डेढ़ घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन में मिली कामयाबी 70 फीट गहरे कुएं में गिरे ऊदबिलाव को जीवनदान

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 21, 2019 07:22 AM2019-07-21T07:22:08+5:302019-07-21T07:22:08+5:30

ऊदबिलाव का शुमार अप्राप्य प्राणियों में होता है. वह ज्यादातर श्मशानभूमि में रहता है. माना जाता है कि, वह श्मशानभूमि में रहकर छिन्नविछिन्न मांस के टुकड़ों को खाकर परिसर को स्वच्छ रखता है, इसलिए उसे स्वच्छता का दूत भी कहा जाता है.

Lifting the oven to 70 feet deep in the well during the one-and-a-half-hour rescue operation | डेढ़ घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन में मिली कामयाबी 70 फीट गहरे कुएं में गिरे ऊदबिलाव को जीवनदान

representational image/सूखे गले को तर करने के लिए एक ऊदबिलाव को सही-सलामत बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया

Highlightsसूखे गले को तर करने के लिए एक ऊदबिलाव को सही-सलामत बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन किया गयासर्पमित्र बाल कालणे के अनुसार उन्हें अब तक चार ऊदबिलावों को जीवनदान देने में कामयाबी मिली है. 

विलंब से पहुंचे मानसून की बेरुखी के कारण जहां किसान चिंतित हैं, वहीं मनुष्यों के अलावा वन्यजीव भी परेशान नजर आ रहे हैं. पानी की तलाश में वन्यजीव जान पर खेलने को आमादा नजर आ रहे हैं. सूखे गले को तर करने के लिए एक ऊदबिलाव को सही-सलामत बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया, जिसमें सर्पमित्र एवं वन विभाग के अधिकारियों को कामयाबी मिली.

स्थानीय खड़की परिसर में नागे परिवार का खेत है,जिसमें एक कुआं है.उसकी गहराई 70 फीट है. शनिवार सुबह कुएं में एक ऊदबिलाव नजर आया. नागे ने घटना की जानकारी मानद वन्यजीव रक्षक बाल कालणे सहित वन परिक्षेत्र अधिकारियों को दे दी. सूचना मिलते ही बाल कालणे एवं वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रवीण सरप एवं अनिल चौधरी मौके पर पहुंच गए.

मौके पर क्रेन बुलाया गया, जिसकी सहायता से बाल कालणे एवं अनिल चौधरी कुएं में उतरे तथा उन्होंने ऊदबिलाव को बगैर कोई तकलीफ दिए पकड़ा तथा बोरे में भरकर कुएं से बाहर आ गए. इस रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मौके पर श्रीकांत गावंडे, मनीष बुंदेले के अलावा खिड़की परिसर के नागरिक कुएं केपास जमा हो गए थे. उल्लेखनीय है कि, कैंसर का इलाज करा रहे बाल कालणे वन्यजीवों की सेवा में अपनी सेहत को दरकिनार करने से पीछे नहीं हट रहे हैं.

किसी के सूचित करने पर वह वन्यजीव को जीवनदान देने मौके पर पहुंच ही जाते हैं.

स्वच्छता का दूत 'ऊदबिलाव'... बताते हैं कि, ऊदबिलाव का शुमार अप्राप्य प्राणियों में होता है. वह ज्यादातर श्मशानभूमि में रहता है. माना जाता है कि, वह श्मशानभूमि में रहकर छिन्नविछिन्न मांस के टुकड़ों को खाकर परिसर को स्वच्छ रखता है, इसलिए उसे स्वच्छता का दूत भी कहा जाता है. सर्पमित्र बाल कालणे के अनुसार उन्हें अब तक चार ऊदबिलावों को जीवनदान देने में कामयाबी मिली है. 

Web Title: Lifting the oven to 70 feet deep in the well during the one-and-a-half-hour rescue operation

ज़रा हटके से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे