मध्य प्रदेश हनी ट्रैप मामले पर कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल ने विवादित बयान दिया है। मध्य प्रदेश हनी ट्रैप कांड पर मानक अग्रवाल ने कहा है, ''यही बहुत बड़ा कारण है कि संघ (RSS) के लोग शादी नहीं करते हैं। संघ के लोगों को शादी करनी चाहिए। संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहन भागवत को भी शादी करनी चाहिए।'' मानक अग्रवाल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, ''मध्य प्रदेश हनी ट्रैप का ये गैंग शिवराज सिंह चौहान के वक्त से चल रहा है। इस केस में कई बीजेपी नेताओं के नाम सामने आएंगे। इस केस में बीजेपी के कई नेता शामिल हैं। ये गिरोह देश के पांच से छह राज्यों में काम करता है।'' इंदौर नगर निगम के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर पुलिस ने 19 सितंबर 2019 को हनी ट्रैप गिरोह का औपचारिक खुलासा किया था और मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जिसमें महिलाएं भी शामिल है।
मानक अग्रवाल अपने इस दिए बयान को लेकर ट्रोल भी हो रहे हैं। बीजेपी समर्थक उनकी आलोचना कर रहे हैं। एक यूजर ने कहा है कि अगर संघ के लोगों को शादी करनी चाहिए तो कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी कौन से दुल्हनिया का इंतजार कर रहे है ?
वहीं कुछ यूजर फनी मीम्स भी शेयर कर रहे हैं।
लोगों का कहना है ये एक बहुत ही घटिया बयान है।
कैसे हुआ मध्य प्रदेश हनी ट्रैप मामले का खुलासा
इस गिरोह के जाल में फंसने वाले लोगों में अब तक इंदौर नगर निगम के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह का ही नाम आधिकारिक तौर पर सामने आया है। सिंह की ही शिकायत पर पुलिस ने 19 सितंबर को हनी ट्रैप गिरोह का औपचारिक खुलासा किया था।
गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह सदस्यों को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था।इस मामले में नगर निगम प्रशासन ने इस शहरी निकाय के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह को वर्ष 1965 के मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियमों के तहत निलंबित किया।
निलंबन आदेश में कहा गया कि "अनैतिक कृत्य (हनी ट्रैप मामले) में सिंह की कथित संलिप्तता पहली नजर में अशोभनीय होने के साथ नैतिक पतन की परिचायक है। इस कारण उनकी पेशेवर कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है।"गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह सदस्यों को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था। नगर निगम अफसर ने पुलिस को बताया कि गिरोह ने उनके कुछ आपत्तिजनक वीडियो क्लिप वायरल करने की धमकी देकर उनसे तीन करोड़ रुपये की मांग की थी। ये क्लिप खुफिया तरीके से तैयार किये गये थे।
इस बीच, पुलिस को जांच में कुछ नये सुराग मिलने के बाद इस मामले के तार कई स्थानों से जुड़ गये हैं।गिरोह के छह गिरफ्तार आरोपियों में शामिल आरती दयाल (29) और मोनिका यादव (18) की पुलिस हिरासत अवधि एक स्थानीय अदालत ने कल रविवार को 28 सितंबर तक के लिये बढ़ा दी थी। शेष चार आरोपी न्यायिक हिरासत के तहत स्थानीय जेल में बंद हैं।
गिरोह के जाल में राजनेताओं और नौकरशाहों समेत कई रसूखदारों के फंसने का संदेह है। मामले में प्रदेश सरकार के गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की सदस्य और इंदौर की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रुचिवर्धन मिश्र ने बताया है कि यह कोई छोटा-मोटा मामला नहीं है। जब तक हमें संबंधित लोगों के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिल जाते, तब तक उनके नामों का खुलासा नहीं किया जा सकता।