जो लोग प्याज नहीं खरीद सकते, यदि वे दो-चार महीने नहीं खाएंगे तो कुछ बिगड़ नहीं जायेगा,  किसानों और व्यापारियों के प्रदर्शन पर महाराष्ट्र के मंत्री दादा भूसे ने कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 22, 2023 11:26 AM2023-08-22T11:26:02+5:302023-08-22T11:27:11+5:30

महाराष्ट्र के लोक निर्माण मंत्री भूसे ने कहा, ‘‘जब आप 10 लाख रुपये से अधिक की गाड़ी का इस्तेमाल करते हैं तो आप खुदरा दर से 10 से 20 रुपये ऊंची कीमत पर प्याज भी खरीद सकते हैं।

pune nasik says Maharashtra minister Dada Bhuse farmers' and traders' protest People who can't buy onions, if they don't eat for two-four months, nothing will go wrong | जो लोग प्याज नहीं खरीद सकते, यदि वे दो-चार महीने नहीं खाएंगे तो कुछ बिगड़ नहीं जायेगा,  किसानों और व्यापारियों के प्रदर्शन पर महाराष्ट्र के मंत्री दादा भूसे ने कहा

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Highlightsनिर्यात पर 19 अगस्त को 40 फीसद निर्यात शुल्क लगा दिया। केंद्र के फैसले से प्याज़ की अच्छी कीमत हासिल करने की संभावना बाधित होगी।नासिक-औरंगाबाद राजमार्ग पर धरना दिया गया जहां किसानों ने प्याज़ से बनी मालाएं पहनीं और केंद्र के फैसले के खिलाफ नारे लगाए।

मुंबईः केंद्र सरकार द्वारा प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने के खिलाफ किसानों और व्यापारियों द्वारा प्रदर्शन किये जाने के बीच महाराष्ट्र के मंत्री दादा भूसे ने दावा किया कि यदि लोग दो-चार महीने प्याज ना खाएं तो कुछ बिगड़ नहीं जाएगा।

केंद्र सरकार ने प्याज की कीमत में वृद्धि के संकेत के बीच आगामी सीजन के मद्देनजर उसकी घरेलू उपलब्धता बढ़ाने की खातिर उसके निर्यात पर 19 अगस्त को 40 फीसद निर्यात शुल्क लगा दिया। महाराष्ट्र के लोक निर्माण मंत्री भूसे ने कहा, ‘‘जब आप 10 लाख रुपये से अधिक की गाड़ी का इस्तेमाल करते हैं तो आप खुदरा दर से 10 से 20 रुपये ऊंची कीमत पर प्याज भी खरीद सकते हैं।

जो लोग प्याज नहीं खरीद सकते, यदि वे दो-चार महीने प्याज नहीं खायेंगे तो कुछ बिगड़ नहीं जायेगा।’’ केंद्र सरकार की ओर से प्याज़ के निर्यात पर 31 दिसंबर तक 40 प्रतिशत शुल्क लगाने के फैसले के खिलाफ किसानों ने महाराष्ट्र के नासिक जिले में कई स्थानों पर सोमवार को प्रदर्शन किया। उनका दावा है कि केंद्र के फैसले से प्याज़ की अच्छी कीमत हासिल करने की संभावना बाधित होगी।

प्रदर्शन के तहत नासिक-औरंगाबाद राजमार्ग पर धरना दिया गया जहां किसानों ने प्याज़ से बनी मालाएं पहनीं और केंद्र के फैसले के खिलाफ नारे लगाए। दिवंगत शरद जोशी के शेतकारी संगठन के कार्यकर्ताओं ने भी मनमाड-येवला राजमार्ग पर येवला एपीएमसी के सामने ‘रास्ता-रोको’ प्रदर्शन किया और प्याज़ पर निर्यात शुल्क लगाने के निर्णय को वापस लेने की मांग की।

अधिकारियों ने कहा कि लगभग 30 मिनट तक चले विरोध प्रदर्शन के कारण मुख्य सड़क पर गाड़ियों की कतारें लग गईं। किसानों ने कहा कि वे पहले से ही प्राकृतिक आपदाओं से परेशान हैं और निर्यात शुल्क लगाने के फैसले से उपज से अच्छी कमाई की उनकी संभावना और कम हो जाएगी।

एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा, “ पहले से ही सूखे जैसे हालात हैं। अब जब हमें प्याज़ के अच्छे दाम मिलने लगे तो केंद्र ने इस तरह का फैसला लिया। यह प्याज़ किसानों के साथ अन्याय है।” इससे पहले दिन में, व्यापारियों ने जिले की सभी कृषि उपज बाजार समितियों (एपीएमसी) में अनिश्चितकाल के लिए प्याज़ की नीलामी बंद करने का फैसला किया।

इसमें लासलगांव मंडी भी शामिल है जो भारत में सबसे बड़ा प्याज का थोक बाजार है। हालांकि, एपीएमसी सूत्रों ने कहा कि प्याज की नीलामी विंचूर में हुई। आगामी त्योहारी मौसम के मद्देनजर प्याज़ की कीमत में बढ़ोतरी के संकेतों के बीच केंद्र सरकार ने 19 अगस्त को प्याज़ के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगा दिया था। पहली बार प्याज़ पर निर्यात शुल्क लगाया गया है।

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