ट्विटर पर ट्रेंड हुआ #नीतीश_का_विश्वासघात, नागरिकता बिल पर अपनी ही पार्टी में किरकिरी, तेजस्वी सहित इन नेताओं ने किया तंज
By पल्लवी कुमारी | Published: December 12, 2019 04:34 PM2019-12-12T16:34:14+5:302019-12-12T16:34:14+5:30
नागरिकता संशोधन विधेयक को राज्यसभा में 11 दिसंबर और लोकसभा में 9 दिसंबर को मंजूरी मिल चुकी है। विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस इस बिल के खिलाफ है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल नीतीश कुमार नीत जदयू द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) का समर्थन किए जाने के बाद पार्टी के ही दो पदाधिकारियों ने अपने अलग विचार व्यक्त किए हैं। जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और राष्ट्रीय महासचिव पवन के वर्मा ने खुले तौर पर लोकसभा में विधेयक के पक्ष में जदयू के मतदान पर निराशा व्यक्त करते हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार से इसपर दोबारा विचार करने को कहा था। इस बीच भाजपा ने कैब पर समर्थन के लिए अपने गठबंधन साथी जदयू का आभार व्यक्त किया है। इस मसले के बाद ट्विटर पर हैशटैग #नीतीश_का_विश्वासघात ट्रेंड करने लगा है।
इस ट्रेंड के साथ राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लिखा है, जब संवैधानिक वर्चस्व, नैतिकता, सामाजिक-लोकतांत्रिक और मानवाधिकारों की रक्षा की बात आती है, तो नीतीश कुमार के सिद्धांतों पर समझौता करने और तेज यू-टर्न लेने का एक भयावह इतिहास है। उन्हें अपनी पार्टी का भाजपा में विलय क्यों नहीं करना चाहिए?
When it comes to constitutional supremacy, morality, safeguarding social-democratic and human rights, Nitish Kumar has a sinister history of compromising on principles and taking sharp U-turns. Why shouldn’t he merge his party with BJP? #नीतीश_का_विश्वासघात
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 12, 2019
राजद के प्रवक्ता डॉ.नवल किशोर ने लिखा है, 'सत्ता हथियाने के लिए अतिवाम वैचारिकी से दक्षिणपंथी अधिनायकवादी विचारधारा से समझौता किया और इससे भी संतुष्टि नही मिली तो 2015 में महागठबंधन को मिले जनादेश की रातोंरात हत्या कर डाली। ये सब कुकर्म और घात सिर्फ कुर्सी के लिए!!!'
सत्ता हथियाने के लिए अतिवाम वैचारिकी से दक्षिणपंथी अधिनायकवादी विचारधारा से समझौता किया और इससे भी संतुष्टि नही मिली तो 2015 में महागठबंधन को मिले जनादेश की रातोंरात हत्या कर डाली। ये सब कुकर्म और घात सिर्फ कुर्सी के लिए!!!#नीतीश_का_विश्वासघात
— Dr. Nawal Kishore (@Nawalk7) December 12, 2019
राजद प्रदेश उपाध्यक्ष तनवीर हसन ने लिखा, 'पहले बिहार के जनादेश की हत्या और अब बाबा साहब के संविधान की हत्या! #नीतीश_का_विश्वासघात पूरे भारत को इजरायल बनाने में अहम योगदान निभाया है!'
पहले बिहार के जनादेश की हत्या और अब बाबा साहब के संविधान की हत्या! #नीतीश_का_विश्वासघात पूरे भारत को इजरायल बनाने में अहम योगदान निभाया है!
