना छोड़ दिया।
The trend underscores a bold push for social liberties by young #Saudis that may outstrip the monarchy's capacity for change. Manahel al-Otaibi, a 25-year-old activist, has also foregone the garment. #HumanRights#WomensRightspic.twitter.com/hlmb1pEnla
— Eman al-Hathloul (@EHathloul) September 12, 2019
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले चार महीने से रियाद में मैं बिना अबाया के रह रही हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उसी तरह जीना चाहती हूं, जैसा मैं चाहती हूं। बिना प्रतिबंधों के मैं मुक्त जीना चाहती हूं। किसी को भी मुझे वह पहनने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए, जो मैं चाहती ही नहीं हूं।’’
"I just want to live the way I want, freely and without restrictions. No one should force me to wear something I don't want."#WomensRights#SaudiArabia@sarahleah1@hrwhttps://t.co/0nSW8v2NvC
— Ariel Mason (@masonariell) September 13, 2019
वहीं जालुद का कहना है कि बिना किसी स्पष्ट नियम के, बिना सुरक्षा के उन्हें खतरा हो सकता है। जुलाई में उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने बताया था रियाद के एक और मॉल ने उन्हें बिना अबाया के प्रवेश नहीं दिया। (पीटीआई इनपुट के साथ)