कनाडा में लगी इमरजेंसी तो ट्रेंड करने लगा 'खालिस्तान', किसान आंदोलन की याद दिलाकर यूजर्स ने पूछा- अब क्राउडफंडिंग आतंकवाद कैसे बन गया
By विनीत कुमार | Published: February 15, 2022 11:18 AM2022-02-15T11:18:14+5:302022-02-15T11:23:55+5:30
कनाडा में पिछले कई दिनों से जारी विरोध-प्रदर्शनों से निपटने के लिए प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आपातकाल की घोषणा कर दी। ऐसे में कई भारतीय लोगों ने किसान आंदोलन की याद दिलाकर ट्रूडो की आलोचना की है।
नई दिल्ली: कनाडा में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कोविड-19 प्रतिबंधों के खिलाफ हो रह प्रदर्शनों से निपटने के लिए इमरजेंसी की घोषणा कर दी है। कुछ दिन पहले हालात ऐसे हो गए थे कि ट्रूडो को अपने परिवार सहित गुप्त स्थान पर जाना पड़ा था। ट्रूडो ने भारत में किसान आंदोलन के लिए समर्थन जताया था। ऐसे में कना़डा में इमरजेंसी लगाने के ट्रूडो के फैसले के बाद ट्विटर पर 'खालिस्तान' ट्रेंड करने लगा।
दरअसल, कना़डा में इमरजेंसी की घोषणा के साथ क्राउडफंडिंग को लेकर नियम सख्त कर दिए गए हैं। माना जा रहा है कि ये कदम प्रदर्शनकारियों को मिल रही वित्तीय सहायता को रोकने के लिए उठाया गया है। ऐसे में कई भारतीय यूजर्स ट्वीट कर ट्रूडो को आइना दिखाने की कोशिश करते नजर आए। दरअसल किसान आंदोलन के समय भी खलिस्तान का नाम आया था और ऐसे आरोप लगे थे कि कनाडा और दुनिया के कुछ अन्य देशों में बैठकर खालिस्तान समर्थक भारत में आंदोलन को हवा दे रहे हैं। साथ ही खालिस्तान समर्थकों पर वित्तीय सहायता पहुंचाने का भी आरोप लगा था।
कना़डा में इमरजेंसी, ट्विटर पर खालिस्तान करने लगा ट्रेंड
एक यूजर ने लिखा, 'विरोध-प्रदर्शनों के लिए कनाडा में क्राउडफंडिंग अब आतंकवाद है। इस बीच हमने कनाडा के खालिस्तानियों को बिना किसी कार्रवाई के राष्ट्रीय राजधानी में कानून और व्यवस्था को पूरी तरह से ध्वस्त करने के लिए उदारतापूर्वक धन देने दिया।'
Crowdfunding in Canada for protests is now terrorism
— 𝐀𝐧𝐤𝐢𝐭𝐚 :): 🕉️🇮🇳 (@DareDevilAnk) February 15, 2022
Meanwhile we let Canadian Khalistanis generously fund a complete collapse of law and order in the national capital with no consequence 😅#Canada#JustinTrudeau#CanadaHasFallenpic.twitter.com/1pHgmevM3K
एक और यूजर ने लिखा, 'कनाडा में नाकेबंदी अवैध है लेकिन जब भारत की बात आती है तो नई दिल्ली के राष्ट्रीय राजमार्ग को एक साल के लिए अवरुद्ध करना एक लोकतांत्रिक अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है? ऐसा दोहरापन क्यों जस्टिन ट्रूडो? क्या ये केवल राजनीति और खालिस्तान को आत्मसमर्पण है।'
Canadian blockades are illegal but when it comes to India, blocking the national highway to New Delhi for a year is a democratic right and freedom of expression?
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) February 14, 2022
Why such blatant hypocrisy, @JustinTrudeau? Or just politics & surrendering to Khalistanis? pic.twitter.com/pMhiUdWDAd
Canada Fallen to a communist dictatorship. #CanadaHasFallen is It True...?
— Anita Verma अनीता वर्मा (@anitaverma41) February 15, 2022
Khalistanis
Canadian PM Trudeau announces Martial Law pic.twitter.com/XNvOaepKDx
एक यूजर ने पूछा, 'क्या अब आप खालिस्तानियों के बैंक अकाउंट भी फ्रीज करेंगे जो भारत में अशांति फैलाने की कोशिश करते रहते हैं।'
Hey @JustinTrudeau
— A1mit 🇮🇳 (@A1mit) February 15, 2022
Will you aslo seize bank accounts of Khalistanis who are patently Terrorizers planning for disintegration if India ?
Just asking ! https://t.co/0rBCqJsMOb
फ्रीज होंगे प्रदर्शनकारियों को सहायता पहुंचा रहे बैंक खाते
कनाडा में लागू हुए आपातकाल के बाद बैंक और वित्तीय संस्थान अस्थायी तौर पर उन संदिग्धों के खातों को फ्रीज कर सकते हैं जो रास्तों को रोके जाने या प्रदर्शनों का समर्थन कर रहे हैं। कनाडा के इमरजेंसी एक्ट के तहत इस कार्रवाई के लिए किसी कोर्ट के आदेश की भी जरूरत नहीं होगी। साथ ही विरोध-प्रदर्शनों में इस्तेमाल हो रही गाड़ियों के इंश्योरेंस को भी निलंबित किया जा सकता है।
कनाडा में पिछले कई दिनों से विरोध प्रदर्शन जारी हैं। ट्रक ड्राइवरों के लिए कोविड-19 वैक्सीन को अनिवार्य बनाने के फैसले का भी काफी विरोध ट्रूडो को झेलना पड़ा है। पिछले महीने विरोध जताते हुए हजारों की संख्या में ट्रक चालक अपनी ट्रकों सहित राजधानी में दाखिल हो गए थे। इसके बाद सुरक्षा कारणों से ट्रूडो को परिवार सहित गुप्ता स्थान पर जाना पड़ा था।
ट्रुडो ने बहरहाल सेना का इस्तेमाल करने की संभावना से इनकार किया और सोमवार को कहा कि आपातकालीन कदम ‘निश्चित समय सीमा के लिए लगाए जाएंगे, भौगोलिक आधार पर लागू किए जाएंगे और जिस खतरे से निपटने के लिए उन्हें लागू किया गया है, वे उसके अनुपात में एवं तार्किक तरीके से लागू किए जाएंगे।’