— Dr Tanweer Hassan (@DrTanweerHassan) December 12, 2019
- आकाश. (@OfficialAaKu) pic.twitter.com/o6pnh5gnuL
अरुण कुमार यादव ने लिखा, ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे नीतीश ने ठगा नहीं। कुर्सी के लिए किसी को भी खंजर भौंकने के लिए तैयार। #नीतीश_का_विश्वासघात''
ऐसा कोई सगा नही, जिसे नीतीश ने ठगा नही।
— Arun Kumar Yadav (@Arunrjd) December 12, 2019
कुर्सी के लिए किसी को भी खंज़र भौंकने के लिए तैयार। #नीतीश_का_विश्वासघातpic.twitter.com/YmNFFcPXUs
देखें आप लोगों की प्रतिक्रिया
नीतीश जी आंख बंद करके भाजपा के EVM के सहारे जीत की उम्मीद में करते रहिए संविधान को तार-तार! एक दिन भाजपा PDP की बुआ की तरह आपको निकाल फेंकेगी.. तब शायद आपको आपका महंगा उपाध्यक्ष भी न बचा पाए! क्योंकि आप के कथानुसार वो तो खुद अमित शाह का आदमी है.... #नीतीश_का_विश्वासघात 😡👎🏻
— Aakash (@OfficialAaKu) December 12, 2019
EVM की समाप्ति हमारी लड़ाई की पहली सीढ़ी है, इसे चढ़ने के बाद ही हम BJP और संविधान विरोधी तमाम ताकतों को हरा सकते हैं। BJP से बूढ़ा-युवा इत्यादि कोई खुश नहीं है। पर इस जीत का राज क्या है? हमें इस बात को समझने की जरूरत है और EVM के खिलाफ़ जंग लड़कर जीतने की. #नीतीश_का_विश्वासघातhttps://t.co/bdL20Ya7x5
— Aakash (@OfficialAaKu) December 12, 2019
#नीतीश_का_विश्वासघात people of bihar are just fad up with his all due and only concern about "kiss kursi ka"...
— Areeb Ahmed Siddiqui (@Areebahmedsidd2) December 12, 2019
It's a poor political move to vote in the favour of the divisive #cabbill ...
People r watching all this beware your party would be wiped out of the map
जनता का वोट ले के, जिसने किया जनता पे आघात ।।
— Rajiv Yadav (@Rajiv_yadav786) December 12, 2019
! हाय रे हाय ! #नीतीश_का_विश्वासघातpic.twitter.com/yffUDdJIPE
प्रशांत किशोर और पवन के वर्मा नागरिकता विधेयक पर क्या कहा?
अतीत में जदयू ने तीन तालक और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक जैसे प्रमुख विधानों का विरोध किया था। राष्ट्रीय महासचिव पवन के वर्मा ने ट्वीट किया था, ‘‘मैं नीतीश कुमार से राज्यसभा में कैब के समर्थन पर पुनर्विचार करने का आग्रह करता हूं। विधेयक जदयू के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ होने के अलावा असंवैधानिक, भेदभावपूर्ण और देश की एकता और सद्भाव के खिलाफ है। कांग्रेस ने इसका कड़ा विरोध किया होगा।’’
इससे पहले, सोमवार की रात में जब विधेयक को लोकसभा में मतदान के लिए रखा जा रहा था, किशोर ने ट्वीट किया था, “जदयू को ऐसे विधेयक का समर्थन करते देख निराशा हुई, धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। यह जदयू के संविधान से मेल नहीं खाता, जिसके पहले पन्ने पर ही तीन बार धर्मनिरपेक्ष लिखा है। हम गांधी की विचारधारा पर चलने वाले लोग हैं।’’
Disappointed to see JDU supporting #CAB that discriminates right of citizenship on the basis of religion.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 9, 2019
It's incongruous with the party's constitution that carries the word secular thrice on the very first page and the leadership that is supposedly guided by Gandhian ideals.
बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने ट्वीट कर दिया जवाब
बिहार भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने ट्वीट किया, “कुछ व्यक्ति खुद को या तो एक संस्था के रूप में या संगठनात्मक ढांचे से परे स्थापित करना चाहते हैं। वे यह भी चाहते हैं कि उनका नेता उनका अनुसरण करें और उनके हुक्म के अनुसार चले। जो देश के लिए भी किसी मतभेद को नहीं भुला सकता, वह बेकार है।’’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने सभी दलों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किया है।
जदयू के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने अपने पार्टी के भीतर इस मुद्दे पर अलग अलग राय होने पर पर्दा डालते हुए कहा, “हमारी पार्टी लोकतांत्रिक है इसलिए कोई आदेश नहीं है। कुछ वरिष्ठ नेताओं ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं। पार्टी ने इस तथ्य के बाद अपना आधिकारिक रुख अपनाया कि आस-पास के देशों से उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को भारत से मदद मिलनी चाहिए।’