यहां जबरन लड़कियों को बना रहे हैं मोटी, पिलाया जा रहा है जानवरों वाला केमिकल
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 3, 2019 05:19 AM2019-01-03T05:19:36+5:302019-01-03T05:20:16+5:30
भोजन की कमी के कारण गरीब लोग बच्चियों को मोटा करने के लिए खतरनाक तरीका अपनाते हैं. वो उन्हें जानवरों को मोटा करने वाला केमिकल पीने के लिए मजबूर करते हैं.
बदलती लाइफ स्टाइल के चलते लोगों का ठीक से खानपान नहीं हो रहा. बिजी लाइफ के कारण वो वजन कंट्रोल नहीं कर पा रहे. नतीजा, करीब 10 में से 6 लोगों का वजन बढ़ रहा है. खासतौर से हर लड़की जीरो फिगर की चाहत रखती है. स्लिम और ट्रिम रहने के लिए वो जिम में घंटों पसीना भी बहाती हैं, लेकिन एक देश ऐसा भी है, जहां लड़कियां पतली नहीं, बल्कि मोटी होना चाहती हैं. यही नहीं इसके लिए वो काफी जद्दोजहद करती हैं.
16000 कैलोरी लेने को मजबूर
जानकर हैरानी होगी, अफ्रीका के मॉरीटेनिया में लड़कियों को मोटा करने के लिए 16000 तक कैलोरी डाइट लेने के लिए मजबूर किया जाता है. इस संबंध में डॉक्यूमेंट्री भी सामने आई है. दरअसल, यहां लड़कियों के मोटापे से उनकी सुंदरता और संपन्नता को आंका जाता है. यहां की औरतों को मोटा होने के लिए अमानवीय हथकंडों से भी गुजरना पड़ता है.
अपनाते हैं अमानवीय तरीके : यहां दो महीने का ‘फीडिंग सीजन’ होता है. इस दौरान 11 साल या ऊपर की लड़कियों को मोटा करने के लिए ऊंट का दूध, खिचड़ी जैसी चीजें खिलाई जाती हैं, ताकि वे वजन बढ़ा सकें और पुरुषों के लिए आकर्षक बन सकें. लड़कियों की मां उन्हें जबरदस्ती खाने को मजबूर करती हैं.
कई बार तो खाते-खाते उनके पेट में दर्द हो जाता है, उल्टियां करने लगतीं है, फिर भी जबरदस्ती खिलाया जाता है. भोजन की कमी के कारण गरीब लोग बच्चियों को मोटा करने के लिए खतरनाक तरीका अपनाते हैं. वो उन्हें जानवरों को मोटा करने वाला केमिकल पीने के लिए मजबूर करते हैं.
यही नहीं, घर में ज्यादा खाना नहीं होता, तो परिवार के दूसरे सदस्य भूखे रह जाते हैं, ताकि लड़कियों को ज्यादा खाना मिल सके. गौरतलब है, यहां करीब एक चौथाई लड़कियों को ज्यादा खाने के लिए मजबूर किया जाता है. इससे डायबिटीज, हार्ट फेल व किडनी के फेल का खतरा बढ़ जाता है. ‘सीजन फीडिंग’ की वजह से कई की मौत भी हो चुकी है.