वायरल: मेट्रो में पैर फैलाकर बैठने वाले मर्दों का बुरा हाल कर रही है ये लड़की
By जनार्दन पाण्डेय | Published: September 29, 2018 11:21 AM2018-09-29T11:21:54+5:302018-09-29T11:39:25+5:30
इस लॉ-स्टूडेंट का नाम अन्ना दोवगाल्युक है। उसकी उम्र महज 20 साल है। हाल ही उसने मैनस्प्रेडिंग को लेकर मर्दों को सबक सिखाते एक वीडियो जारी किया है।
रूस की एक लॉ-स्टूडेंट इस वक्त इंटरनेट की दुनिया में छाई हुई है। उसका एक के बाद एक मर्दों को सबक सिखाने वाला वीडियो आ रहा है। छात्रा का कहना है कि रूस में सार्वजनिक जगहों पर मर्दानगी दिखाने वालों को वह सबक सिखाना चाहती है। इसकी शुरुआत उसने मेट्रो में पैर फैलाकर बैठने वाले मर्दों से की है। इसमें वह ऐसे मर्दों के पास जाकर उन्हें सबक सिखाती है जो मेट्रो सीट पर अपने पैर खोलकर या फैलाकर इस तरह से बैठते हैं।
आज तक की एक खबर के मुताबिक इस छात्रा का नाम अन्ना दोवगाल्युक है। उसकी उम्र महज 20 साल है। हाल ही उसने मैनस्प्रेडिंग को लेकर मर्दों को सबक सिखाते एक वीडियो जारी किया है। इसमें वह मेट्रो में जाती है और अपने हाथ में पानी का एक बोलत लिए रहती है। इस बोतल में वह पानी और ब्लीच का एक मिश्रण वाला घोल लिए रहती है।
जानकारी अनुसार अपने बोलत में वह 30 लीटर पानी और 6 लीटर ब्लीच से बना एक घोल रखती है। इससे तैयार हुए घोल की यह खासियत होती है कि कुछ ही समय में यह कपड़ों के रंग उड़ा देता है। इसके बाद कपड़ों पर गहरे दाग पड़ जाते हैं। यह घोल वह जानबूझकर मर्दों के दोनों पैरों के बीच फेंकती है।
रूस के राष्ट्रपति पर भी लग चुका है मैनस्प्रेडिंग का आरोप
असल में यह मामला रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक तस्वीर सामने आने के बाद उठा, जिसमें वह एक महिला राजनयिक के साथ बातचीत के दौरान पैर फैलाकर बैठे नजर आए थे। इसके बाद से पूरे देश में महिलाओं ने उनके बैठने के अंदाज पर सवाल उठाया था।
इसके अलावा रूस राष्ट्रपति और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनांल्ड ट्रंप के साथ बातचीत के दौरान दोनों ही लोग पैर फैलाकर बैठे दिखाई दिए थे।
रूस की महिलाओं का मानना है कि सार्वजनिक जगहों पर मैनस्प्रेडिंग यानी कि पैर खोलकर बैठना एक तरह से मर्दानगी झाड़ना है। पुरुषों को इससे बचना चाहिए। इसी मसले पर अन्ना ने अपना अभियान छेड़ा है।
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मैनस्प्रेडिंग वीडियो पर छिड़ा विवाद
छात्रा के द्वारा बनाए गए वीडियो पर कुछ मीडिया ने सवाल उठाए कि यह वीडियो अभिनेताओं के सहयोग से बनाया गया है। जबकि छात्रा का दावा है कि उन्होंने कई मर्दों को सबक सिखा दिया है। लेकिन रूसी न्यूज चैनलों ने दावा किया कि वीडियो में दिखने वाले लोग असल लोग नहीं बल्कि छात्रा की ओर से पहले से बातचीत कर चुके लोग थे। जिनका बाद में वीडियो शूट किया गया है। लेकिन छात्रा ने इसका खंडन किया। उसने इसे एक असल अभियान बताया, उसने कहा इसमें प्रचार पाने का रत्तीभर उद्देश्य नहीं है।
स्पेन में पैर फैलाकर बैठना पर है बैन
मैनस्प्रेडिंग को लेकर कई देशों में अभियान पहले भी छेड़े जा चुके हैं। स्पेन के मैड्रिड में एक मामले के चर्चा में आने पर पुरुषों के सार्वजनिक जगहों पर पैर फैलाकर बैठने पर बैन लग दिया गया है।